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Delhi University: नए सत्र से मनोविज्ञान और Math आनर्स में स्नातक शुरू करेगा SOL, सिलेबस तैयार करने का काम शुरू

DU SOL दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) का स्कूल आफ ओपन लर्निंग (एसओएल) नए शैक्षणिक सत्र (2023-24) में मनोविज्ञान और गणित (आनर्स) में दो स्नातक कोर्स शुरू करेगा। इन दोनों कोर्सेज को शुरू करने के लिए एसओएल ने पाठ्यसामग्री तैयार कराने का काम भी शुरू कर दिया है।

By Rahul ChauhanEdited By: GeetarjunPublished: Sun, 15 Jan 2023 10:53 PM (IST)Updated: Sun, 15 Jan 2023 10:53 PM (IST)
Delhi University: नए सत्र से मनोविज्ञान और Math आनर्स में स्नातक शुरू करेगा SOL, सिलेबस तैयार करने का काम शुरू
नए सत्र से मनोविज्ञान और Math आनर्स में स्नातक शुरू करेगा SOL, सिलेबस तैयार करने का काम शुरू

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) का स्कूल आफ ओपन लर्निंग (एसओएल) नए शैक्षणिक सत्र (2023-24) में मनोविज्ञान और गणित (आनर्स) में दो स्नातक कोर्स शुरू करेगा। इन दोनों कोर्सेज को शुरू करने के लिए एसओएल ने पाठ्यसामग्री तैयार कराने का काम भी शुरू कर दिया है। साथ ही दूरस्थ शिक्षा परिषद से सीटों की संख्या निर्धारित करने का प्रस्ताव भी भेज दिया है। अब इन्हें डीयू की अकादमिक परिषद और कार्यकारी परिषद से औपचारिक मंजूरी मिलना बाकी है।

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25 जनवरी को होने वाली अकादमिक परिषद और तीन फरवरी को होने वाली कार्यकारी परिषद की बैठक में इन्हें मंजूरी मिल जाएगी। एसओएल की निदेशक प्रो. पायल मागो ने बताया कि डीयू के अलग-अलग कालेजों में मनोविज्ञान स्नातक रेग्युलर कोर्स में करीब 350 सीटें हैं। जबकि गणित (आनर्स) में करीब तीन हजार सीटें है।

इसलिए दूरस्थ शिक्षा परिषद से दोनों कोर्सेज में दाखिले के लिए तीन गुनी सीटों को मंजूरी मिलने की संभावना है। पहले भी रेग्युलर सीटों की संख्या के तीन गुना सीटें दूरस्थ माध्यम के कोर्सेज के लिए मंजूर की जाती रही हैं। इसलिए मनोविज्ञान कोर्स के लिए एक हजार से अधिक और गणित (आनर्स) के लिए करीब तीन हजार सीटों को मंजूरी मिल जाएगी।

इस साल जुलाई में नए सत्र से हम दोनों कोर्सेज में दाखिले शुरू कर देंगे। इसके बाद अगले सत्र से पर्यावरण विज्ञान, कंप्यूटर विज्ञान और सांख्यिकी में भी स्नातक कोर्सेज शुरू करेंगे। उन्होंने बताया कि सरकार का लक्ष्य आनलाइन और दूरस्थ माध्यम से अधिक से अधिक लोगों तक उच्च शिक्षा को पहुंचाना है। जिससे सरकारी खर्च भी कम हो और कामकाज में लगे लोग भी पढ़ाई कर सकें।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 18 से 24 वर्ष की आयु के युवाओं के उच्च शिक्षा में नामांकन अनुपात को बढ़ाने की परिकल्पना की गई है। वर्तमान में यह 27 प्रतिशत है। इसे 2035 तक 50 प्रतिशत करने का लक्ष्य सरकार ने तय किया है। जो दूरस्थ शिक्षा में कोर्सेज को बढ़ाने से ही पूरा होगा। एसओएल ने पिछले साल भी पांच नए कोर्स शुरू किए थे।

इस साल एसओएल में 1.28 लाख छात्रों ने लिया दाखिला

प्रो. पायल मागो ने बताया कि इस साल एसओएल में कुल एक लाख 28 हजार छात्रों ने दाखिला लिया है। पिछले साल यह संख्या एक लाख 20 हजार थी। लेकिन, इस साल दो महीने में ही इतने दाखिले हो गए। जबकि पिछले साल कई महीने तक दाखिला प्रक्रिया चली थी। उन्होंने बताया कि रेग्युलर कोर्सेज की दाखिला प्रक्रिया खत्म होने के बाद जिन छात्रों को दाखिला नहीं मिला है वे एसओएल में फिर से दाखिले शुरू करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन, अब हम फिर से दाखिले शुरू नहीं कर सकते हैं। हमारी दाखिला प्रक्रिया 15 नवंबर को पूरी हो चुकी है।


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