फिल्म अभिनेता श्रेयस तलपड़े ने कहा- अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म करना है सपना
श्रेयस तलपड़े ने कहा कि जागरण फिल्म फेस्टिवल के जरिये उन फिल्म निर्माताओं व लेखकों को मंच मिलेगा, जो अर्थपूर्ण फिल्में बनाना चाहते हैं।
गुरुग्राम (प्रियंका दुबे मेहता)। दैनिक जागरण के तत्वावधान में आयोजित किए जा रहे नौवें जागरण फिल्म फेस्टिवल की गूंज सुनाई देने लगी है। फेस्टिवल के प्री इवेंट में हिस्सा लेने गुरुवार को साइबर सिटी गुरुग्राम आए फिल्म अभिनेता श्रेयस तलपड़े ने मास्टर टॉक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। जागरण फिल्म फेस्टिवल के बारे में बताते हुए श्रेयस ने कहा कि यह फेस्टिवल जिस तरह की मीनिंगफुल फिल्मों के प्रदर्शन का मंच देता है, उससे आम लोगों में जागरूकता आएगी और ऐसी फिल्मों को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि यह अब तक का सबसे बड़ा ब्रांडेड फिल्म फेस्टिवल है, जो अलग-अलग शहरों में आयोजित किया जाता है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म करना उनका सपना रहा है।
दिल्ली के सिरीफोर्ट ऑडिटोरियम में 29 जून से तीन जुलाई 2018 तक जागरण फिल्म फेस्टिवल का आयोजन होने जा रहा है। शुक्रवार को श्रेयस ने साइबर सिटी स्थित ग्रुप एम, सेक्टर 44 स्थित ओएमडी ओम्नीकॉम मीडिया और लोडस्टार यूएम जैसी कंपनियों में मास्टर टॉक कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान वह कर्मचारियों से भी मिले और लोगों के सवालों का जवाब दिया।
उन्होंने कहा कि जागरण फिल्म फेस्टिवल के जरिये उन फिल्म निर्माताओं व लेखकों को मंच मिलेगा, जो अर्थपूर्ण फिल्में बनाना चाहते हैं। जब लोगों तक ऐसी कहानी पहुंचेगी, तो उनकी दिलचस्पी इस तरह के फिल्मों में बढ़ेगी और इंडस्ट्री को एक नई दिशा व मार्ग मिल सकेगा।
श्रेयस ने कहा कि पहली बार वह इस फेस्टिवल का हिस्सा बन रहे हैं और इसे लेकर उन्हें गर्व है। इस आयोजन को लेकर वह बेहद उत्साहित हैं। श्रेयस इन दिनों फिल्म तीन-दो-पांच की शूटिंग में व्यस्त हैं। इस फिल्म के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि फिल्म वास्तविक जीवन के अनुभवों पर आधारित है, जिसमें एक घोड़े और उसके मालिक की कहानी है।
उन्होंने यह भी कहा कि फिल्म गोलमाल-5 भी बनाने की तैयारी चल रही है, जिसका लेखन शुरू हो गया है। अपने व्यक्तिगत जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि वह अकाउंट्स के स्टूडेंट थे, लेकिन किस्मत उन्हें फिल्मों में खींच लाई। जब फिल्म इकबाल के लिए ऑडिशन देने को कहा गया तो उन्हें यह नहीं पता था कि वह लीड रोल करने वाले हैं।
उन्होंने कहा, मैं अपने कॉलेज की ड्रामा टीम का हिस्सा था और नाटकों में सीता व द्रौपदी जैसे रोल भी अदा कर चुका हूं। उन्होंने कहा कि फिल्म निर्देशक नागेश कुकुनूर के ऑफिस से आई एक कॉल उनकी जिंदगी का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। अपनी पसंदीदा फिल्म के बारे में बताते हुए श्रेयस ने कहा कि गोलमाल और इकबाल से भी अधिक फिल्म डोर उनके दिल के करीब है।