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    Weather Study: गर्मी-प्री मानसून को लेकर दिल्ली में टूटे कई रिकार्ड, स्टडी में सामने आई कई चौंकाने वाली बात

    By Jp YadavEdited By:
    Updated: Fri, 08 Jul 2022 07:03 AM (IST)

    Weather Study सेंटर फार साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) के एक नए अध्ययन के अनुसार दिल्ली-एनसीआर में पिछले डेढ़ दशक के दौरान मौसम में काफी बदलाव आया है। इसका असर पर्यावरण के साथ धरती के भीतर भी नजर आया है।

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    Weather Study: दिल्ली में गर्मी और प्री-मानसून को लेकर स्टडी में आई चौंकाने वाली बात, टूटा 6 साल का रिकार्ड

    नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। ग्लोबल वार्मिंग के असर से दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर में वातावरण पर इसका असर साफ देखा जा रहा है। दिल्ली-एनसीआर में भीषण गर्मी, असमय बारिश और ठंड लगातार रिकार्ड तोड़ रही है। इसका ही असर है कि देश के दूसरे सबसे गर्म प्री-मानसून सीजन के रूप में इस साल गर्मी या प्री-मानसून सीजन 2016 के रिकार्ड से आगे निकल गया है। यह एक स्टडी से पता चला है। 

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    वहीं सर्दी और मानसून के बाद के मौसम भी तेजी से गर्म हो रहे हैं। सेंटर फार साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, दिल्ली में भूमि की सतह का तापमान 2010 के बाद से सबसे अधिक रहा है।

    वार्मिंग प्रवृत्ति को व्यापक रूप से समझने के लिए सीएसई के इस अध्ययन ने गर्मी के तनाव के सभी तीन आयामों - सतही वायु तापमान, भूमि की सतह के तापमान और सापेक्ष आ‌र्द्रता को कवर करके तापमान प्रवृत्तियों का विश्लेषण किया है।

    अध्ययन में कहा गया है कि दिल्ली में हवा का तापमान 2010 की तुलना में 1.77 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म रहा है. जबकि भूमि की सतह का तापमान 1.95 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म है। सीएसई के विश्लेषण के अनुसार, जून 2022 में दैनिक औसत ताप सूचकांक 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया।

    दिल्ली में मार्च और अप्रैल असामान्य रूप से शुष्क रहे हैं, लेकिन मई में छिटपुट बरसात के साथ आ‌र्द्रता बढ़ने लगी, लेकिन आ‌र्द्रता में इस वृद्धि से शहर में गर्मी सूचकांक में वृद्धि हुई है, जो आबादी के बीच थर्मल असुविधा में वृद्धि का संकेत देता है।

    अध्ययन बताता है कि भूमि की सतह का उच्चतम तापमान 16 मई 2020 को देखा गया था, जब शहर की सीमा के भीतर 53.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। इसके बाद 14 मई 2022 को अधिकतम भूमि की सतह का तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। पिछले वर्षों में, अधिकतम भूमि की सतह का तापमान देखा गया था।

    अध्ययन के मुताबिक मई 2022 में हीटवेव के दौरान, दिल्ली भर में भूमि की सतह का तापमान 38 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला गया, जो ''असामान्य था। औसत भूमि की सतह का तापमान दैनिक औसत हवा के तापमान से अधिक हो रहा है।

    अध्ययन के मुताबिक औद्योगिक और कृषि क्षेत्र में मार्च से मई के बीच भूमि की सतह के तापमान में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई है। उत्तर, दक्षिण-पश्चिम और उत्तर-पश्चिम दिल्ली में शहर की परिधि के क्षेत्रों में 19 मार्च से 14 मई, 2022 तक अत्यधिक उच्च सतह के तापमान में वृद्धि देखी गई है।

    अध्ययन में आगे यह भी कहा गया है कि मई में जलाशयों का तापमान भी बढ़कर 29-30 डिग्री सेल्सियस हो गया, जो मार्च में 27 डिग्री सेल्सियस से नीचे था।

    शहर के स्टेशनों के बीच हवा के तापमान में भिन्नता पर सीएसई के विश्लेषण के अनुसार, चांदनी चौक में 14 मई, 2022 को उच्चतम औसत हवा का तापमान 40.39 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, इसके बाद पंजाबी बाग में 40.29 डिग्री सेल्सियस, मुंडका में 39.5 डिग्री सेल्सियस और पहाड़गंज में 39.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

    सीएसई ने कहा कि शहर के विश्लेषण का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन से प्रेरित बेमौसम हीटवेव के संयुक्त प्रभाव को समझना था। अध्ययन तापमान विसंगतियों के तुलनात्मक सांख्यिकीय विश्लेषण और भारतीय शहरों और क्षेत्रों में गर्मी से संबंधित प्रभाव पर आधारित है।