सुनंदा पुष्कर मामलाः बढ़ सकती हैं शशि थरूर की मुश्किलें, HC ने दिल्ली पुलिस को भेजा नोटिस
हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर केस की प्रगति रिपोर्ट मांगी है। हाई कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 25 सितंबर की तिथि तय की है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। सुनंदा पुष्कर की संदिग्ध मौत मामले में उनके पति और कांग्रेस के नेता शशि थरूर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। शशि थरूर की अग्रिम जमानत को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। सुनंदा पुष्कर के परिजन के वकील ने हाई कोर्ट में शशि थरूर की अग्रिम जमानत रद्द करने के लिए याचिका दायर की है।
याचिका पर संज्ञान लेते हुए हाई कोर्ट ने मामले में दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर केस की प्रगति रिपोर्ट मांगी है। साथ ही हाई कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 25 सितंबर की तिथि निर्धारित की है। मालूम हो कि इससे पहले एक अगस्त को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने शशि थरूर को सशर्त कनाडा जाने की अनुमति प्रदान की थी।
विदेश जाने की अनुमति देने से पहले कोर्ट इसी केस में शशि थरूर को सशर्त अग्रिम जमानत भी दे चुकी है। कोर्ट ने शशि थरूर को साक्ष्यों से छेड़छाड़ न करने और बिना अनुमति देश छोड़कर न जाने का आदेश दिया है। इसी वजह से शशि थरूर को कनाडा जाने के लिए कोर्ट से अनुमति लेनी पड़ी थी।
विदेश जाने के लिए कोर्ट ने शशि थरूर को जमानत राशि के तौर पर फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर (एफडीआर) में दो लाख रुपये जमा कराने का आदेश दिया है। विदेश से लौटने के बाद शशि थरूर एफडीआर में जमा जमानत राशि वापस प्राप्त कर सकते हैं। इस केस में शशि थरूर पहले से ही अग्रिम जमानत पर हैं।
मालूम हो कि शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की 17 जुलाई 2014 को दिल्ली के एक आलीशान होटल में संदिग्ध परिस्थितयों में मौत हो गई थी। उन्हें होटल के कमरे में मृत पाया गया था। उस वक्त शशि थरूर होटल में मौजूद नहीं थे।
पहले मामले को सुनंदा पुष्कर द्वारा आत्महत्या करने के तौर पर देखा जा रहा था। हालांकि अब भी जांच एजेंसी सुनंदा पुष्कर की मौत की कड़ियों को जोड़ने में असफल रही है। इस वजह से मामले में शशि थरूर के खिलाफ आइपीसी की धारा 498ए और 306 के तहत कोर्ट में केस चल रहा है। आइपीसी 498ए पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा महिला की प्रताड़ना का मामला है। आइपीसी 306 किसी को आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा है।