Move to Jagran APP

'मैक्स हॉस्पिटल अपराध के लिए अभ्‍यस्‍त, इसलिए करनी पड़ी कार्रवाई"

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री सत्‍येंद्र जैन ने कहा है कि शालीमार स्थिति मैक्‍स अस्‍पताल एक अभ्‍यस्‍त अपराधी बन गया है। इसलिए उनके लाइसेंस रद करना जरूरी हो गया था।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sat, 09 Dec 2017 11:22 AM (IST)Updated: Sat, 09 Dec 2017 06:59 PM (IST)
'मैक्स हॉस्पिटल अपराध के लिए अभ्‍यस्‍त, इसलिए करनी पड़ी कार्रवाई"

नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्‍ली सरकार ने मैक्‍स अस्‍पताल के खिलाफ की गई कार्रवाई को जायज ठहराते हुए कहा है कि इसके अलावा सरकार के पास कोई विकल्‍प नहीं था। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री सत्‍येंद्र जैन ने कहा है कि शालीमार स्थिति मैक्‍स अस्‍पताल एक अभ्‍यस्‍त अपराधी बन गया है। इसलिए उनके लाइसेंस रद करना जरूरी हो गया था।

loksabha election banner

बजा दें कि जीवित बच्चे को मृत बताकर उनके परिजनों को देने के मामले में दिल्ली सरकार ने शालीमार बाग मैक्स अस्पताल के खिलाफ शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए अस्पताल का लाइसेंस रद कर दिया था। शुक्रवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने अपने बयान में कहा था कि नवजात मृत्यु के मामले में लापरवाही अस्वीकार्य है।

उधर, लाइसेंस रद होने का नोटिस मिलने पर अस्पताल प्रशासन ने इसे बेहद कड़ा फैसला बताते हुए कहा कि हमारी दलीलें ठीक तरह से नहीं सुनी गईं व पर्याप्त सुनवाई का मौका नहीं मिला। इस गलती के लिए व्यक्तिगत कारण जिम्मेदार है जिसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की गई थी। सरकार द्वारा लिए गए फैसले से राष्ट्रीय राजधानी में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी आएगी और मरीजों के सामने समस्या उत्पन्न होगी।

यह भी पढ़ें: जिंदा बच्चे को मरा बताकर फंसा MAX अस्पताल, आज हो सकती है बड़ी कार्रवाई

अस्‍पताल का तर्क है कि बच्चे को मृत बता कर परिजनों को देने के मामले में दिल्ली के शालीमार बाग मैक्स अस्पताल ने कार्रवाई करते हुए दो डॉक्टरों को निकाल दिया था। अस्पताल ने बयान जारी करते हुए कहा था कि जांच जारी है लेकिन बच्चे का इलाज कर रहे डॉक्टर एपी मेहता और डॉक्टर विशाल गुप्ता को निकालने का फैसला किया गया है। बच्चे के परिजन अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। 

क्‍या था मामला

गौरतलब है कि बीते 30 नवंबर की सुबह मैक्स अस्पताल में एक महिला ने जुड़वां बच्चों (एक लड़का और एक लड़की) को जन्म दिया था। बच्ची मृत पैदा हुई थी। अस्पताल ने बच्चे के माता-पिता को बताया कि दोनों बच्चे मृत पैदा हुए हैं और उन्हें दोनों बच्चे एक पॉलीथिन बैग में सौंप दिए गए, लेकिन उनके अंतिम संस्कार से ठीक पहले परिवार ने पाया कि एक बच्चा जीवित है। 

यह भी पढ़ें: जिंदा ही नहीं ये शख्स मुर्दा लड़कियों से भी करता था रेप, कोर्ट से मिली फांसी की सजा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.