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Delhi Violence: एनकाउंटर के डर से बरेली के ड्रग्स माफिया के अड्डे से भागा शाहरुख

वीडियो वायरल होते ही शाहरुख की पुलिस ने पहचान कर ली तो वह जालंधर होते हुए बरेली भाग गया।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 03 Mar 2020 11:32 PM (IST)Updated: Tue, 03 Mar 2020 11:32 PM (IST)
Delhi Violence: एनकाउंटर के डर से बरेली के ड्रग्स माफिया के अड्डे से भागा शाहरुख
Delhi Violence: एनकाउंटर के डर से बरेली के ड्रग्स माफिया के अड्डे से भागा शाहरुख

नई दिल्ली, राकेश कुमार सिंह। वीडियो वायरल होते ही शाहरुख की पुलिस ने पहचान कर ली तो वह जालंधर होते हुए बरेली भाग गया। यहां ड्रग्स माफिया के अड्डे पर वह छिपा था। लेकिन, जब क्राइम ब्रांच ने नारकोटिक्स सेल की मदद से यहां शिकंजा कसा तो वह बरेली से भाग निकला। दरअसल, दिल्ली पुलिस की तीसरी बटालियन में तैनात हेड कांस्टेबल दीपक दहिया पर पिस्टल तानने की वजह से उसे डर था कि मुठभेड़ हुई तो पुलिस उसका एनकाउंटर कर देगी। ऐसे में दिल्ली पुलिस के बरेली पहुंचते ही वह भाग निकला। उसने नारकोटिक्स सेल के पुलिसकर्मियों से संपर्क साध कर आत्मसमर्पण की इच्छा भी जताई थी।

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नारकोटिक्स सेल की मदद से क्राइम ब्रांच ने कस दिया था शिकंजा

ड्रग्स तस्करी का देश में इस समय सबसे बड़ा हब बरेली जिले को माना जाता है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक बरेली के कस्बा मीरगंज, मिलख और फतेहगंज से ही ज्यादातर ड्रग्स तस्करी होती है। क्राइम ब्रांच की नारकोटिक्स सेल ड्रग्स तस्करों के नेटवर्क पर नजर रखती है, जिससे इस सेल के कर्मियों को दिल्ली सहित आसपास के राज्यों के बड़े ड्रग्स माफिया की पूरी जानकारी रहती है। शाहरुख की मां भी बरेली के मीरगंज की रहने वाली है। शावर पठान के ड्रग्स तस्करी का धंधा छोड़ देने पर अब कई सालों से वही ड्रग्स का धंधा करने लगी। उसके भी बरेली के ड्रग्स माफिया से बेहतर संबंध हैं।

ड्रग्स माफिया की शरण में पहुंच था शाहरुख

24 फरवरी को करीब एक घंटे बाद जब वह घर पहुंचा तो निजी चैनलों पर तस्वीरें चलते देख परिवार के सभी सदस्य दहशत में आ गए। पुलिस की कॉल आने पर वह मोबाइल बंद करके घर से भाग गया। अगले दिन पंजाब चला गया फिर वहां से बरेली चला गया। पुलिस का दबाव बढ़ा तो 25 फरवरी को उसकी मां भी बरेली भाग गई। इसके बाद 26 फरवरी को पिता शावर पठान बेटी व दोनों बेटे के साथ बरेली पहुंच गए। पहले तो दिल्ली की पुलिस शाहरुख को दबोचने के लिए प्रयास करती रही। उन्हें जब पता चला कि वह बरेली में ड्रग्स माफिया की शरण में पहुंच गया है और उन्हीं के अड्डे पर छिपा है तो हाथ खड़े कर दिए। इसके बाद 26 फरवरी को शाहरुख को गिरफ्तार किए जाने की जिम्मेदारी स्पेशल सेल को दी गई।

पुलिस ने दबाव बनाकर शाहरुख को दबोचा

इसके बाद सेल ने बरेली जिले में डेरा डाल दिया। यहां मीरगंज, मिलख व फतेहगंज ऐसे कस्बे हैं, जिसमें कई बड़े ड्रग्स माफिया रहते हैं। इन कस्बों में जाकर किसी को पकड़ना बेहद मुश्किल है, क्योंकि यहां हर सड़क पर ड्रग्स माफिया की नजर रहती है। यही वजह है कि स्थानीय पुलिस व स्पेशल सेल को सफलता नहीं मिली। हालांकि क्राइम ब्रांच ने नारकोटिक्स सेल के जरिये दबाव बनाकर शाहरुख को दबोच लिया।

हाथ पैर मारने के बाद भी पुलिस शाहरुख को दबोच नहीं सकी

घटना के एक घंटे बाद जब शाहरुख की पहचान हो गई तो पुलिस को लगा जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। ऐसे में पुलिस ने अति आत्मविश्वास का शिकार होकर मीडिया को बयान दे दिया। पुलिस को भरोसा था कि उसके जिन साथियों को वह कई बार बंद कर चुकी है, उन पर और शाहरुख के परिवार पर दबाव बनाकर वह उसे अगले ही दिन दबोच लेगी। हालांकि, 25 फरवरी को दिनभर हाथ पैर मारने के बाद भी पुलिस उसे दबोच नहीं सकी। इस पर पूर्व पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने शाहरुख को दबोचने की जिम्मेदारी सबसे स्पेशल सेल को सौंप दी थी।


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