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एक पेड़ बना मुसीबत, तिहाड़ जेल की सुरक्षा में लग सकती है सेंध

तिहाड़ जेल में सुरक्षा की लापरवाही का आलम यह है कि जेल परिसर में ऐसे पेड़ जो चारदीवारी के नजदीक होते हैं, उनके तने पर कंटीले तार को लपेट दिया जाता है

By Srishti VermaEdited By: Published: Fri, 15 Jun 2018 10:25 AM (IST)Updated: Fri, 15 Jun 2018 10:34 AM (IST)
एक पेड़ बना मुसीबत, तिहाड़ जेल की सुरक्षा में लग सकती है सेंध
एक पेड़ बना मुसीबत, तिहाड़ जेल की सुरक्षा में लग सकती है सेंध

पश्चिमी दिल्ली (गौतम कुमार मिश्रा)। तिहाड़ की सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लग सकती है। दरअसल, तिहाड़ की ऊंची चारदीवारी पर सात माह से एक पेड़ गिरा हुआ है। अब यह सूख भी चुका है, मगर इसे हटाने की जरूरत तक नहीं समझी गई है। लापरवाही का आलम यह है कि जेल परिसर में ऐसे पेड़ जो चारदीवारी के नजदीक होते हैं, उनके तने पर कंटीले तार को लपेट दिया जाता है, ताकि उस पर कोई चढ़ नहीं सके। चारदीवारी पर गिरे इस सूखे पेड़ पर यह प्रक्रिया भी नहीं अपनाई गई। वहीं, तिहाड़ जेल के उपमहानिरीक्षक एसएस परिहार से जब इस बाबत बात की गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया।

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तिहाड़ परिसर स्थित महानिदेशक कार्यालय से यदि आप लाजवंती फ्लाईओवर के नीचे से होते हुए गेट नंबर-तीन की ओर जाएंगे तो गेट नंबर- तीन के पास चारदीवारी पर गिरा हुआ यह सूखा पेड़ नजर आता है। वहां ग्रिल भी मुड़ी नजर आती है। इसके अलावा चारदीवारी के ऊपर कंटीले तार से की गई र्फेंंसग भी जगह-जगह मरम्मत की बाट जोह रही है। कई जगह तो कंटीले तार फुटपाथ पर गिर चुके हैं। वहीं, जेल परिसर के बाहर मुख्य सड़क पर तमिलनाडु पुलिस के जवान साइकिल से गश्त करते हैं, लेकिन उनके संज्ञान में यह मामला आया या नहीं, यह कहा नहीं जा सकता है। मगर, यह तिहाड़ की सुरक्षा व्यस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।

तिहाड़ के प्रवेश द्वारों पर बाहरी घेरे के तौर पर स्वचालित बैरियर गेट लगाए गए थे। सालभर से गेट नंबर-तीन के पास एक स्वचालित बैरियर गेट टूटा पड़ा है, लेकिन इसकी मरम्मत या नया गेट लगाने की जरूरत अभी तक नहीं समझी गई है। इस गेट के होने का सबसे बड़ा फायदा यह था कि मुख्य द्वार से पहले पूरी तलाशी के बाद ही वाहनों को प्रवेश की अनुमति मिलती थी, मगर अब यहां अवरोध नहीं होने के कारण सीधे मुख्य द्वार को खोलकर वाहनों को अंदर जाने दिया जाता है, जबकि पहले यहां दो स्तर की सुरक्षा थी।


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