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इंश्‍योरेंस सेक्टर : बीमा में सुरक्षित करें करियर, उड़ान भरेगी जिंदगी

कोरोना के बाद स्‍वास्‍थ्‍य चिंताएं बढ़ने से आजकल अब ज्यादातर लोग बीमा पालिसी अपने और स्वजन के लिए अनिवार्य मानने लगे हैं। यही कारण है कि वे इस तरह की पालिसीज ले भी रहे हैं ताकि किसी भी मुश्किल की स्थिति में वह और उनका परिवार सुरक्षित रहे।

By Prateek KumarEdited By: Tue, 18 Jan 2022 03:55 PM (IST)
इंश्‍योरेंस सेक्टर : बीमा में सुरक्षित करें करियर, उड़ान भरेगी जिंदगी
हेल्थ इंश्‍योरेंस होना सुरक्षा की एक गारंटी माना जाता है।

नई दिल्‍ली [धीरेंद्र पाठक]। कोरोना संक्रमण के कठिन दौर में स्वास्थ्य और जीवन के लिए बढ़ते जोखिम को देखते हुए बीमा यानी इंश्योरेंस की जरूरत तेजी से बढ़ी है। यही कारण है कि पिछले दो वर्षों में स्थापित कंपनियों के साथ तमाम आनलाइन कंपनियां भी इस क्षेत्र में सक्रिय होकर प्रतिस्पर्धी दरों पर बीमा सेवाएं उपलब्ध करा रही हैं। तेजी से बढ़ते कारोबार के चलते इस सेक्टर में एक्चुअरी से लेकर मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव तक हर स्तर पर नौकरी के अवसर बढ़ गए हैं...

कोरोना के बाद स्‍वास्‍थ्‍य चिंताएं बढ़ने से आजकल अब ज्यादातर लोग बीमा पालिसी अपने और स्वजन के लिए अनिवार्य मानने लगे हैं। यही कारण है कि वे इस तरह की पालिसीज ले भी रहे हैं, ताकि किसी भी मुश्किल की स्थिति में वह और उनका परिवार सुरक्षित रहे। दरअसल, कोरोना ने लोगों को यह बता दिया है कि कभी भी किसी को कुछ भी हो सकता है। दरअसल, हेल्थ इंश्‍योरेंस होना सुरक्षा की एक गारंटी माना जाता है। इससे फायदा यह रहता है कि अस्‍पताल में कैशलेस अच्‍छा उपचार मिलने में आसानी हो जाती है। अगर इस तरह की कोई पालिसी नहीं होती है, तो अस्‍पताल खर्च उठाना मुश्किल हो जाता है या फिर पैसे के अभाव में समय रहते सही उपचार नहीं मिल पाता है। इसलिए कोविड की पहली और दूसरी लहर देखने के बाद अब ज्‍यादा से ज्‍यादा लोग इंश्योरेंस लेना चाहते हैं। यह स्थिति सभी तरह के इंश्‍योरेंस में देखी जा रही है। बात चाहे लाइफ इंश्‍योरेंस और हेल्‍थ इंश्‍योरेंस की हो या फिर जनरल इंश्‍योरेंस या मोटर इंश्‍योरेंस की, सभी की मांग हाल के दिनों में बढ़ी है। ऐसे में जैसे-जैसे इंश्‍योरेंस की मांग बढ़ती जा रही है, इंश्‍योरेंस इंडस्‍ट्री भी ग्रोथ कर रही है और यहां युवाओं के लिए करियर अवसर भी बढ़ रहे हैं। उम्‍मीद की जा रही है कि आने वाले वर्षों में भी यह इंडस्‍ट्री इसी तरह से आगे बढ़ती रहेगी।

तेजी से बढ़ती इंडस्‍ट्री

देश में युवाओं की आबादी सबसे अधिक है। बुजुर्ग और मध्‍यम आयु वर्ग के लोग भी बड़ी संख्या में हैं। इन सभी को लाइफ कवर चाहिए, ताकि उनका जीवन सुरक्षित रहे। यही वजह है कि भविष्‍य को ध्‍यान में रखकर इंश्‍योरेंस कंपनियां भी तरह-तरह की पॉलिसी लाने पर जोर दे रही हैं। अगर रोजगार संभावनाओं की बात करें, तो आज यहां भी कमोबेश उसी तरह के वर्कफोर्स की आवश्‍यकता देखी जा रही है, जिस तरह से बैंकों में है। यहां इनके मार्केटिंग, एकाउंटिंग, एचआर, आपरेशन, एक्‍चुरियल, प्रोडक्‍ट और रिसर्च जैसे विभिन्‍न विभागों में जरूरी योग्‍यता और स्किल के आधार पर जाब पा सकते हैं। इसके अलावा, आनलाइन इंश्‍योरेंस प्‍लेटफार्म्‍स और स्‍टार्टअप्‍स के रूप में भी दिनोंदिन संभावनाएं बढ़ रही हैं। सबसे अच्‍छी बात यह है कि अगले पांच वर्षों तक इस इंडस्‍ट्री में बहुत अधिक संभावनाएं रहने वाली हैं।

जाब के अनेक अवसर

जहां तक इंश्‍योरेंस सेक्टर में करियर का सवाल है, तो यह इस पर निर्भर करता है कि आप कौन से फील्‍ड में या इसके कौन से फंक्‍शन में जाना चाहते हैं। जैसे अगर आपको सेल्‍स में करियर बनाना है तो ग्रेजुएट से लेकर एमबीए तक के युवाओं की यहां हायरिंग होती है, जहां फ्रंट लाइन सेल्‍स, सुपरवाइजरी लेवल, मिडल मैनेजमेंट लेवल, लीडरशिप लेवल जैसे अलग-अलग स्तरों पर अपनी योग्‍यता और अनुभव के आधार पर करियर बना सकते हैं। इसी तरह अगर आप एक्‍चुरियल सेक्‍शन में करियर बनाना है, तो इसके लिए स्‍पेसिफिक क्‍वालिफिकेशन के रूप में एक्‍चुरियल कोर्स किया हुआ होना चाहिए। सबसे अच्‍छी बात है कि यह कोर्स करते हुए आप कमाई भी कर सकते हैं। वहीं फाइनेंस सेक्‍शन में करियर बनाने के लिए एकाउंटिंग, सीए या एमबीए फाइनेंस बैकग्राउंड होना चाहिए। इसी तरह का एचआर का सेक्‍शन है, जहां आप ग्रेजुएशन, पोस्‍ट ग्रेजुएशन और एमबीए के बाद आ सकते हैं। एनालिटिक्‍स और डाटा साइंस का भी सेक्‍शन होता है। आज की तारीख में जिस तरह दूसरी तमाम कंपनियों में एनालिटिक्‍स की जरूरत है, उसी तरह से इंश्‍योरेंस में भी है। क्‍योंकि यहां भी एनालिटिक्‍स से जुड़े काम होते हैं। इंश्‍योरेंस कंपनियों में इनवेस्‍टमेंट का भी सेक्‍शन होता है।

इंश्‍योरेंस के रूप में जो पैसे आते हैं, उसे निवेश करने से संबंधित काम यह सेक्‍शन देखता है। अगर आपको यहां करियर बनाना है, तो आपको मार्केट का अनुभव होना चाहिए। चूंकि इंश्‍योरेंस रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के अंतर्गत आते हैं, इसलिए यहां आपरेशनल सेक्‍शन के अंतर्गत इंटरनल आडिट, कंप्‍लाएंस, रिस्‍क, क्‍लेम, अंडर राइटिंग, लीगल जैसे सब-सेक्‍शन भी होते हैं, यहां भी आप अपनी योग्‍यतानुसार करियर बना सकते हैं। इसी तरह से रिसर्च, इनोवेशन और डिजिटल जैसे विंग भी हैं। कुल मिलाकर, इंश्‍योरेंस इंडस्‍ट्री में अवसरों की कमी नहीं है। यह आपकी रुचि, अनुभव और शैक्षिक योग्‍यता पर निर्भर करता है कि आप किस तरह के एरिया और इंडस्‍ट्री में काम करना चाहते हैं।

आगे के सोच को प्राथमिकता

इंश्‍योरेंस इंडस्‍ट्री में आगे के सोच पर बहुत ध्‍यान दिया जाता है। यहां अगले पांच साल-दस वर्षों में आने वाले बदलावों और बाजार की जरूरतों को देखते हुए प्रोडक्‍ट/पालिसी बनायी जाती हैं, ताकि स्‍पर्धा में बने रह सकें और कंपनी भी आगे बढ़ती रहे। इसके लिए रिसर्च के साथ-साथ इनोवेशन पर भी इन कंपनियों का बहुत जोर रहता है। इसलिए जब भी ये कंपनियां अपने यहां प्रोफेशनल्‍स हायर करती हैं, तो यह देखती हैं कि आपमें एंप्‍लायबिलिटी कितनी है। आपने क्‍या-क्‍या सीख रखा है और कंपनी के लिए क्‍या नया कर सकते हैं। इसलिए जो भी युवा इस फील्‍ड में आना चाहते हैं, उनके लिए यह जरूरी है कि वे ग्रेजुएशन के अलावा जिस भी संबंधित एरिया में काम चाहते हैं, उससे संबंधित स्किल हासिल करने पर भी ध्‍यान दें। इससे आपके रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी और मार्केट के लिए उपयोगी भी बने रहेंगे। जैसे अगर आपको रिस्‍क मैनेजमेंट में करियर बनाना है, तो ग्रेजुएशन के अलावा इसमें कोई सर्टिफिकेशन होना चाहिए। अगर आपको इनवेस्‍टमेंट में करियर बनाना है, तो इसमें आपको मार्केट समझना होगा, इससे संबंधित कोई कोर्स, सर्टिफिकेशन करना होगा। इसी तरह अगर एनालिटिक्‍स करियर बनाना है, तो एनालिटिक्‍स या डाटा साइंस से संबंधित कोर्स करके इसमें अपनी स्किल बढ़ा सकते हैं। इसलिए यह बहुत जरूरी है पहले यह तय करना कि आपको करियर किसमें बनाना है। फिर उस संबंधित फील्‍ड से जुड़े कोर्स करने की दिशा में खुद को आगे बढ़ाना होगा।

सैलरी पैकेज

इंश्‍योरेंस सेक्‍टर में अगर आप सिर्फ ग्रेजुएट हैं, तो आपका सैलरी पैकेज तीन लाख रुपये से शुरू हो सकता है। साथ में सौ फीसदी तक इंसेंटिव और बोनस भी मिलता है। लेकिन यह आपके कार्यप्रदर्शन पर निर्भर करता है। अगर आपके पास क्‍वालिफिकेशन के साथ अनुभव भी है, तो यह सैलरी आठ से 10 लाख रुपये सालाना तक हो सकती है। वहीं जो लोग आपरेशनल और एक्‍चुरियल में काम करते हैं, उनका पैकेज छह लाख से लेकर 15 लाख रुपये तक हो सकता है।

प्रवीन मेनन

चीफ पीपुल आफिसर, इंडियाफर्स्‍ट लाइफ इंश्‍योरेंस कंपनी, मुंबई

प्रमुख संस्‍थान

दिल्‍ली यूनिवर्सिटी

www.du.ac.in

एमिटी स्कूल आफ इंश्योरेंस एंड एक्चुरियल साइंस, नोएडा

www.amity.edu

इंस्टीट्यूट आफ इंश्योरेंस एंड रिस्क मैनेजमेंट, हैदराबाद

www.iirmworld.org.in

टीकेडब्‍ल्‍यूएस इंस्‍टीट्यूट आफ बैंकिंग ऐंड फाइनेंस, नई दिल्‍ली

www.tkwsibf.org

इंस्‍टीट्यूट आफ एक्‍चुरीज आफ इंडिया, मुंबई

www.actuariesindia.org