दूसरी बार लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज होगी दिल्ली पुलिस, जानें किस कारण मिल रहा सम्मान
एक वर्ष में दो लाख महिलाओं और युवतियों को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दिए जाने के लिए दिल्ली पुलिस को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल किया जाएगा।
नई दिल्ली [लोकेश चौहान]। महिलाओं की सुरक्षा के साथ ही उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत करने के लिए दिल्ली पुलिस का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया जाएगा। दिल्ली पुलिस को यह सम्मान फरवरी में मिलेगा। एक वर्ष में दो लाख महिलाओं और युवतियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देकर दिल्ली पुलिस ने यह विश्व कीर्तिमान बनाया है। इसके पहले देश में सबसे अधिक नकदी की चोरी के मामले को सुलझाने के लिए दिल्ली पुलिस का नाम 2016 में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो चुका है।
महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष यूनिट
महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए दिल्ली पुलिस की तरफ से विशेष यूनिट का गठन किया गया था। इसे 'स्पेशल पुलिस यूनिट ऑफ वूमेन एंड चिल्ड्रेन' नाम दिया गया था। यह यूनिट महिलाओं और बच्चों के लिए कई कार्य कर रही है। इस क्रम में बच्चों को गुड टच व बैड टच के बारे में बताए जाने के साथ ही महिलाओं व युवतियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जाता है।
आत्मरक्षा के साथ सिखाते हैं मानिसक मजबूत होना
यूनिट में काम करने वाले विशेषज्ञ न सिर्फ आत्मरक्षा के गुर सिखाते हैं, बल्कि मानसिक रूप से मजबूत बनने के लिए भी तैयार करते हैं। महिलाओं और युवतियों को बताया जाता है कि अचानक किसी के द्वारा हमला किए जाने की स्थिति में उससे बचने के लिए वे क्या कर सकती हैं। किस प्रकार उसे पछाड़ सकती हैं। ऑटो या कैब में अकेली होने पर अगर कोई छेड़छाड़ करे तो कैसे उससे बच सकती हैं या कैसे सबक सिखा सकती हैं। इसके अलावा महिलाओं और युवतियों को कराटे का प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
2017 में यूनिट बनी मिसाल
दिल्ली पुलिस की स्पेशल यूनिट ने 2017 में दो लाख से अधिक महिलाओं व युवतियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया था। एक वर्ष में इतनी अधिक संख्या में महिलाओं व युवतियों को प्रशिक्षित किए जाने के लिए ही दिल्ली पुलिस का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया जाएगा।
पुलिस अधिकारी के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति 40-50 की संख्या में महिलाओं व युवतियों को एकत्र कर लेता है, तो उसके बताए जगह पर विशेष यूनिट के विशेषज्ञ जाकर प्रशिक्षण देते हैं। वहीं यदि यह संख्या कम रहती है तो यूनिट के कार्यालय में प्रशिक्षित किए जाने की व्यवस्था की जाती है। महिलाओं-युवतियों के एक समूह को दस दिनों का प्रशिक्षण दिया जाता है।
17 वर्ष पहले हुआ था यूनिट का गठन
स्पेशल पुलिस यूनिट ऑफ वूमेन एंड चिल्ड्रेन का गठन 2002 में दिल्ली पुलिस ने किया था। तभी से यह यूनिट आत्मरक्षा कार्यक्रम का संचालन कर रही है। नवंबर 2017 तक 5140 कार्यक्रमों के तहत नौ लाख 80 हजार 456 महिलाओं व युवतियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। यूनिट ने लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स को पत्र लिखकर बताया था कि 2017 में 989 कार्यक्रमों के तहत दो लाख आठ हजार 125 प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया है।
2015 में सुलझाया था चोरी का मामला देश में सबसे अधिक
नकदी की चोरी का मामला हल करने पर दिल्ली पुलिस का नाम पहली बार लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ था। पुलिस ने नवंबर 2015 में सबसे ज्यादा चोरी के मामले को सुलझाया था और 22 करोड़ 49 लाख रुपये की बरामदगी की थी। इसके लिए दिल्ली पुलिस को 2016 में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की तरफ से अवार्ड मिला था।