जानिये- क्या होता है 'डिजिटल दुष्कर्म', दिल्ली से सटे गुरुग्राम में एक दोषी को 20 साल कैद
बच्चियों के खिलाफ अपराध करने वालों को अदालत सख्त से सख्त सजा सुना रही है। सात दिन पहले अदालत ने छह साल की बच्ची से दुष्कर्म करने के आरोपित किशोर को बीस साल की सजा सुनाई थी।
गुरुग्राम, जेएनएन। बाल शोषण के दोषियों को अब अदालत से सख्त से सख्त सजा मिलने लगी है। शहर में चार साल की बच्ची के साथ डिजिटल दुष्कर्म करने के आरोपी कंडक्टर शंभू को कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनाई है और साथ ही उसपर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। सजा के तहत अगर दोषी कंडक्टर अगर जुर्माना राशि नहीं अदा कर पाता तो उसे 6 साल की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।
लंबे अरसे के बाद आया फैसला
वारदात के वक्त शंभू 21 साल का था। लगभग पौने दो साल तक चली सुनवाई के बाद अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनी यादव की अदालत ने दोषी को सजा सुनाई। पीड़ित बच्ची घटना के वक्त महज चार साल की थी। उसके परिजनों ने सेक्टर 56 इलाके में स्थित एक स्कूल में नर्सरी में दाखिला कराया था। 22अगस्त 2016 को वह रोज की तरह स्कूल बस में बैठकर घर आ रही थी। तभी बस कंडक्टर शंभू ने उसके साथ गलत हरकत की थी।
मां ने की स्कूल में शिकायत
घर पहुंचने पर मासूम को तकलीफ बढ़ी तो मां बच्ची को लेकर डॉक्टर के पास गई। डॉक्टर ने जांच करने के दुष्कर्म की पुष्टि की। मां ने बच्ची से पूरी जानकारी ली तो बस कंडक्टर की करतूत सामने आई। बच्ची के माता-पिता ने पहले स्कूल प्रबंधन को बताया फिर पुलिस को शिकायत दी।
पुलिस ने भेजा जेल
पुलिस ने जांच करने के बाद शंभू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। शिनाख्त परेड के दौरान भी मासूम ने उसकी पहचान की थी। पुलिस ने 20 दिन के अंदर की केस की चार्जशीट पेश कर दी। मामला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनी यादव की अदालत में चला। इस दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में रखे गए सबूत और गवाही को बचाव पक्ष के अधिवक्ता गलत नहीं साबित कर पाए। अदालत ने आरोपित को दोषी मानते हुए सजा सुनाई।
क्या होता है डिजिटल दुष्कर्म
जानकारी के लिए बता दें कि अंगुली का इस्तेमाल कर किसी का यौन शोषण करना डिजिटल दुष्कर्म कहलाता है। इस डिजिटल दुष्कर्म के मामले में दोषी शंभू को 20 साल की सजा सुनाई गई है।