सारनाथ स्मारक को मिलेगा विश्व धरोहर का दर्जा, यहां बुद्ध ने यहां दिया था प्रथम उपदेश
ASI भगवान बुद्ध की प्रथम उपेदश स्थली सारनाथ में ऐतिहासिक तथा पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्मारकों को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज सूची में शामिल कराने की तैयारी जुट गया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। सबकुछ ठीक रहा तो वाराणसी के पास स्थित सारनाथ स्मारक को जल्द ही विश्व धरोहर का दर्जा मिल जाएगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) भगवान बुद्ध की प्रथम उपेदश स्थली सारनाथ में ऐतिहासिक तथा पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्मारकों को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज सूची में शामिल कराने की तैयारी जुट गया है। बता दें कि भगवान बुद्ध ने यहां पर प्रथम उपदेश दिया था और अशोक का चतुर्मुख स्तंंभ भी यहीं स्थित है। बताया जा रहा है कि पुरातत्व विभाग के महानिदेशक की ओर से इस बाबत निर्देश मिलने पर डोजियर तैयार करने का काम शुरू हो गया है।
बता दें कि सारनाथ के ऐतिहासिक स्मारक काफी समय से यूनेस्को की टेंटेटिव लिस्ट में हैं। अब एक डोजियर तैयार किया जा रहा है, जो करीब 600 पन्नों का होगा। इसमें स्मारकों के प्राचीन काल तथा उनसे जुड़े महत्व का पूरा ब्योरा होगा। स्मारकों के आसपास करीब 300 मीटर तक बफर जोन तैयार कर किसी भी प्रकार का निर्माण नहीं होने दिया जाएगा।
गौरतलब है कि सारनाथ स्मारक को देखने प्रतिदिन हजारों देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं। यहां पर सालभर पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है।
बता दें कि चार साल पहले अप्रैल, 2015 में ही सारनाथ आदर्श स्मारक की श्रेणी में आ गया था। भारत सरकार ने देश के 25 प्राचीन स्थानों आदर्श स्मारक घोषित किया था। इनमें एक सारनाथ स्थित प्राचीन स्मारक भी है। तब पर्यटन के क्षेत्र में इससे जहां सारनाथ का अंतरराष्ट्रीय महत्व और बढ़ा है, वहीं विश्व के कोने-कोने से आने वाले सैलानियों को विशेष सुविधाएं भी मिल रही हैं।
भारत के पर्यटन स्थलों के विकास एवं वहां पहुंचे वाले पर्यटकों की सुविधाओं को देखते हुए संस्कृति मंत्रालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीन आने वाले स्मारक स्थलों को आदर्श घोषित किया था। इनमें सारनाथ की धरोहर, कुशीनगर के स्मारक, दिल्ली का लालकिला व कुतुबमीनार, आगरा का ताजमहल, फतेहपुर सिकरी का किला, वैशाली, कोणार्क का सूर्य मंदिर आदि प्रमुख हैं।
सारनाथ स्थित पक्षी विहार केंद्र में आधुनिक तरह से बने घरौदे में पक्षियों के लिए आशियाना बनाया गया है। पक्षियों के रहने के लिए छोटे- छोटे घरौदे बनाए गए हैं। पक्षी अपने नए हवादार घरौदे में पहुंचकर काफी खुश नजर आते हैं।
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