राजस्थान के सीएम पर सस्पेंस जारी, सचिन पायलट के नाना ने कही ये बात
राजस्थान में कांग्रेस की जीत से सचिन पायलट की ननिहाल सकलपुरा लोनी में खुशी का माहौल है। सचिन का नाम सीएम पद के लिए प्रस्तावित होने के बाद से उनके लोग टेलीविजन पर टकटकी लगाए बैठे हैं।
लोनी, [अजय सक्सेना]। राजस्थान में कांग्रेस की जीत से सचिन पायलट की ननिहाल सकलपुरा लोनी में खुशी का माहौल है। उनके नाना ने राजस्थान में कांग्रेस की जीत को सचिन पायलट की मेहनत का फल बताया है। सचिन का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए प्रस्तावित होने के बाद से उनके नाना ग्रामवासियों संग टेलीविजन के आगे टकटकी लगाए बैठे हैं। लोनी के सकलपुरा गांव निवासी नैन सिंह की बेटी रमा पायलट की शादी राजेश पायलट के साथ हुई थी। शादी के बाद रमा और राजेश पायलट सकलपुरा गांव आते रहते थे।
चाचा को देखकर आया चुनाव लड़ने का ख्याल
गर्मियों की छुट्टियों में रमा व राजेश के बेटे सचिन पायलट भी अपनी ननिहाल में समय गुजारा करते थे। 1964 में सचिन के चचेरे नाना नेपाल सिंह ने खेकडा विधानसभा से चुनाव लड़ कर जीत हासिल की थी। चाचा को देखकर रमा पायलट के मन में राजेश को राजनीति में लाने का ख्याल आया। दंपती ने कांग्रेस ज्वाइन कर राजनीति में आने का निर्णय लिया। पहले परिवार ने उनकी नौकरी छोड़ने का विरोध किया, लेकिन बाद में सभी मान गए।
इंदिरा से मिलने स्कूटर से गए थे
एक दिन सुबह के समय रमा और राजेश पायलट स्कूटर से प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से मिलने पहुंचे। खेकडा विधानसभा के पूर्व विधायक और सचिन पायलट के नाना नेपाल सिंह बताते हैं कि राजेश पायलट सरल स्वभाव के थे। गांव वेदपुरा गौतम बुद्ध नगर निवासी राजेश एयर फोर्स में पायलट बनने से पहले दूध का कारोबार करते थे। पायलट बनने के बाद उनके स्वभाव में बदलाव नहीं आया। जब छुट्टियों में घर आते थे तब भी घरेलू कार्य करने से पीछे नहीं हटते थे।
सचिन का स्वभाव राजेश से अलग
सचिन पायलट का स्वभाव राजेश से काफी अलग है। ननिहाल में खुशी का माहौल गांव के लोग सकलपुरा को राजेश पायलट की ससुराल मानने में गर्व करते हैं। लोगों ने धन एकत्र कर उनके नाम से गांव के बाहर राजेश पायलट महाविद्यालय स्थापित कराया है। सचिन पायलट का नाम मुख्यमंत्री के लिए प्रस्तावित होने पर गांव में खुशी का माहौल है। गांव के लोग उनके मुख्यमंत्री बनने के कयास लगा रहे हैं।