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Delhi: गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों में विलंब शुल्क के लिए प्रतिदिन पांच पैसा जुर्माने का नियम लागू नहीं

दिल्ली के गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों में विलंब शुल्क (Late Fee) के लिए प्रतिदिन पांच पैसा जुर्माना लेने के मामले में अहम निर्णय सुनाते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि इन विद्यालयों में पर्याप्त स्वायत्तता है और जुर्माना से जुड़ा नियम इनपर लागू नहीं होता है।

By Vineet TripathiEdited By: Aditi ChoudharySat, 19 Nov 2022 09:39 AM (IST)
Delhi: गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों में विलंब शुल्क के लिए प्रतिदिन पांच पैसा जुर्माने का नियम लागू नहीं
Delhi: गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों में विलंब शुल्क के लिए प्रतिदिन पांच पैसा जुर्माने का नियम लागू नहीं

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली के स्कूलों में विलंब शुल्क (Late Fee) के लिए प्रतिदिन पांच पैसा जुर्माना लेने के मामले में अहम निर्णय सुनाते हुए दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने कहा कि निजी गैर सहायता प्राप्त विद्यालयों में पर्याप्त स्वायत्तता है और जुर्माना से जुड़ा नियम इनपर लागू नहीं होता है। इससे जुड़े शिक्षा निदेशालय के 11 फरवरी 2013 के आदेश को रद करते हुए न्यायमूर्ति विभु बाखरू व अमित महाजन की पीठ ने कहा कि दिल्ली स्कूल शिक्षा नियम-1973 का अध्याय XIII केवल सहायता प्राप्त स्कूलों के संबंध में लागू है।

नियमों के अध्याय XIII को तीन भागों में बांटा गया है - भाग ए (144-155, सहायता प्राप्त स्कूलों में फीस और अन्य शुल्क), भाग बी (157-170, शुल्क रियायतें) और भाग सी (छात्रों की निधि सलाहकार समिति)। नियमों के नियम 35 और नियम 167 की व्याख्या करते हुए अदालत ने कहा कि शुल्क का भुगतान न करने पर छात्र को हटाने के मामले में स्कूल प्रिंसिपल को कोई विवेकाधिकार नहीं देता है, लेकिन नियम 35 स्कूल प्रमुख को विवेक देता है।

नियम 35 निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों पर लागू होता है और नियम 167 केवल सहायता प्राप्त स्कूलों पर लागू होता है। शिक्षा निदेशालय ने वर्ष 2013 में आदेश पारित करके कहा गया था कि नियम 166 निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों पर भी लागू होना चाहिए। हालांकि, इसने स्वीकार किया था कि पांच पैसे की लेट फीस लेना मौजूदा समय में अतार्किक है और इसकी समीक्षा की जरूरत है।

अप्रैल 2013 में हाई कोर्ट की एकल पीठ ने कहा कि नियमों के अध्याय XIII का भाग बी, विशेष रूप से नियम 165 और 166, दिल्ली के सभी निजी गैर सहायता प्राप्त मान्यता प्राप्त स्कूलों पर लागू होते हैं। 2013 में राष्ट्रीय राजधानी में 500 से अधिक निजी गैर-सहायता प्राप्त निजी स्कूलों की एक्शन कमेटी अनएडेड रिकॉग्नाइज्ड प्राइवेट स्कूल ने निर्देश मांगा कि अध्याय XIII के भाग बी (शुल्क रियायत) में निहित नियम निजी गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों पर लागू नहीं होते हैं।

याचिका ने नियमों की संवैधानिकता को चुनौती दी। हालांकि, अदालत ने निर्णय में दोहराया कि फीस वसूलने के मामले में निजी गैर सहायता प्राप्त स्कूलों को पर्याप्त स्वायत्तता प्रदान की जाती है। साथ ही अदालत ने कहा कि शिक्षा निदेशालय ने वर्ष 2013 में उल्लेख किया था कि उक्त प्रविधान की समीक्षा के लिए समिति का गठन किया गया है। ऐसे में अदालत उम्मीद करती है कि निदेशालय प्रक्रिया में तेजी लाएगा और आठ सप्ताह की अवधि के भीतर सिफारिशों को तय करेगा।