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पड़ोसियों की पिटाई से RSS कार्यकर्ता की मौत, सवालों के घेरे में यूपी पुलिस Ghaziabad News

जान गंवाने वाले RSS के स्वयंसेवक थे। पड़ोसी युवक जबरन उनकी बेटी से मिलता था। 5 जून को उन्होंने युवक को उनकी बेटी से न मिलने की हिदायत दी। इस पर दोनों पक्षों में झगड़ा हुआ था।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 24 Jun 2019 07:56 AM (IST)Updated: Mon, 24 Jun 2019 09:53 AM (IST)
पड़ोसियों की पिटाई से RSS कार्यकर्ता की मौत, सवालों के घेरे में यूपी पुलिस Ghaziabad News
पड़ोसियों की पिटाई से RSS कार्यकर्ता की मौत, सवालों के घेरे में यूपी पुलिस Ghaziabad News

गाजियाबाद, जेएनएन। पड़ोसियों की पिटाई से घायल हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) के एक स्वयंसेवक की शनिवार को अस्पताल में हुई मौत से गुस्साए परिजनों ने रविवार को दो घंटे तक शव खोड़ा थाने के सामने रखकर हंगामा किया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की। आरोपितों के खिलाफ हत्या और दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज करने का आश्वासन पाकर लोग शांत हुए।

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निजी कंपनी में काम करने वाले 50 वर्षीय एक व्यक्ति खोड़ा थाना क्षेत्र की एक कॉलोनी में परिवार के साथ रहते थे। वह आरएसएस के स्वयंसेवक थे। पड़ोसी युवक उनकी बिना इजाजत के उनकी बेटी से मिलता था। पांच जून को उन्होंने युवक को उनकी बेटी से न मिलने की हिदायत दी। इस पर दोनों पक्षों में झगड़ा हो गया।

झगड़े के दौरान उनके जबड़े में गंभीर चोट आई थीं। दोनों पक्षों ने पुलिस को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की थी। इस पर पुलिस ने लड़की के पिता के खिलाफ शांति भंग की कार्रवाई की थी, जबकि आरोपित राज किशन और उसके पिता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, हालांकि दो दिन बाद ही उनकी जमानत हो गई थी।

पुलिस के अनुसार, लड़की के पिता का जिला अस्पताल में मेडिकल कराया था, लेकिन रिपोर्ट में गंभीर चोटें न होने की बात सामने आई थी। उन्होंने पुलिस से दिल्ली के अस्पताल में इलाज की अनुमति मांगी थी। पुलिस की अनुमति के बाद वह लालबहादुर शास्त्री अस्पताल भर्ती हो गए थे। शनिवार को उनकी अस्पताल में मौत हो गई।

अपर्णा गौतम (एएसपी, इंदिरापुरम) के मुताबिक, पीड़ित पक्ष की शिकायत पर छह जून को आरोपित पक्ष के चार लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी। दो आरोपितों को गिरफ्तार जेल भेज दिया गया था। अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही थी। आरोपितों के खिलाफ दर्ज रिपोर्ट में हत्या की धाराएं तरमीम कर आरोपितों की गिरफ्तारी की जाएगी। परिजनों द्वारा पुलिस पर लगाया गया लापरवाही का आरोप गलत है।

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