मनीष सिसोदिया ने राष्ट्र निर्माताओं को किया सम्मानित, कहा- हमें बदलनी होगी शिक्षण पद्घति
मनीष सिसोदिया ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माण में सबसे बड़े भागीदार होते हैं। उन्होेंने कहा कि शिक्षा को लेकर सरकार का उद्देश्य सिर्फ अच्छी स्कूली इमारतें खड़ा करना और अच्छे अंक प्राप्त करने तक नहीं है बल्कि शिक्षण पद्धति में बदलाव लाना है।
नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहे हर एक शिक्षक का योगदान सम्मान के काबिल है। दिल्ली में मौजूदा समय में पांच हजार से अधिक स्कूल और दो लाख से अधिक शिक्षक कार्य कर रहे हैं। ये सभी शिक्षा की बेहतरी के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दे रहे हैं तभी दिल्ली का शिक्षा माडल आज दुनिया के सामने खड़ा है। ये बातें उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली सचिवालय में आयोजित राज्य शिक्षक पुरस्कार-2020 समारोह में कहीं। उन्होंने कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माण में सबसे बड़े भागीदार होते हैं। वे अपने काम से हजारों जिंदगियों को प्रभावित करते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा को लेकर सरकार का उद्देश्य सिर्फ अच्छी स्कूली इमारतें खड़ा करना और अच्छे अंक प्राप्त करने तक नहीं है बल्कि शिक्षण पद्धति में बदलाव लाना है।
सिसोदिया ने इस दौरान दिल्ली के सरकारी और निजी स्कूलों के 98 शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए अतुलनीय कार्यों के लिए 25 हजार रूपए, सिल्वर मेडल, शाल और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया। इसमें दिल्ली के सरकारी स्कूलों के 69, निजी स्कूलों के 18 और दिल्ली नगर निगम के स्कूलों के 11 शिक्षक शामिल थे। पुरस्कार पाने वाले शिक्षकों में स्पेशल एजुकेटर, संगीत और कला शिक्षक, पुस्तकालय अध्यक्ष, मेंटर टीचर, खेल शिक्षक और वोकेशनल शिक्षक शामिल थे।
इसके अलावा 11 शिक्षकों और अधिकारियों को सेमी आनलाइन शिक्षण गतिविधियों और कोरोना काल में किए गए राहत कार्यों में उनकी अनुकरणीय प्रतिबद्धता के लिए सम्मानित किया। वहीं, स्कूली दौरों के दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के पर्यवेक्षण के आधार पर शिक्षा में अनुकरणीय कार्य करने वाले शिक्षकों को दो विशेष पुरस्कार भी दिए गए।
उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किए गए शिक्षकों में सिविल लाइंस स्थित राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय में पीजीटी (रसायन विज्ञान) अजय चौधरी और मयूर विहार स्थित सर्वोदय कन्या विद्यालय में पीजीटी (राजनीति विज्ञान) अशोषिका भदौरिया शामिल थे। शिक्षक अजय चौधरी ने अपने छात्रों को जेईई और नीट की परीक्षाओं में उत्तीर्ण होने में मदद की। वहीं, शिक्षक अशोषिका भदौरिया ने कोरोना महामारी के दौरान उनके विद्यार्थियों की पढ़ाई न रुके उसके लिए चिल्ला खादर की झुग्गियों में जाकर बच्चों को पढ़ाने का काम किया। उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार हर साल शिक्षक दिवस के मौके पर राज्य शिक्षक पुरस्कार समारोह का आयोजन करती है। लेकिन बीते साल कोरोना महामारी के कारण ये आयोजन नहीं आयोजित हो पाया था।