शर्मनाक: एयरपोर्ट पर दिव्यांग अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी का कृत्रिम पैर उतरवाया, ट्वीट कर बताया दर्द
रोहित का आरोप है कि खुद को भारतीय खिलाड़ी बताने के बाद भी सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें व्हील चेयर से भी उतारा। वहीं CRPF ने कहा जांच पूरे सम्मान के साथ की जाती है।
नई दिल्ली (संतोष शर्मा)। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आइजीआइ) एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच के दौरान दिव्यांग अंतरराष्ट्रीय व्हील चेयर क्रिकेट खिलाड़ी रोहित अनोत्र से उनका कृत्रिम पैर उतरवाने की घटना सामने आई है। रोहित का आरोप है कि खुद को भारतीय खिलाड़ी बताने के बाद भी सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें व्हील चेयर से भी उतारा। ट्वीट कर उन्होंने मामले की शिकायत मंत्रालय और संबंधित अधिकारियों से की है।
भारत की तरफ से खेलते हैं व्हील चेयर क्रिकेट
पठानकोट के रोहित अनोत्र पांच वर्ष की आयु में ही एक दुर्घटना में एक पैर से दिव्यांग हो गए थे। वर्तमान में वह भारत की ओर से व्हील चेयर क्रिकेट खेलते हैं। रविवार की सुबह वह कुछ अन्य खिलाड़ियों के साथ श्रीनगर जाने के लिए वे आइजीआइ एयरपोर्ट के टर्मिनल-2 पर पहुंचे थे। उनका इंडिगो की उड़ान संख्या-2136 का टिकट बना था। उन्होंने बताया कि चेकइन के बाद वह विमान पकड़ने जा रहे थे।
सुरक्षा कारणों को दिया हवाला
इस बीच सुरक्षा जांच के दौरान कर्मचारियों ने उनका कृत्रिम पैर उतरवाकर मशीन से जांच की और व्हील चेयर से भी उतारा। जबकि ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी के नियमों के मुताबिक किसी दिव्यांग खिलाड़ी का कृत्रिम पैर उतरवाना मना है।
नहीं बरती गई नरमी
उन्होंने बताया कि भारतीय टीम की ड्रेस में होने के साथ ही उन्होंने सुरक्षाकर्मियों को अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी होने की जानकारी दी थी। इसके बावजूद उनके साथ कोई नरमी नहीं बरती गई। इससे वह खासे आहत हैं। उनके साथ यात्र कर रहे व्हील चेयर क्रिकेट इंडियन एसोसिएशन के महासचिव प्रदीप राज ने बताया कि उन्हें श्रीनगर में युवाओं को प्रशिक्षण देने के लगाए गए तीन दिवसीय शिविर में हिस्सा लेना है। उनके साथ रोहित के अलावा अन्य खिलाड़ी अनमोल वशिष्ठ भी थे। अनमोल गत चार मई को कोलकाता एयरपोर्ट से बांग्लादेश दौरे पर गए थे। उस समय उनके साथ भी इस प्रकार की घटना घटी थी। सुरक्षा जांच के नाम पर उन्हें दो बार व्हील चेयर से उतारा गया।
क्या कहते हैं अधिकारी
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) के प्रवक्ता हेमेंद्र सिंह ने बताया कि सुरक्षा जांच में लगे जवानों को पुख्ता ट्रेनिंग दी गई है। एयरपोर्ट पर दिव्यांग जन की सुरक्षा जांच पूरे सम्मान के साथ की जाती है। रोहित अनोत्र का आरोप पूरी तरह गलत है। उन्हें सुरक्षा जांच के लिए अलग कमरे में ले जाया गया था। जवानों ने उन्हें सिर्फ दाएं पैर की पैंट ऊपर करने को कहा था। ताकि सुरक्षा उपकरण से कृत्रिम पैर की जांच की जा सके। इस दौरान उन्होंने खुद ही अपने कृत्रिम पैर को उतार दिया। उस वक्त उन्होंने कोई विरोध भी नहीं जताया।
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