धरे गए डकैती डाल सामूहिक दुष्कर्म करने वाले बदमाश, नंगे पैर देते थे वारदात को अंजाम
पांच सितंबर को आरोपियों ने दो युवक व दो महिलाओं को बंधक बनाकर पीटा और उनसे 95 हजार रुपये लूट लिए थे। आरोप है कि यूसुफ, अकबर व शम्शू ने एक बुजुर्ग महिला से सामूहिक दुष्कर्म भी किया था।
गाजियाबाद (जेएनएन)। क्राइम ब्रांच की टीम ने डकैती व लूटपाट करने वाले ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसके सभी सदस्य बंजारा जाति के हैं। पुलिस ने बृहस्पतिवार रात रावली रोड से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि दो मौके से फरार हो गए। इनसे मोबाइल, 14 हजार रुपये, तीन तमंचे और छह कारतूस मिले हैं।
पुलिस के मुताबिक आरोपी हथियार अपनी सुरक्षा के लिए रखते थे, जबकि लूटपाट व डकैती के वक्त पीड़ितों को डंडों पीटते थे। किसी इलाके में रहकर 10-15 दिन तक रेकी करते थे और नंगे पैर जाकर वारदात को अंजाम देते थे। पुलिस के मुताबिक यह गिरोह अक्सर निम्न वर्गीय परिवारों को निशाना बनाता था।
बुजुर्ग महिला से किया था सामूहिक दुष्कर्म
एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी मसूरी के पिपलैहड़ा निवासी अकबर, मेरठ के सरधना निवासी यूसुफ व शम्शू और मेरठ के ही फलावदा निवासी गूंगा हैं। मेरठ के सरधना निवासी दो भाई नौशाद और महबूब फरार हैं। यूसुफ अपने परिवार के साथ मुरादनगर में झुग्गी-झोपड़ी में रहता था। बकरी चराने के बहाने आरोपी ने रेकी की और एक सितंबर को काकड़ा गांव के मंदिर पर धावा बोल दिया। पुजारी को बंधक बना सभी छह आरोपियों ने उनकी काफी पिटाई की। हालांकि पुजारी से उन्हें चंद रुपये ही मिले थे।
बुजुर्ग महिला से साथ किया सामूहिक दुष्कर्म
पांच सितंबर को आरोपियों ने मुरादनगर थाना क्षेत्र में ही एक क्रेशर पर दो युवक व दो महिलाओं को बंधक बनाकर पीटा और उनसे 95 हजार रुपये लूट लिए। आरोप है कि यूसुफ, अकबर व शम्शू ने इनमें से एक बुजुर्ग महिला से सामूहिक दुष्कर्म भी किया था। 24 सितंबर को मसूरी में आरोपियों ने ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे पर एक युवक से मारपीट कर उसका मोबाइल व तीन हजार रुपये छीन लिये थे।
कराया जाएगा डीएनए टेस्ट
एसएसपी ने बताया कि घटना के बाद बुजुर्ग महिला का मेडिकल कराया गया था, लेकिन दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई थी। आरोपियों ने पूछताछ में सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम देना स्वीकार किया है। इसी के चलते तीनों का डीएनए टेस्ट कराया जाएगा।
पूरी योजना के साथ देते थे वारदीत को अंजाम
वारदात को अंजाम देने के बाद सभी आरोपी अपने-अपने घर चले जाते थे, जबकि यूसुफ परिवार के साथ कुछ दिन तक इलाके में रुकता था। यूसुफ मेरठ के रोहटा थाना इलाके में दिसंबर-2017 में हुई लूट की घटना में वांछित चल रहा था। वहीं अकबर दिल्ली के बॉर्डर एरिया में आटो चलाता था। सात माह पूर्व एक युवक से मोबाइल लूटने के आरोप में उसे दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था।