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हरियाणा में रोडवेज बसों की हड़ताल से दिल्ली से सटा गुरुग्राम सर्वाधिक प्रभावित

यूनियन नेताओं का दावा है कि कोई बस डिपो से नहीं निकलने दी जाएगी। हरियाणा रोडवेज ज्वाइंट एक्शन कमेटी के आह्वान पर पूरे प्रदेश में कर्मचारियों ने अपनी मांगों के विरोध में 5 सितंबर को हड़ताल करने की घोषणा की थी।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 05 Sep 2018 09:33 AM (IST)Updated: Wed, 05 Sep 2018 09:34 AM (IST)
हरियाणा में रोडवेज बसों की हड़ताल से दिल्ली से सटा गुरुग्राम सर्वाधिक प्रभावित
हरियाणा में रोडवेज बसों की हड़ताल से दिल्ली से सटा गुरुग्राम सर्वाधिक प्रभावित

गुरुग्राम/फरीदाबाद (जेएनएन)। हरियाणा राज्य परिवहन के कर्मचारियों की हड़ताल को विफल करने के लिए सरकार ने बेशक एस्मा (आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून) लागू कर दिया हो। मगर पांच सितंबर को रोडवेज बसों का चक्का जाम करने की तैयारी कर चुके कर्मचारियों को एस्मा का कोई डर नहीं दिखा और बुधवार सुबह से बसों का चक्का जाम है। सभी आठ कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारी एक मंच पर सरकार के विरोध में खड़े होने का दावा कर रहे हैं। यूनियन नेताओं का दावा है कि कोई बस डिपो से नहीं निकलने दी जाएगी। हरियाणा रोडवेज ज्वाइंट एक्शन कमेटी के आह्वान पर पूरे प्रदेश में कर्मचारियों ने अपनी मांगों के विरोध में 5 सितंबर को हड़ताल करने की घोषणा की थी। सरकार ने इस हड़ताल से पहले यूनियन के नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया। सरकार व कर्मचारी के नेताओं के बीच वार्ता सफल नहीं हो पाई। यूनियन के नेता अपनी जिन मांगों को लेकर अड़ रहे थे। बैठक में शामिल अधिकारियों ने साफ कह दिया कि मांगों को लेकर कर्मचारियों का हड़ताल करना ही काम रह गया है। किसी भी तरह की कोई मांग नहीं मानी जाएगी। अधिकारियों के इस रुख से कर्मचारी नेता ज्यादा मुखर हो गए। सरकार ने इस वार्ता के विफल होने के बाद प्रदेश में एस्मा लागू कर दिया। जिसके तहत कोई भी कर्मचारी छह महीने तक हड़ताल नहीं कर सकता।

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गुरुग्राम डिपो में है 225 बसें
गुरुग्राम डिपो में 225 बसें हैं। इसमें से 109 बसें सिटी बसों के रुप में चलती हैं। 18 बसें वोल्वो की शामिल हैं जो गुरुग्राम चंडीगढ़ के रुट पर चलती हैं। इसके अलावा 89 बसें लंबे रुट के लिए चलाई जाती हैं। यूनियन के नेताओं का दावा है कि लंबे रूट पर जाने वाली सभी बसों को तो मंगलवार शाम को पांच बजे ही के बाद नहीं निकलने दिया गया। बाहर के डिपो से आने वाली बसों को भी डिपो में ही खड़ा कर दिया जाएगा।

बता दें कि हड़ताल पर हाई कोर्ट की रोक और सरकार द्वारा एस्मा (आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून) लागू करने पर भी हरियाणा रोडवेज ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने मंगलवार रात 12 बजे से एक दिन के लिए बसों का चक्का जाम कर दिया है। हालांकि दो बड़ी कर्मचारी यूनियन हड़ताल में शामिल नहीं हैं, फिर भी बस सेवाओं का प्रभावित होना तय है।

बस छोड़ कर गायब हुए 12 चालक-परिचालकों के खिलाफ कार्रवाई
रेवाड़ी डिपो महाप्रबंधक बलराज सिंह ने मंगलवार शाम बिना बताए 6 बसों को बस स्टैंड पर खड़ी करके गायब हुए छह चालकों व छह परिचालकों के खिलाफ कार्यवाही के लिए पुलिस को शिकायत दी है, लेकिन बुधवार को हड़ताल पर बैठे किसी कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्रवाई अभी तक नहीं की गई है। सिर्फ सरकार को एकजुटता के साथ इनके धरने पर बैठे होने की सूचना भेजी गई है।

वहीं, हड़ताल पर अपना पक्ष रखते हुए रोडवेज महाप्रबंधक ने कहा कि एक बस के चालक-परिचालक को छोड़कर सभी कर्मचारी हड़ताल पर हैं। हमारे पास नए भर्ती होकर आए 40 ड्राइवर ऐसे हैं जो किसी भी रूट पर भेजे जा सकते हैं, लेकिन कंडक्टर कोई भी नहीं है। इस कारण हम बस सेवाएं शुरू नहीं कर पा रहे हैं। 


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