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'जलपुरुष' राजेंद्र सिंह ने अब कहा- नदियों को जोड़ने की परियोजना खतरनाक

केन-बेतवा नदी को जोड़ने से बुंदेलखंड में सूखे की समस्या दूर नहीं होगी। नदियों को आपस में जोड़ना खतरनाक साबित हो सकता है।

By JP YadavEdited By: Published: Sun, 03 Sep 2017 10:54 AM (IST)Updated: Sun, 03 Sep 2017 10:06 PM (IST)
'जलपुरुष' राजेंद्र सिंह ने अब कहा- नदियों को जोड़ने की परियोजना खतरनाक
'जलपुरुष' राजेंद्र सिंह ने अब कहा- नदियों को जोड़ने की परियोजना खतरनाक

नई दिल्ली (जेएनएन)। जलपुरुष के नाम से विख्यात राजेंद्र सिंह ने नदियों को जोड़ने की केंद्र सरकार की परियोजना का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने जल-जन जोड़ो अभियान की ओर से आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण इस मानसून में भी देश बाढ़ व सूखे की चुनौती से एक साथ जूझ रहा है।

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नदियों को जोड़ने से यह समस्या दूर नहीं होगी, बल्कि इससे निपटने के लिए सामुदायिक विकेंद्रित जल व्यवस्था व नदियों को तालाबों से जोड़ने की योजना पर काम करना होगा।

उन्होंने कहा कि अधिकारी बड़ी-बड़ी योजनाओं में उलझे रहते हैं, इसलिए छोटी-छोटी सरल योजनाओं की जरूरत है। देश के 19 राज्यों के 254 जिले सूखे से प्रभावित हैं। तमिलनाडु के सभी जिलों में व कर्नाटक में बीजापुर सहित कई जिलों में सूखा है।

सूखे के कारण ही बुंदेलखंड से लोग अगस्त में पलायन कर रहे हैं। फसलें खराब हो रही हैं। सरकार की तरफ से खाने के पैकेट तो वितरित किए जा रहे हैं परंतु पीने के लिए पानी नहीं है। जहां थोड़ा बहुत है भी तो वह दूषित है।

इसका निदान नदी जोड़ो परियोजना नहीं है। केन-बेतवा नदी को जोड़ने से बुंदेलखंड में सूखे की समस्या दूर नहीं होगी। नदियों को आपस में जोड़ना खतरनाक साबित हो सकता है। 


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