Road Accident: दिल्ली में होती हैं सबसे अधिक मौतें, रोजाना दो दर्जन बच्चों के खून से रंगती हैं सड़कें
2017 में देश की सड़कों पर हुए हादसों में प्रतिदिन 26 बच्चों की मौत हुई है। सर्वे में शामिल लोगों का मत था कि बच्चों के लिए सड़क सुरक्षा कानून सख्त बनाने की जरूरत है।
दिल्ली, जेएनएन। देश की राजधानी दिल्ली में सड़क हादसों में सबसे अधिक मौत हुई हैं। यही नहीं, हादसों और घायलों की संख्या के मामले में भी यह दूसरे स्थान पर है। वहीं, हादसों और घायलों की संख्या के मामले में चेन्नई पहले नंबर पर व मौत के मामले में दूसरे नंबर पर है। ये आंकड़े एक ऑटोमोबाइल कंपनी और गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) सेवलाइफ फाउंडेशन के सर्वे में सामने आए हैं। शुक्रवार को इंडिया हैबीटेट सेंटर में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 'रीयर सीट बेल्ट यूज एंड चाइल्ड रोड सेफ्टी इन इंडिया' विषय पर किए गए इस सर्वे की रिपोर्ट जारी की।
हर दिन 26 बच्चों की मौत
रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 में देश की सड़कों पर हुए हादसों में प्रतिदिन 26 बच्चों की मौत हुई है। सर्वे में शामिल हुए लोगों में से 91.4 फीसद का मत था कि देश में बच्चों के लिए सड़क सुरक्षा कानूनों को सख्त बनाने की जरूरत है। इस मौके पर नितिन गडकरी ने कहा कि देश में बुनियादी सुविधाओं का विकास तेजी से हो रहा है। ऐसे में सड़क सुरक्षा की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। सरकार नई नीतियों और जागरूकता के जरिये इसे महत्व दे रही है। कारपोरेट भारत और सिविल सोसायटी मिलकर सड़क सुरक्षा को एक आंदोलन का रूप देंगे।
इन वाहनों से हुए इतने हादसे
वाहन संख्या
- दोपहिया 1,62,280
- ऑटो 31,440
- कार, टैक्सी 1,13,267
- बस 37,487
- ट्रक व भारी वाहन 1,01,085
- अन्य वाहन 13,255
हादसों में इन वाहन सवारों की हुई मौत
वाहन संख्या
- पैदल 15,746
- साइकिल 2,585
- दोपहिया 52,500
- ऑटो 7,150
- कार व हल्के वाहन 26,923
- ट्रक 16,876
- बस 9,969
- अन्य वाहन 15,988
इन शहरों में हुई इतनी मौत
शहर मृतकों की संख्या
- दिल्ली 1591
- चैन्नई 1183
- जयपुर 890
- बेंगलुरु 835
- कानपुर 684
इन शहरों में इतने हुए घायल
शहर घायलों की संख्या
- चेन्नई 7349
- दिल्ली 7154
- जबलपुर 5780
- बेंगलुरु 4264
- इंदौर 4263
इन शहरों में हुए सबसे अधिक हादसे
शहर हादसे
- चैन्नई 7486
- दिल्ली 7375
- बेंगलुरु 5323
- इंदौर 5143
- कोलकाता 4104
(सभी आंकड़ें वर्ष 2018 के)
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रिपोर्ट की खास बातें :
- 91.2 फीसद बच्चों ने कार की पिछली सीट पर बैठने पर कभी भी नहीं किया सीट बेल्ट का प्रयोग
- 98 फीसद लोग पिछली सीट पर नहीं करते हैं सीट बेल्ट का प्रयोग दिल्ली, मुम्बई, जयपुर, बेंगलुरु, कोलकाता और लखनऊ में
- 70 फीसद से अधिक लोगों को यह बात पता है कि पिछली सीट पर बैठने वालों के लिए सीट बेल्ट होती है और इसका प्रयोग किया जाना चाहिए
- 92.8 प्रतिशत लोगों को बच्चों के हेलमेट के प्रयोग के फायदों के बारे में है जानकारी
- 20.1 प्रतिशत लोगों के पास ही हैं बच्चों के लिए हेलमेट