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Inside story: महिला ने खोला सिर्फ 'बेटा' पैदा करने का रैकेट, दुबई-सिंगापुर तक फैला था जाल

जांच में पता चला है कि आरोपित बेटा चाहने वालों से 10000 रुपये का एग्रीमेंट करते थे हालांकि काम पूरा होने के बाद इसे वापस कर दिया जाता था।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 02 Oct 2019 06:12 PM (IST)Updated: Wed, 02 Oct 2019 06:13 PM (IST)
Inside story: महिला ने खोला सिर्फ 'बेटा' पैदा करने का रैकेट, दुबई-सिंगापुर तक फैला था जाल

नई दिल्ली, जेएनएन। देश की राजधानी दिल्ली में सिर्फ बेटा पैदा करने वाले गिरोह का पर्दाफाश होने के बाद आरोपितों से पूछतछा में  कई अहम सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। हैरानी की बात तो यह है कि दिल्ली में यह धंधा सालों से चल रहा था और लोग, दिल्ली पुलिस (Delhi Police) और खुफिया विभाग (Intelligence department/Agencies) बेखबर रहे। आइए जानते हैं कि इस पूरे गिरोह का आखिर कैसे खुलासा हुआ? पुलिस की मानें तो गिरोह के खुलासे के पीछे एक महिला का हाथ है, जो पीड़िता भी है। हालांकि, कभी वह लाभार्थी होना चाहती थी। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि अगर यह महिला आवाज न उठाती तो सालों से चल रहा यह गैरकानूनी धंधा आगे भी इसी तरह चलता रहता। बता दें कि शुक्रवार को मिली शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस की टीम ने सोमवार शाम को रेड शुरू की जो देर रात भर चली।

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एक महिला ने किया था फोन

पुलिस के मुताबिक, एक महिला ने फोन कर इस कॉल सेंटर के बारे में जानकारी उपलब्ध करवाई और उसके खिलाफ कार्रवाई अपील की थी। महिला ने इस कॉल सेंटर के बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग (Central health department) से भी की थी। मामले की संजीदगी को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग ने इस बाबत जानकारी दिल्ली सरकार (Delhi Government) को भी दी। महिला द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक, पटेल नगर में स्थित यह कॉल सेंटर फैमिली बैलेंसिग के नाम का लिंग परीक्षण का रैकेट चला रहा है। महिला के मुताबिक, आरोपित वेबसाइट के माध्यम से और सार्वजनिक स्थलों पर पर्चे बांटकर संपर्क करते हैं। एक जानकारी के मुताबिक, अब तक तकरीबन 6 लाख लोगों को अपने शिकंजे में ले चुके हैं। जांच में पता चला है कि आरोपित बेटा चाहने वालों से 10,000 रुपये का एग्रीमेंट करते थे, हालांकि काम पूरा होने के बाद इसे वापस कर दिया जाता था।

लिंग परीक्षण करने वालों पर होगी कार्रवाई

देश में लिंग परीक्षण कानून अपराध है। ऐसे में माना जा रहा है कि जिन्होंने लिंग परीक्षण करवाया है, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।  

पूरा गिरोह चलता है दिल्ली में

महिला की जानकारी के बाद जब जांच शुरू हुई तो कई अहम खुलासे हुए। इसमें पता चला कि गिरोह की कंपनी में तकरीबन 300 लोग काम करते हैं और अपनी बातों से प्रभावित करते हैं। इसके लिए उन्होंने लड़कों-लड़कियों की टीमें बना रखी थीं जो लोगों को अपने झांसे में लेते थे। इनके शिकार ऐसे लोग ज्यादा होते जो बेटे के लिए लालायित रहते थे।

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ऐसे हुआ खुलासा

दिल्ली पुलिस और केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग ने जब संयुक्त रूप से करोल बाग में छापा मारा तो चौंकाने वाली बातें सामने आईं। दरअसल, बेटे की एवज में तकरीबन 9 रुपये लिए जाते थे। भारत में दिक्कत होती है, इसलिए गिरोह बेटा चाहने वाली महिलाओं को विदेश मसलन दुबई, सिंगापुर या फिर थाईलैंड भेज देता था। फिर काम पूरा होते ही 9 लाख रुपये में से 20 फीसद रकम कॉल सेंटर को दी जाती थी।

देशभर में फैलाया था जाल

पुलिस की मानें तो देशभर में उन्होंने अपना जाल फैला लिया था। इनके प्रतिनिधि राज्यों में जाकर ऐसे दंपती की तलाश करते थे जो बेटे की चाह रखते हैं। इसके बाद पैसे वगैरह तय करने के बाद प्रक्रिया शुरू हो जाती थी। बताया जा रहा है कि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश समेत 20 से अधिक राज्यों के लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं।


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