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यहां पढ़िए- कैसे पतंग की डोर ने रोक दी दिल्ली मेट्रो की रफ्तार, सच्चाई जानकर लोग भी हैरान

स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त के रोज भी दिल्‍ली मेट्रो की ब्‍लू लाइन में तकनीकी समस्‍या आने के कारण यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 15 Aug 2019 07:59 PM (IST)Updated: Fri, 16 Aug 2019 07:52 AM (IST)
यहां पढ़िए- कैसे पतंग की डोर ने रोक दी दिल्ली मेट्रो की रफ्तार, सच्चाई जानकर लोग भी हैरान

नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Rail Corporation) द्वारा संचालित दिल्ली मेट्रो में लगातार आ रही तकनीकी खराबी की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। आलम यह है कि तकरीबन रोजाना दिल्ली मेट्रो की कोई न कोई लाइन में तकनीकी खराबी की घटनाएं सामने आ जाती है, जिससे दिल्ली के साथ एनसीआर के यात्रियों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। खासकर पीक आवर में तकनीकी खराबी आने से लोग समय से दफ्तर नहीं पहुंच पाते हैं।

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स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त के रोज भी दिल्‍ली मेट्रो की ब्‍लू लाइन में तकनीकी समस्‍या आने के कारण यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। डीएमआरसी के अनुसार, यह परेशानी दोपहर दो बजे से 3.15 मिनट तक रही। इसकी वजह से सुभाष नगर से राजौरी गार्डन पर यातायात प्रभावित रहा। इसके अलावा नोएडा और वैशाली की तरफ जाने वाली मेट्रो का भी परिचालन बाधित रहा, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। खासकर रक्षाबंधन के त्योहार के दिन भाई-बहनों को।

पतंग की डोर ने बृहस्पतिवार को ब्लू लाइन पर मेट्रो ट्रेन की रफ्तार रोक दी। दरअसल, चाइनीज मांझा फंसने के कारण मेट्रो के ओएचई (ओवर हेड इक्यूपमेंट) में खराबी आ गई और बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। इससे दोपहर में ब्लू लाइन पर करीब डेढ़ घंटा मेट्रो का परिचालन प्रभावित रहा।

ओएचई में यह खराबी दोपहर दो बजे सुभाष नगर से राजौरी गार्डन के बीच आई। इस वजह से द्वारका सेक्टर 21 से नोएडा व वैशाली जाने वाली मेट्रो ट्रेनें रुक गईं। यात्री मेट्रो के अंदर व स्टेशनों पर काफी देर तक फंसे रहे। बाद में तीन लू में मेट्रो का परिचालन शुरू किया गया। इस दौरान यात्रियों ने दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के खिलाफ ट्वीट कर रोष जाहिर किया।

ब्लू लाइन दिल्ली मेट्रो का सबसे व्यस्त कॉरिडोर है। दिल्ली मेट्रो रेल निगम का कहना है परिस्थिति को देखते हुए ब्लू लाइन पर तीन हिस्सों में परिचालन किया गया। इसके तहत जनकपुरी पश्चिम से कीर्ति नगर के बीच सिंगल लाइन पर परिचालन हुआ। इस दौरान दोनों तरफ से मेट्रो ट्रेनें रोक-रोककर एक ही ट्रैक से निकाली जा रही थीं। इस वजह से जनकपुरी से कीर्ति नगर के बीच परिचालन काफी हद तक ठप था। क्योंकि 15-20 मिनट के अंतराल पर मेट्रो उपलब्ध हो पा रही थी। इस वजह से जनकपुरी पश्चिम, सुभाष नगर, राजौरी गार्डन, कीर्ति नगर, द्वारका के कई स्टेशनों पर भीड़ एकत्रित हो गई। डीएमआरसी का कहना है कि कीर्ति नगर से नोएडा के बीच परिचालन सामान्य रहा, लेकिन नोएडा व वैशाली से द्वारका की तरफ जाने वाली ज्यादातर मेट्रो ट्रेनें कीर्ति नगर से ही वापस लौट रही थीं। इसी तरह द्वारका सेक्टर 21 से चलने वाली ज्यादातर मेट्रो जनकपुरी पश्चिम से वापस लौट रही थीं।

डीएमआरसी का कहना है कि कई जगहों पर ओएचई में चाइनीज मांङो फंसे हुए थे। कर्मचारियों ने मैनुअली जांच कर एक-एक जगह से पतंग की डोर को निकाला। दरअसल, चाइनीज मांङो में धातु का इस्तेमाल होता है। इस वजह से यह विद्युत का वाहक है। ओएचई में मांझा फंसने पर बिजली ट्रिप हो गई। दोपहर 3:15 बजे सभी जगहों से पतंग की डोर को निकाला जा सका। इसके बाद करीब साढ़े तीन बजे मेट्रो का परिचालन सामान्य हो पाया।

पिछले साल भी रक्षाबंधन के दिन मेट्रो में आई थी खराबी

यह देखा गया है कि रक्षाबंधन के दिन मेट्रो में यात्रियों की भीड़ अधिक रहती है। पिछले साल भी यलो लाइन पर घंटे भर मेट्रो का परिचालन प्रभावित रहा था।

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