गुरुग्राम ट्रिपल मर्डर में अहम खुलासा, पढ़िए- कैसे वैज्ञानिक की पीठ पर आए पंजे के निशान
पुलिस यह अंदाजा लगा रही है कि सोनू सिंह ने अपने पति को पीछे से पकड़ने की कोशिश की जिसमें हाथ में लगा खून डॉ. श्रीप्रकाश की शर्ट के पीछे की तरफ लग गया।
गुरुग्राम, जेएनएन। दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम पत्नी सोनू सिंह, बेटी अदिति व बेटे आदित्य की हत्या करने के बाद आत्महत्या करने वाले श्रीप्रकाश सिंह को लेकर जांच के दौरान कई अहम बातें पता चली हैं। इससे एक बात तो तय है कि आर्थिक दिक्कत जैसी कोई वजह नहीं।
जांच के दौरान सामूहिक हत्याकांड में एक और बड़ा खुलासा यह हुआ है कि वैज्ञानिक डॉ. श्रीप्रकाश ने जिस फरसे से बेटी अदिति, पत्नी सोनू सिंह और बेटे आदित्य की हत्या की वह फरसा खुद अदिति लेकर आई थी। बताया जा रहा है कि दरअसल, अदिति ने स्टार्टअप के रूप में आर्गेनिक साबुन का काम शुरू किया था। यही वजह थी कि वह साबुन के सैंपल को काटने के लिए यह मीट काटने वाला फरसा लेकर आई थी। रविवार की खूनी रात को श्री प्रकाश सिंह ने इसी फरसे से पत्नी, बेटा व बेटी की हत्या की। हथौड़ा घर में ही रखा हुआ था। जांच में सामने आया है कि सबसे पहले अदिति की हथौड़े और फरसा (मीट काटने वाला) से वार कर बेरहमी से हत्या की थी। फिर इसके बाद उसने अपनी पत्नी पर वार किया और फिर बेटे आदित्य की हत्या की।
पुलिस यह अंदाजा लगा रही है कि सोनू सिंह ने अपने पति को पीछे से पकड़ने की कोशिश की, जिसमें हाथ में लगा खून डॉ. श्रीप्रकाश की शर्ट के पीछे की तरफ लग गया। इतना ही नहीं, श्रीप्रकाश की पीठ पर पंजे के निशान हैं।
बताया जा रहा है कि जांच में जुटी गुरुग्राम पुलिस के लिए उप्पल साउथएंड हत्याकांड की पहेली अब भी उलझी हुई। पुलिस ने परिवार के सदस्यों के फोन की घटना से कुछ घंटे पहले तक की कॉल डिटेल की जांच की, लेकिन कुछ भी जानकारी सामने नहीं आई। अब पुलिस पिछले कुछ दिनों का पूरा डाटा निकालकर जांच करेगी। सन फार्मा कंपनी में साइंटिस्ट व आरएंडडी शाखा के हेड रहे डॉ. श्रीप्रकाश सिंह ने रविवार देर रात अपनी पत्नी डॉ. सोनू ¨सह, बेटी अदिति एवं बेटे आदित्य की हत्या करने के बाद खुदकुशी कर ली थी।
वह सोहना रोड सेक्टर-49 स्थित उप्पल साउथएंड सोसायटी के मकान नंबर 299 में रहते थे। हत्याकांड में मांस काटने वाले चाकू ( दाव) के साथ ही हथौड़े का इस्तेमाल किया गया। इसके बाद डॉ. श्रीप्रकाश सिंह द्वारा प्लास्टिक की रस्सी से खुदकुशी करने से साफ है कि हत्याकांड को पूरी प्लानिंग के साथ अंजाम दिया गया। यही नहीं फंदा लगाने की भी प्रैक्टिस की गई थी, क्योंकि जिस तरह से फंदे की गांठ लगाई गई थी, उस तरह से अचानक कोई फंदा नहीं लगा सकता।
हत्याकांड को अंजाम देने के लिए कितने दिनों से तैयारी की जा रही थी, घर में किसी विषय को लेकर विवाद तो नहीं चल रहा था, पत्नी के ऊपर सबसे अधिक हमला क्यों किया गया सहित कई सवालों के जवाब पुलिस हासिल करने में लगी है। कॉल डिटेल से जानकारी सामने नहीं आने के बाद अब तीनों मोबाइल का पूरा डाटा खंगाला जाएगा। सेक्टर-50 थाना प्रभारी शाहिद अहमद कहते हैं कि एक साथ कई एंगल से जांच की जा रही है।
कॉल डिटेल से कुछ जानकारी सामने आने की उम्मीद थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हो सकता है पिछले कुछ दिनों का पूरा डाटा निकालने के बाद जानकारी सामने आ जाए। परिजनों व रिश्तेदारों से जानकारी हासिल करने का प्रयास डॉ. श्रीप्रकाश ¨सह की तीन बहनें हैं और उनकी पत्नी सोनू सिंह की दो बहनें हैं। उनसे भी पता करने का प्रयास किया जाएगा कि कहीं परिवार के भीतर किसी बात को लेकर तनाव तो नहीं था क्योंकि इतनी बड़ी घटना के पीछे भी कोई छोटी बात नहीं होगी।
कोई भी इंसान इतनी बेरहमी से अपनी पत्नी व बच्चों की हत्या नहीं कर सकता। अधिकतर मामलों में परेशान व्यक्ति द्वारा स्वयं आत्महत्या करने की बात सामने आई है। डॉ. श्रीप्रकाश सिंह न केवल साइंटिस्ट थे बल्कि स्कूलों के संचालन में अपनी पत्नी डॉ. सोनू सिंह की हर स्तर पर मदद करते थे। सन फार्मा कंपनी में काम करने वाले एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि डॉ. श्रीप्रकाश सिंह की बहुत अच्छी पहचान थी। सभी लोग उनकी बहुत इज्जत करते थे। उन्होंने कंपनी में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाली थी। हत्याकांड से हर कोई हैरान है।