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Delhi Meerut Rapid rail Corridor: ऐतिहासिक इमारतों पर से जमी धूल हटाएगी रैपिड रेल, रोचक होगा सफर

दिल्ली-मेरठ दिल्ली-पानीपत और दिल्ली-अलवर तीनों ही रूटों के निर्धारण में बीच-बीच में आने वाली ऐतिहासिक इमारतों और स्मारकों पर भी रिपोर्ट तैयार की जा

By Prateek KumarEdited By: Published: Mon, 09 Sep 2019 10:55 AM (IST)Updated: Mon, 09 Sep 2019 11:36 AM (IST)
Delhi Meerut Rapid rail Corridor: ऐतिहासिक इमारतों पर से जमी धूल हटाएगी रैपिड रेल, रोचक होगा सफर
Delhi Meerut Rapid rail Corridor: ऐतिहासिक इमारतों पर से जमी धूल हटाएगी रैपिड रेल, रोचक होगा सफर

नई दिल्ली (संजीव गुप्ता)। Delhi Meerut Rapid rail Corridor: रैपिड रेल दिल्ली-एनसीआर में पर्यावरण अनुकूल तेज रफ्तार सफर का तो पर्याय होगी ही, ऐतिहासिक इमारतों पर जमी धूल भी हटाएगी। दिल्ली-मेरठ, दिल्ली-पानीपत और दिल्ली-अलवर तीनों ही रूटों के निर्धारण में बीच-बीच में आने वाली ऐतिहासिक इमारतों और स्मारकों पर भी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। रिपोर्ट की जानकारी को स्टेशनों की उद्घोषणा में शामिल किया जाएगा, ताकि यात्रियों का ज्ञानवर्धन हो सके।

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ब्रिटिशकालीन कब्रगाह है कॉरिडोर के पास
दिल्ली- मेरठ कॉरिडोर पर गाजियाबाद स्टेशन के समीप एक ब्रिटिशकालीन कब्रगाह है, जो एएसआइ द्वारा संरक्षित है। यहां पर 1857 के स्वाधीनता संग्राम में मारे गए दो ब्रिटिश सैनिकों और एक घोड़े की समाधि है। इसी तरह दिल्ली-पानीपत रूट पर काला अंब का अपना ही महत्व है, जहां पानीपत की तीसरी लड़ाई लड़ी गई थी। यहां हर साल समारोह भी आयोजित किया जाता है। दिल्ली अलवर कॉरिडोर के रूट पर भी ऐसी अनेक ऐतिहासिक इमारतें आ रही हैं, जो अपने पीछे एक रोचक इतिहास समेटे हुए हैं।

एक सलाहाकार की हो सकती है नियुक्‍ति
एनसीआर परिवहन निगम के अधिकारियों के मुताबिक इस दिशा में एक सलाहकार की नियुक्ति भी की जा रही है। एडवाइजर-हैरिटेज पदनाम वाले इस सलाहकार का काम तीनों कॉरिडोर के रूट पर पड़ने वाले एएसआइ संरक्षित स्मारकों व ऐतिहासिक इमारतों को लेकर दिशा-निर्देश तैयार करना होगा। यह सलाहकार एएसआइ के भी संपर्क में रहेंगे और संरक्षित विरासत से जुड़ी जानकारियां रैपिड रेल के प्रोजेक्ट में शामिल करेंगे।

एएसआइ से मिल चुकी है अनुमति
अधिकारियों के मुताबिक गाजियाबाद स्टेशन के पास स्थित ब्रिटिशकालीन कब्रगाह की ओर कॉरिडोर बनाने को लेकर एएसआइ से अनुमति भी मिल गई है। अन्य इमारतों या स्मारकों को लेकर भी एएसआइ से संपर्क किया जा रहा है। इसके अलावा एनसीआर परिवहन निगम की योजना यह भी है कि रैपिड रेल का परिचालन शुरू होने पर स्टेशनों की उद्घोषणा के क्रम में जहां कहीं भी ऐसा कोई संरक्षित स्मारक आता होगा तो एक दो पंक्ति में उसकी भी संक्षिप्त जानकारी शामिल कर ली जाएगी। इससे गुमनाम होती जा रहीं इमारतों के प्रति जनता का ज्ञान बढ़ेगा।

दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर के प्रस्तावित प्रमुख स्टेशन
सराय काले खां, इंद्रप्रस्थ, कश्मीरी गेट, बुराड़ी क्रॉसिंग, मुकरबा चौक, कुंडली, मुरथल, डिपो, गन्नौर, समालखा, पानीपत दक्षिण, पानीपत उत्तर।

दिल्ली-अलवर रूट के प्रस्तावित प्रमुख स्टेशन
सराय काले खां, जोर बाग, मुनिरका, एयरोसिटी, उद्योग विहार, राजीव चौक , खेड़की दौला, मानेसर, पंचगांव, बिलासपुर चौक, धारूहेड़ा, भिवाड़ी, बावल, एसएनबी, नीमराना, बहरोड़, शाहजहांपुर, सोतानाला, अलवर।

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