Move to Jagran APP

यहां सीता से उर्दू में गुफ़्तगू करेंगे राम, रावण भी कहेगा 'हुजूर आदाब'

सोशल मीडिया पर उर्दू रामलीला के खूब चर्चे हो रहे हैं। दिल्ली में हिंदी में रामलीला का मंचन तो हमेशा होता है, लेकिन उर्दू रामलीला लोग पहली बार देख सकेंगे।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 14 Dec 2018 12:36 PM (IST)Updated: Fri, 14 Dec 2018 03:42 PM (IST)
यहां सीता से उर्दू में गुफ़्तगू करेंगे राम, रावण भी कहेगा 'हुजूर आदाब'
यहां सीता से उर्दू में गुफ़्तगू करेंगे राम, रावण भी कहेगा 'हुजूर आदाब'

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। तीन दिवसीय जश्न-ए-रेख्ता की महफिल में किस्सागोई, मुशायरा, गजल और शायरी तो चार चांद लगाएंगे ही, लेकिन राम कहानी उर्दू वाली को लेकर भी आयोजन का बेसब्री से इंतजार कर रहे प्रशंसकों में लोग इस बात को जानने के लिए बेकरार हैं कि उर्दू में राम की कहानी कैसी होगी? सोशल मीडिया पर उर्दू रामलीला के खूब चर्चे हो रहे हैं। दिल्ली में हिंदी में रामलीला का मंचन तो हमेशा होता है, लेकिन उर्दू रामलीला लोग पहली बार देख सकेंगे। उर्दू रामलीला मंचन का जिम्मा फरीदाबाद की श्रद्धा रामलीला ग्रुप को सौंपा गया है। उर्दू रामलीला के संवाद, कलाकार समेत अन्य पहलुओं पर निर्देशक अनिल चावला ने बताया कि फरीदाबाद सेक्टर-15 में हम हर साल रामलीला का आयोजन करते हैं, लेकिन दिल्ली की सरजमीं पर पहली बार हमें उर्दू में रामलीला मंचित करने का न्योता मिला है। यही नहीं, जश्न-ए-रेख्ता में भी पहली बार ही रामलीला का मंचन होगा। यानी हम दोनों ही पहली बार वाली नाव पर सवार हैं। दिल्ली में प्रस्तुति को लेकर जितना मैं रोमांचित हूं, उतना ही रोमांच कलाकारों में भी है।

loksabha election banner

संवाद से आएगा मंचन में फर्क
हिदी और उर्दू रामलीला में मुख्य रूप से क्या अंतर है? के सवाल पर उन्होंने कहा-  'देखिए, रामायण की कहानी तो वही रहती है, सिर्फ इसके संवाद संप्रेषण (डायलॉग डिलीवरी) में अंतर आ जाता है। हिंदी की रामलीला में चौपाई, दोहे समेत कवित्व का भाव रहता है तो उर्दू की रामलीला शेर-एशायरी ली होती है। संवाद सुनकर आपको ऐसा प्रतीत होगा मानों कोई गजल सुना रहा है। यह कानों को बहुत सुकून देता है, और जो सुनने में अच्छा लगेगा, जाहिर सी बात है आंखों को भी पसंद आएगा।'

अंतर होगा हिंदी व उर्दू के संवादों में
कलाकारों की संवाद अदायगी पर अनिल का कहना है- 'बहुत अंतर है। दरअसल हम बचपन से ही हिंदी बोलते आ रहे हैं, इसलिए हिंदी रामलीला के संवाद बड़ी जल्दी और आसानी से याद हो जाते हैं। संवाद छोटे भी होते हैं, लेकिन उर्दू रामलीला में संवाद कई बार 10 से 20 लाइनों तक के हो सकते हैं। ऐसे में इनको याद रखने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। कलाकारों को इसकी तैयारी में एक से दो महीने तक का समय लग जाता है। आपको जानकार हैरानी होगी कि प्रत्येक कलाकार यहां अपना संवाद खुद से बोलता है। हम टेलीप्राम्टर या फिर किसी अन्य तरह के रिकार्डेड सिस्टम का प्रयोग नहीं करते हैं। उम्मीद है उर्दू रामलीला देखने वालों को यह बात पसंद आएगी।'

मंचन में लक्ष्मण सीता से कहेंगे- देवी, ये तुम्हारा कसूर नहीं
उनके मुताबिक, जश्न-ए-रेख्ता में वे दो कहानी का मंचन करेंगे। सीता हरण और रावण हनुमान संवाद। सीता हरण में रावण-मारीच की मंत्रणा एवं सोने का मृग व सीता का हरण दिखाया जाएगा। इसके संवाद की एक बानगी देखिए। सीता लक्ष्मण पर दबाव डाल रही है कि वह जाकर राम को देखे। इस पर लक्ष्मण कहते हैं- देवी, ये तुम्हारा कसूर नहीं आज होनी, कुछ ना कुछ गुल खिलाएगी और हम पर कोई नई मुसीबत लाएगी जब आपकी जुबां से ऐसे बुरे ख्यालात का इजहार हो रहा है तो जरूरी है कि हमारे लिए कोई नया बखेड़ा तैयार हो रहा है।

हिंदी रामलीला के ही कलाकार ही करेंगे मंचन

अनिल ने बताया कि कलाकारों का नए सिरे से चुनाव नहीं हुआ है। हिंदी रामलीला के ही कलाकार इसका मंचन करेंगे। इन्होंने उर्दू मंचन के लिए जी जान लगा दी है। मैं खुद लक्ष्मण का रोल करूंगा, जबकि मेरा बेटा कशिश चावला अंगद का किरदार निभाएगा। हनुमान का रोल भाई कैलाश चावला निभाएंगे, जबकि राम के बचपन की भूमिका कैलाश का बेटा निभाएगा। गुरु वशिष्ट एवं रावण के नाना की भूमिका 74 वर्षीय रिटायर्ड प्रधानाचार्य मंगल सेन अरोड़ा निभाएंगे। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.