स्पेशल सेल की पूछताछ में रोहिणी कोर्ट में हुई गोगी की हत्या के मामले में राकेश ताजपुरिया ने किया बड़ा खुलासा, पढ़िए क्या बताया?
रोहिणी कोर्ट में 24 सितंबर को कुख्यात जितेंद्र उर्फ गोगी की हत्या से पूर्व राकेश और गोगी की हत्या में शामिल दोनों शूटर राहुल केके और जयदीप ने हरियाणा के पानीपत कोर्ट में गोगी और उसके साथी दिनेश कराला की हत्या करने की कोशिश की थी।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार कुख्यात सुनील मान उर्फ टिल्लू के शूटर राकेश ताजपुरिया से पूछताछ में स्पेशल सेल को कई जानकारियां मिली हैं। रोहिणी कोर्ट में 24 सितंबर को कुख्यात जितेंद्र उर्फ गोगी की हत्या से पूर्व राकेश और गोगी की हत्या में शामिल दोनों शूटर राहुल केके और जयदीप ने हरियाणा के पानीपत कोर्ट में गोगी और उसके साथी दिनेश कराला की हत्या करने की कोशिश की थी।
13 सितंबर को गोगी और दिनेश को दिल्ली पुलिस ने पानीपत कोर्ट में एक मामले में पेश किया था। उस दिन दोनों की सुरक्षा में दिल्ली और हरियाणा के अधिक पुलिसकर्मियों की मौजूदगी के कारण ये अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाए थे। उस दिन राकेश ताजपुरिया, राहुल केके, जयदीप और वकील उमंग यादव अपने सरगना सुनील टिल्लू के निर्देश पर दोनों की हत्या करने वहां गए थे। मकसद में कामयाब न होने पर रोहिणी कोर्ट में दूसरी बार प्रयास करने पर शूटरों को सफलता मिल गई। रोहिणी कोर्ट में हत्या से एक दिन पहले 23 सितंबर को चारों की मुरथल में बैठक हुई थी। वहां राकेश ने दोनों शूटरों को दो पिस्टल सौपी थी जिससे दोनों ने गोगी की हत्या की।
मंगलवार देर रात नरेला में मुठभेड़ के बाद सेल के एसीपी अतर सिंह, इंस्पेक्टर शिव कुमार, पवन और एसआई राजेश कुमार की टीम ने राकेश को गिरफ्तार किया। गोगी की हत्या में वह वांछित था। मंडोली जेल में बंद टिल्लू के निर्देश पर उसने गोगी की हत्या करने वाले शूटरों को हथियार से लेकर तमाम बंदोबस्त किया था। घटना वाले दिन वह खुद कोर्ट के बाहर मौजूद था। दिल्ली पुलिस की ओर से उसपर 50 हजार का इनाम था। पूछताछ में राकेश पर दिल्ली और हरियाणा में हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती, जबरन वसूली, आपराधिक धमकी, हमला, चोट, हथियार अधिनियम आदि के 17 मामलों का पता चला है। उसके पास से तीन कारतूस, तीन खाली खोखा और सेमी आटोमेटिक पिस्टल बरामद की गई थी।
राकेश ताजपुरिया पिछले 10 वर्ष के दौरान दिल्ली और हरियाणा में 50 से अधिक वारदात को अंजाम दे चुका है, लेकिन इस पर केवल 17 मामले दर्ज होने का पता चला है। रोहिणी कोर्ट परिसर में जितेंद्र उर्फ गोगी की हत्या सहित प्रतिद्वंद्वी गिरोह के सदस्यों की हत्या के पांच मामलों में हत्या के चार और हत्या के प्रयास के एक मामले में वह वांछित था।