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हाई कोर्ट से राजपाल यादव को मिली राहत, पासपोर्ट जब्त नहीं करने की मांग स्वीकार

राजपाल का पक्ष सुनने के बाद न्यायमूर्ति योगेश खन्ना की पीठ ने उन्हें 21 अगस्त तक की मोहलत दी है। साथ ही राजपाल का पासपोर्ट न जब्त करने का भी निर्देश दिया है।

By Amit MishraEdited By: Published: Sat, 11 Aug 2018 08:02 PM (IST)Updated: Sun, 12 Aug 2018 06:00 AM (IST)
हाई कोर्ट से राजपाल यादव को मिली राहत, पासपोर्ट जब्त नहीं करने की मांग स्वीकार
हाई कोर्ट से राजपाल यादव को मिली राहत, पासपोर्ट जब्त नहीं करने की मांग स्वीकार

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। धोखाधड़ी के मामले में निचली अदालत से दोषी करार दिए गए अभिनेता राजपाल यादव ने हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान राहत देने की मांग की। उन्होंने अदालत से कहा कि उनका पासपोर्ट न जब्त किया जाए और उन्हें थोड़ा वक्त दिया जाए ताकि वह यह बता सकें कि वह जुर्माने की रकम कब तक और किस तरह से वापस कर सकेंगे। राजपाल का पक्ष सुनने के बाद न्यायमूर्ति योगेश खन्ना की पीठ ने उन्हें 21 अगस्त तक की मोहलत दी है। साथ ही राजपाल का पासपोर्ट न जब्त करने का भी निर्देश दिया है।

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फिल्म में निवेश का मामला

कड़कड़डूमा कोर्ट के फैसले के खिलाफ राजपाल यादव ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर राहत की मांग की थी। याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने राजपाल यादव का पासपोर्ट जमा कराने का निर्देश दिया था। इस पर राजपाल यादव की तरफ से जिरह करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सूरत सिंह व वकील आशुतोष कुमार ने अदालत से कहा कि राजपाल की पत्नी राधा का पासपोर्ट पहले से ही अदालत में जमा है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि यह मामला धोखाधड़ी का नहीं है। यह फिल्म में निवेश का मामला है। उन्होंने कोर्ट से कहा कि शिकायतकर्ता से राजपाल ने 5 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था और फिल्म रिलीज होने के बाद 8 करोड़ रुपये देने का वादा किया था।फिल्म के रिलीज होने से पहले ही शिकायतकर्ता ने शिकायत दर्ज करा दी और दिल्ली हाई कोर्ट ने अक्टूबर 2012 में फिल्म के रिलीज पर रोक लगा दी थी।

थोड़ा वक्त दिया जाए

सूरत सिंह ने अदालत से कहा कि इसके बावजूद भी राजपाल की मंशा जुर्माना की रकम वापस करने की है और वह इसके लिए प्रयास भी कर रहे हैं। सूरत सिंह ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता पहले ही जुर्माने के 2 करोड़ रुपये वापस कर चुके हैं। उन्होंने तर्क दिया कि अगर याची का पासपोर्ट जब्त कर लिया गया तो वह विदेशों में शूटिंग पर नहीं जा सकेगा और रकम नहीं जुटा सकेंगे। उन्होंने राजपाल की तरफ से मांग की कि उन्हें थोड़ा वक्त दिया जाए ताकि वह अदालत को बता सकें कि वे रकम कब तक और कैसे वापस लौटा सकेंगे। न्यायमूर्ति योगेश खन्ना ने पूरी बहस सुनने के बाद राजपाल यादव को 21 अगस्त तक का समय दिया। साथ ही उन्हें पासपोर्ट जब्त करने से राहत दे दी।

यह था मामला

अभिनेता राजपाल यादव ने वर्ष 2010 में 'अता पता लापता' फिल्म के लिए दिल्ली के बिजनेसमैन से 5 करोड़ रुपये का कर्ज लिया लेकिन रकम नहीं लौटाई। दिल्ली के लक्ष्मी नगर स्थित कंपनी ने राजपाल यादव व अन्य के खिलाफ चेक बाउंस से जुड़ी सात अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराई थीं। मामले में कड़कडड़ूमा कोर्ट ने राजपाल को कई नोटिस भेजे, लेकिन वह नहीं पहुंचे तो साल 2013 में उन्हें 10 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। लंबे समय तक सुनवाई के बाद कड़कडड़ूमा कोर्ट ने अप्रैल 2018 में राजपाल और उनकी पत्नी राधा को चेक बाउंस समेत 7 मामलों में दोषी करार दिया था। मामले में राजपाल को 6 साल की सजा और 11.20 करोड़ रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी। 


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