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आरक्षित होने के बावजूद नहीं मिली सीट, रेलवे देगा 75 हजार जुर्माना

कोर्ट ने आदेश में कहा कि आरक्षित सीट उपलब्ध कराना टीटीई की जिम्मेदारी थी, लेकिन वह अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह कर पाने में असफल रहा।

By Amit MishraEdited By: Published: Sun, 04 Jun 2017 10:09 PM (IST)Updated: Mon, 05 Jun 2017 05:22 PM (IST)
आरक्षित होने के बावजूद नहीं मिली सीट, रेलवे देगा 75 हजार जुर्माना

नई दिल्ली [जेएनएन]। राज्य उपभोक्ता आयोग ने सीट आरक्षित होने के बावजूद सफर के अधिकांश समय यात्री को सीट नहीं मिलने पर भारतीय रेलवे को 75 हजार रुपये का मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं। दिल्ली राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने जिला उपभोक्ता आयोग के उस फैसले को बरकरार रखा है जिसमें ट्रेन टिकट चेकर (टीटीई) की तनख्वाह में से मुआवजे की एक तिहाई रकम रकम काटने की बात कही गई थी।

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कोर्ट ने आदेश में कहा कि आरक्षित सीट उपलब्ध कराना टीटीई की जिम्मेदारी थी, लेकिन वह अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह कर पाने में असफल रहा। न्यायमूर्ति वीना बीरबल ने अपने आदेश में कहा कि जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा लगाया गया जुर्माना वाजिब है। सभी परिस्थितियों का अध्यन करने के बाद इस आदेश को बरकरार रखा जाता है।

दिल्ली निवासी विजय कुमार ने मुआवजा राशि को बढ़ाने के लिए याचिका लगाई थी। उसका कहना था कि 30 मार्च 2013 को वह दक्षिण एक्सप्रेस ट्रेन से विशाखापट्टनम से दिल्ली आ रहा था। शुरुआत में उसकी सीट पर किसी अन्य शख्स ने यह कहते हुए अवैध कब्जा कर लिया था कि वह घुटनों में दर्द की बीमारी से ग्रस्त है।

याची ने कहा कि मध्य प्रदेश के बीना स्टेशन पर कोई अन्य शख्स ट्रेन में चढ़ा। इस शख्स ने सीट पर हक जमाने को लेकर काफी हंगामा भी किया था। कहा गया कि उसने टीटीई से इस बाबत शिकायत करने का प्रयास किया, लेकिन वहां कोई नहीं मिला। रेलवे जिला उपभोक्ता फार्म के समक्ष पेश नहीं हुआ था। 

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