JNUSU Polls 2018: प्रेसिडेंशियल डिबेट में उठाए राष्ट्रीय मुद्दे
जेएनयू में जातिवाद, आरक्षण व नक्सलियों पर उम्मीदवारों ने रखे विचार। दृष्टिहीन छात्रों के प्रदर्शन की वजह से एक घंटे देरी से शुरू हुई डिबेट।
नई दिल्ली (राहुल मानव)। जेएनयू छात्र संघ चुनाव के एक दिन पहले ढपली की थाप के साथ प्रेसिडेंशियल डिबेट में सभी संगठनों के प्रत्याशियों ने अपनी बौद्धिक और तार्किक ताकतों का प्रयोग किया। इस दौरान प्रत्याशियों ने चुनावी मुद्दों को छात्रों के सामने रखा। साथ ही विरोधी उम्मीदवारों के सवालों का जवाब दिया। नारों के बीच अध्यक्ष पद के लिए उतरे आठ उम्मीदवारों ने राजनीतिक विचारधारा पक्ष के लिए अपनी-अपनी राय रखी।
दृष्टिहीन छात्रों के प्रदर्शन के कारण डिबेट बुधवार को तकरीबन एक घंटे देरी से रात 12 बजे शुरू हुआ। सबसे पहले बाप्सा के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार ठल्लापली प्रवीण ने कहा कि देश में लोगों पर लगातर हमले हो रहे हैं। इन्हें रोकने की कोशिश नहीं की गई। ललित मोदी जैसे लोग देश छोड़कर जा रहे हैं, लेकिन उनको सरकार पकड़ नहीं पाई।
निर्दलीय नेत्रहीन निधि मिश्र ने कहा कि देश में हिंदू और मुस्लिम की राजनीति नहीं होनी चाहिए। लेफ्ट समर्थकों ने बिहार, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में तब आवाज नहीं उठाई, जब वहां पर जाति से जुड़े विवादों में लोगों की जानें चली गई। दिव्यांग छात्रों के हित में कैंपस में रैंप नहीं बनवाए गए। जेएनयू में एनएसयूआइ के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार विकास यादव ने नोटबंदी का मुद्दा उठाय। उन्होंने कहा कि देश में सरकारी संस्थान को बंद किया जा रहा है।
ये हैं अध्यक्ष पद के प्रत्याशी
लेफ्ट यूनिटी के एन साई बालाजी, एबीवीपी के ललित पांडेय, बाप्सा के ठल्लापेली प्रवीण, एनएसयूआइ के विकास यादव और राजद के जयंत कुमार। तीन निर्दलीय कश्मीर के निवासी जाहु कुमार हीर, साइब बिलावल और नेत्रहीन नीधि मिश्र।
जमकर हुई नारेबाजी, छात्रों में दिखा गजब उत्साह
जेएनयू में प्रेसिडेंशियल डिबेट शुरू होने से करीब दो-ढाई घंटे पहले ही डिबेट स्थल पर छात्र-छात्राओं की भारी भीड़ जुट गई थी। इस दौरान छात्रों ने अपने-अपने उम्मीदवारों के समर्थन में जमकर नारेबाजी की। कोई ढोल लेकर तो कोई ढपली लेकर और कोई मजीरा लेकर डिबेट में शामिल होने पहुंचा था। देर रात तक चली प्रेसिडेंशियल डिबेट के दौरान पूरे समय छात्रों का उत्साह देखने लायक था।
डिबेट से पहले दृष्टिहीन छात्रों ने किया प्रदर्शन
जेएनयू में पढ़ने वाले दृष्टिहीन छात्रों ने प्रेसिडेंशियल डिबेट के दौरान ब्रेल में सवाल नहीं पूछे जाने को लेकर चुनाव समिति के खिलाफ़ प्रदर्शन किया। दृष्टिहीन छात्र धीरू यादव ने कहा कि सभी विद्यार्थियों को अध्यक्ष पद के उम्मीदवार से प्रश्न पूछने का हक मिलता है। हम ब्रेल के जरिये इन उम्मीदवारों से प्रश्न पूछना चाहते हैं, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं मिली।