G-20 की तैयारियां, दिल्ली सरकार ने सचिवालय के बदलवाएं सभी गेट; जलभराव की समस्या भी होगी दूर
जी-20 शिखर सम्मेलन का असर दिल्ली सरकार की अतिविशिष्ट इमारतों में शामिल दिल्ली सचिवालय पर भी दिख रहा है। सचिवालय के बाहर और अंदर सुंदरीकरण कार्य की योजना है। इसी के तहत सचिवालय के सभी प्रमुख गेट बदल दिए गए हैं। इस इमारत में सचिवालय शुरू किए जाने के समय लोहे गेट लगाए गए थे जिन्हें स्टील में बदल दिया गया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। देश में पहली बार होने जा रहे जी-20 शिखर सम्मेलन का असर दिल्ली सरकार की अतिविशिष्ट इमारतों में शामिल दिल्ली सचिवालय पर भी दिख रहा है। सचिवालय के बाहर और अंदर सुंदरीकरण कार्य की योजना है। इसी के तहत सचिवालय के सभी प्रमुख गेट बदल दिए गए हैं।
इस इमारत में सचिवालय शुरू किए जाने के समय लोहे गेट लगाए गए थे, जिन्हें स्टील में बदल दिया गया।सचिवालय में सात गेट हैं, इसमें डेढ़ टन से लेकर तीन टन के स्टील वाले गेट लगाए गए हैं। नंबर सात का गेट सबसे बड़ा है। इसका वजन तीन टन के करीब है।
जलभराव की समस्या भी होगी दूर
लोक निर्माण मंत्री आतिशी ने भी कुछ समय पहले सचिवालय में सुंदरीकरण पर जोर देने के निर्देश दिए थे, उसके बाद से विभाग और सक्रिय है। इसके साथ ही दिल्ली सचिवालय में जलभराव दूर करने के लिए भी काम होने जा रहा है। दिल्ली की अतिप्रतिष्ठित इमारतों में दिल्ली सचिवालय यानी प्लेयर्स बिल्डिंग का नाम शामिल है।
दिल्ली सरकार का यहां सचिवालय है। जहां मुख्यमंत्री और उनकी पूरी कैबिनेट सहित मुख्य सचिव और तमाम अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठते हैं। 10 मंजिला इस इमारत में कुल स्टाफ 4000 के पार है।
यहां वीआइपी और कर्मचारियों व आम लोगों के आवागमन के लिए अलग-अलग गेट हैं। गेट नंबर छह आम जनता व कर्मचारियों के लिए निर्धारित है।
शीला सरकार में बनी है सचिवालय की इमारत
शीला सरकार ने 2005 से यहां धीरे-धीरे सचिवालय शुरू किया था। उसी समय यह इमारत तैयार की गई थी। उसी समय वजनी लोहे के गेट लगाए गए थे। पिछले साल गेट बदले जाने की योजना बनी थी, उस समय लोक निर्माण विभाग ने याेजना बनाई थी कि गेटों में तकनीक का इस्तेमाल किया जाए और डिजाइन बदला जाए।
मगर विशेषज्ञों ने ऐसा करने से मना कर दिया था, उनका तर्क था कि ऐसा किए जाने से सचिवालय की सुंदरता प्रभावित होगी। बाद में तय हुआ कि जो डिजाइन लोहे के गेटों पर है वही डिजाइन स्टील के गेट पर दिया जाए। पिछले तीन माह से गेट बदलने का काम जारी था, अंतिम गेट नंबर छह भी पिछले सप्ताह बदल दिया गया है।