दीपक व प्रदीप के नाना व दादा भी थे डकैत, जुड़ रहा जेवर सामूहिक दुष्कर्म से लिंक
एसटीएफ ने बताया कि बावरिया गिरोह के बदमाशों ने बीते वर्ष नवंबर व दिसंबर में बाराबंकी व लखनऊ और जनवरी 2018 में फर्रुखाबाद डकैती व हत्या की वारदातों को अंजाम दिया था।
नोएडा (जेएनएन)। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की गौतमबुद्धनगर यूनिट ने लखनऊ, बाराबंकी में हुई डकैती के मामले में फरार 50 हजार के इनामी डकैत दीपक बावरिया व उसके साथ प्रदीप को गिरफ्तार किया है। पूछताछ के दौरान पता चला है कि डकैत दीपक बावरिया अशोक उर्फ राजू का रिश्तेदार है। अशोक उर्फ राजू जेवर सामूहिक दुष्कर्म का आरोपित है और वर्तमान में जेल में बंद है। जेवर में परिवार के मुखिया की हत्या कर बीते साल 24 मई की रात चार महिलाओं से सामूहिक दुष्कर्म किया गया था।
दीपक व प्रदीप दोनों बदमाशों की गिरफ्तारी ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क कोतवाली क्षेत्र से मुठभेड़ के दौरान की गई। बावरिया डकैत दीपक लंबे समय से फरार चल रहा था। उसके परिवार के अन्य सदस्य भी बड़े डकैत रह चुके हैं। दीपक पर काकोरी थाने से 50 हजार का इनाम घोषित था। वहां तीन लोगों की हत्या कर डकैती डाली गई थी। बावरियों के पास से एसटीएफ ने दो तमंचे व बिना नंबर की एक मोटरसाइकिल बरामद की है। पूछताछ के दौरान पता चला है कि दोनों घटना करने की फिराक से ग्रेटर नोएडा आए थे और छिपकर रह रहे थे।
एसटीएफ ने बताया कि बावरिया गिरोह के बदमाशों ने बीते वर्ष नवंबर व दिसंबर में बाराबंकी व लखनऊ और जनवरी 2018 में फर्रुखाबाद जिले के विभिन्न गांवों में डकैती व हत्या की वारदातों को अंजाम दिया था। इसके बाद तीन फरवरी 2018 को पुलिस मुठभेड में चार बदमाश राजेश उर्फ पेटला, मनोज उर्फ छोटू, राजू उर्फ रमेश व महेंद्र को गिरफ्तार किया था।
जिन्होंने पूछताछ के दौरान सभी डकैती की वारदातों में शामिल होने की बात पुलिस को बताई थी। इसमें दीपक बावरिया निवासी मोहम्मदाबाद फर्रुखाबाद समेत कई अन्य बदमाशों के नाम सामने आए थे। जिनमें से कुछ बदमाशों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं, दीपक पर फरार होने के चलते 50 हजार का इनाम रखा गया था। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार दीपक बावरिया व प्रदीप बावरिया निवासी भरतपुर राजस्थान का डकैती की वारदात करना खानदानी है।
दोनों के पिता रहे हैं नामी डकैत
दीपक के पिता रामप्रसाद और प्रदीप के पिता फूल सिंह समेत उनके दादा और नाना भी नामी डकैत रहे हैं। डकैती की कई बड़ी घटनाओं के आरोप में बुलंदशहर और अलीगढ़ जेल में बंद रहे हैं। उन्होंने भी बुलंदशहर के नरौरा, गुलावठी, डिबाई समेत मेरठ, हापुड व अलीगढ़ जनपदों के गांवों में डकैती डाली थी।
बेटों ने संभाली कमान
दोनों बदमाशों के पिता रामप्रसाद व फूल सिंह की उम्र हो जाने के चलते दोनों के बेटों ने बावरिया गिरोह की कमान संभाल ली है और डकैती की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे। दोनों बदमाश मध्य प्रदेश व हरियाणा में डकैती के मामले में पहले भी जेल जा चुके है।
फेरी से करते थे रेकी
दोनों बदमाश अलग-अलग जिले के गांवों में जाकर फेरी लगाते हैं और फेरी के दौरान रेकी करते हैं। रेकी करने के दौरान बावरिया यह आंक लेते हैं किस घर में कितना माल मिलेगा। इसके बाद योजना तैयार कर बावरिया डकैती डालते थे। दोनों के रिश्तेदार दिल्ली के नजफगढ़ में भी हैं।
राजकुमार मिश्रा (सीओ एसटीएफ, ग्रेटर नोएडा) ने बताया कि दोनों बावरियों को नॉलेज पार्क कोतवाली क्षेत्र से मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया है। दोनों ग्रेटर नोएडा के गांवों में ठंडी के मौसम में डकैती करने की फिराक में थे। इससे पहले ही दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।