मौसम में बदलाव के साथ बिगड़ने लगी है दिल्ली-एनसीआर की हवा, सरकार अलर्ट
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की 41 टीमों को दिल्ली और एनसीआर ने स्थिति पर नजर रखने के लिए उतारा गया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। मौसम में बदलाव के साथ दिल्ली और एनसीआर की आबोहवा भी बिगड़ने लगी है। इसकी आहट से सरकार अलर्ट हो गई है, हालांकि इसे लेकर बड़े-बड़े दावे करने वालों के हौसले डगमगाने लगे है। इसका अंदाजा केंद्रीय पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन के उस बयान से लगाया जा सकता है, जिसमें उन्होंने समाज को आगे आने की गुहार लगाई है। साथ ही कहा कि सरकार वैसे तो इसे लेकर सभी तरह के जरूरी कदम उठा रही है।
बचाव को लेकर जरूरी कदम
इसी बीच केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने वायु गुणवत्ता का पूर्वानुमान बताने के लिए सोमवार को विकसित की गई एक नई प्रणाली भी लांच की है। जिसकी मदद से वायु गुणवत्ता के खतरनाक स्थिति में आने को लेकर 72 घंटे पहले ही चेतावनी जारी कर दी जाएगी। साथ ही इससे जुड़े सभी विभागों को अलर्ट भी जारी कर दिया है। ताकि वह समय रहते लोगों के बचाव को लेकर जरूरी कदम उठा सके।
दूसरे शहरों में होगा विस्तार
फिलहाल यह प्रणाली भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम)पुणे, भारतीय मौसम विभाग और मध्यम श्रेणी के मौसम पूर्वानुमान के लिए राष्ट्रीय केंद्र(एनसीएमआरडब्लूएफ) ने मिलकर संयुक्त रूप से विकसित किया है। इसकी मदद से अभी सिर्फ दिल्ली व आसपास के क्षेत्रों की वायु गुणवत्ता का ही अनुमान लगाया जा सकेगा, लेकिन बाद में इसे देश के दूसरे शहरों में भी विस्तार दिया जाएगा।
सरकार ने कर रखा है तैयारी
केंद्रीय मंत्री ने इस दौरान दिल्ली में जारी किए गए अलर्ट की भी जानकारी दी और कहा कि सोमवार से इस पर अमल शुरु हो गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की 41 टीमों को दिल्ली और एनसीआर ने स्थिति पर नजर रखने के लिए उतारा गया है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे हवा की स्थिति बिगड़ेगी, उसी के अनुरूप दूसरे भी जरूरी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने इसे लेकर पर्याप्त तैयारी कर रखी है।
पराली जलाने में आएगी कमी
फिलहाल 15 अक्टूबर से बदरपुर ताप बिजली संयंत्र को बंद कर करने को कहा है। मशीनों से सफाई और पानी के छिड़काव के भी निर्देश दिए गए है। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने पराली से निपटने के लिए उठाए गए जरूरी कदमों को लेकर फिर संतोष जताया है। साथ ही कहा है कि इस कदम से पिछले साल के मुकाबले इस बार जलाने की घटनाओं ने कमी दिखेगी।