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CAA Delhi Protest: सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ पुलिस करेगी कड़ी कार्रवाई

दिल्ली पुलिस ने फेसबुक और ट्वीटर के सामने सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों का मुद्दा उठाया है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Wed, 18 Dec 2019 04:49 PM (IST)Updated: Wed, 18 Dec 2019 04:49 PM (IST)
CAA Delhi Protest: सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ पुलिस करेगी कड़ी कार्रवाई
CAA Delhi Protest: सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ पुलिस करेगी कड़ी कार्रवाई

नई दिल्ली, एएनआइ। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए दिल्ली में हिंसा के बाद पुलिस सोशल मीडिया पर लगाम कसने जा रही है। एएनआइ ने सूत्रों के हवाले से बताया कि दिल्ली पुलिस ने फेसबुक और ट्विटर  के सामने सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों का मुद्दा उठाया है। पुलिस ने कंपनी को  फर्जी खातों पर कार्रवाई करने के लिए भी कहा है। 

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पुलिस का कहना है कि सोशल मीडिया पर हिंसा से जु़ड़ी अफवाहें फैलाई जा रही हैं। जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस फेसबुक और ट्विटर पर बने फर्जी खातों को लेकर कड़ी कार्रवाई करने जा रही है। बताया जा रहा है कि  फेसबुक और ट्विटर पर कुछ लोग फर्जी खाते बनाकर अफवाह फैला रहे हैं।

पुलिस सूत्रों ने बुधवार को बताया कि हालात काबू में हैं। बुधवार को आगजनी की कोई सूचना नहीं है। सीलमपुर इलाके में मंगलवार को हुई हिंसा के मामले में दो एफआइआर दर्ज हुई है जिनमें छह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। नॉर्ड-ईस्ट दिल्ली में धारा 144 लगाई गई है।

 क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू की 

जामिया हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू कर दी है। दंगा व आगजनी के मामले में दंगायियों के खिलाफ सोमवार को एक एफआइआर न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी व दूसरी जामिया नगर थाने में दर्ज की गई थी। सात टीमें इस मामले की जांच में लगाई गई है। क्राइम ब्रांच की टीम मंगलवार को घटना स्थल पर पहुंच कर घंटों जांच की। क्राइम ब्रांच के सूत्रों के मुताबिक, घटनास्थल के आसपास के करीब 10 हजार मोबाइल फोन का डंप डाटा भी उठाया गया है। प्रदर्शन के दौरान मौजूद नेता भी जांच के दायरे में रहेंगे। पुलिस उन्हें नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाएगी। झूठी अफवाह फैलाने वालों पर भी पुलिस शिकंजा कसेगी।

जामिया हिंसा के पीछे आखिर कौन, पुलिस खोज रही लिंक

जामिया विवि के गेट पर सीएए और एनआरसी के विरोध में हो रहे प्रदर्शन को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। एक तरफ विवि प्रशासन कह रहा है कि प्रदर्शन करने वाले लोग बाहरी हैं। उनके छात्र विवि बंद होने के बाद से चले गए हैं। ऐसे में सवाल यही है कि इस प्रदर्शन को आखिर किसका समर्थन प्राप्त है।

जामिया विवि के जनसंपर्क अधिकारी अहमद अजीम ने बताया कि प्रदर्शन करने वालों में ज्यादातर लोग स्थानीय कॉलोनियों में रहने वाले हैं। विवि के 80 प्रतिशत से अधिक हॉस्टल खाली हो चुके हैं। ऐसे में हिंसक प्रदर्शन कर उनके विवि का नाम खराब किया जा रहा है। जामिया वीसी नजमा अख्तर ने भी प्रेस कांफ्रेंस कर पत्थरबाजी में छात्रों के शामिल होने से इन्कार किया था। ऐसे में सवाल यह है कि हिंसा फैलाने वाले कौन हैं। प्रदर्शनकारियों को विवि गेट से हटाने के सवाल पर अजीम अहमद ने बताया कि यह विवि प्रशासन का काम नहीं है। प्रदर्शनकारी सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिस प्रदर्शनकारियों को हटा सकती है।


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