सिपाही को कुचलकर मारने वाले आरोपी को तीन दिन की पुलिस रिमांड, पढ़ें रजनीश के वकील ने कोर्ट में क्या दी दलीलें
दिल्ली की तीस हजारी स्थित न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के सिपाही को टक्कर मारने और घसीटने के मामले में आरोपित रजनीश उर्फ तीन दिन की पुलिस रिमांड की मंजूरी दी। हालांकि पुलिस ने पांच की रिमांड अवधि मांगी थी। बता दें हिमाचल से बस से करनाल की तरफ आते ही पुलिस टीम ने बस से मुख्य आरोपी धर्मेंद्र को दबोच लिया।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। तीस हजारी स्थित न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने दिल्ली पुलिस के सिपाही को टक्कर मारने और घसीटने के मामले में आरोपित रजनीश उर्फ सीटू को तीन दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया। अदालत ने सुनवाई के दौरान कानून-व्यवस्था और पुलिस की मौतों के व्यापक प्रभाव पर जोर दिया।
न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी चारू असीवाल ने दिल्ली पुलिस की ओर से दायर आरोपित के रिमांड आवेदन को मंजूरी दे दी। आरोपित को अब तीन अक्टूबर को फिर से अदालत के समक्ष किया जाएगा। दिल्ली पुलिस ने आरोपित रजनीश को सिपाही की मौत में शामिल होने के आरोपों के तहत कोर्ट में पेश कर उसकी पांच दिन की रिमांड को लेकर आवेदन दायर किया था।
पुलिस की ओर से पेश अधिवक्ता ने दलील दी कि घटना के दौरान वाहन में रजनीश मौजूद था। इसलिए उससे हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है। अधिवक्ता ने तर्क दिया कि मामले में आगे की जांच के लिए रजनीश को झज्जर, हरियाणा और पोंटा साहिब भी ले जाना है।
आरोपित रजनीश की ओर से पेश अधिवक्ता ने दिल्ली पुलिस के रिमांड आवेदन का विरोध करते हुए दलील दी कि उनका मुवक्किल घटना में शामिल वाहन नहीं चला रहा था और उसका कोई आपराधिक इरादा नहीं था। ऐसे में पांच दिन की हिरासत अनुचित है।
अधिवक्ता ने तर्क दिया कि आरोपित के बड़े भाई आकाशदीप को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया था। बचाव पक्ष के अधिवक्ता की इस दलील पर पुलिस की ओर से पेश अधिवक्ता ने कहा कि पूछताछ के बाद आकाशदीप को रिहा कर दिया गया था।