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Delhi: साइबर क्राइम से निपटने के लिए मिलकर काम करेगी कई राज्यों की पुलिस, गृह मंत्रालय ने किया नया दल गठित

देश में बढ़ते साइबर अपराध के मामलों को देखते हुए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र योजना के तहत गृह मंत्रालय द्वारा संयुक्त साइबर अपराध समन्वय दल (जेसीसीटी) का गठन किया गया है। अब पुलिस को वित्तीय साइबर जालसाजों के विवरण में समन्वय और सहयोग में मदद मिलेगी।

By Rakesh Kumar SinghEdited By: Abhi MalviyaPublished: Thu, 23 Mar 2023 07:43 PM (IST)Updated: Thu, 23 Mar 2023 07:43 PM (IST)
Delhi: साइबर क्राइम से निपटने के लिए मिलकर काम करेगी कई राज्यों की पुलिस, गृह मंत्रालय ने किया नया दल गठित
साइबर क्राइम से निपटने के लिए गृह मंत्रालय ने नई टीम गठित की है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। देश में बढ़ते साइबर अपराध के मामलों को देखते हुए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र योजना के तहत गृह मंत्रालय द्वारा संयुक्त साइबर अपराध समन्वय दल (जेसीसीटी) का गठन किया गया है। इससे अब दिल्ली व केंद्र शासित प्रदेश समेत कई राज्यों की पुलिस को साइबर अपराध से संबंधित डाटा साझा करने, काम करने के तरीके, वित्तीय साइबर जालसाजों के विवरण में समन्वय और सहयोग में मदद मिलेगा।

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डीसीपी साइबर सेल प्रशांत पी गौतम के मुताबिक राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर शिकायतों के विश्लेषण के आधार पर मेवात क्षेत्र के लिए एक संयुक्त साइबर अपराध समन्वय टीम का भी गठन किया गया है, जिसमें राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के अलावा दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान की पुलिस को शामिल किया गया है। दिल्ली पुलिस को जेसीसीटी की नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है। इसके मद्देनजर बुधवार को भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र के समन्वय में जेसीसीटी की नोडल एजेंसी होने के नाते दिल्ली पुलिस की आइएफएसओ यूनिट द्वारका के कान्फ्रेंस हाल में संयुक्त साइबर अपराध समन्वय टीमों का एक दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया गया।

इस अवसर पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा, विशेष आयुक्त स्पेशल सेल एचजीएस धालीवाल व आइ4सी के सीइओ राजेश कुमार समेत पुलिस के कई आला अधिकारी मौजूद थे। सम्मेलन में कई राज्यों के विभिन्न रैंक के 51 वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया। तेलंगाना, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात और झारखंड की पांच जेसीसीटी टीमों के प्रतिनिधियों द्वारा साइबर अपराध में नवीनतम रुझानों, साइबर अपराध से निपटने की सीमाओं और हितधारकों के बीच बेहतर समन्वय के साथ साइबर अपराध से निपटने के समाधान पर पावर प्वाइंट प्रस्तुतियां दी गईं।

भाग लेने वाले राज्यों द्वारा जांच के दौरान देखे गए तौर-तरीकों को भी साझा किया गया ताकि सर्वोत्तम प्रथाओं को अन्य राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा दोहराया जा सके। इस मौके पर हाट स्पाट के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई और इन हाट स्पाट से उत्पन्न होने वाले साइबर अपराध के खतरे को कम करने की कार्य योजना पर भी चर्चा की गई। राज्यों द्वारा साझा किए गए इनपुट को संकलित कर लिया गया है। उस पर आगे कार्रवाई की जाएगी। इस मौके संजय अरोड़ा ने सभी प्रतिभागियों द्वारा इनपुट साझा करने की सराहना की। उन्होंने बढ़ते साइबर अपराध से निपटने के लिए मिलकर काम करने और एक संयुक्त रणनीति तैयार करने पर जोर दिया।

समाप्त-राकेश 


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