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Delhi Girl Assault & Murder Case: 400 पन्ने के आरोप पत्र में पुजारी के खिलाफ लगाए गए गंभीर आरोप

Delhi Girl Assault Murder Case 400 पन्ने के आरोपपत्र में पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ पर्याप्त फोरेंसिक व वैज्ञानिक सुबूतों को रखा है। आरोपपत्र पर 31 अगस्त को अदालत संज्ञान लेगी। फास्ट ट्रैक कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होगी।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Sun, 29 Aug 2021 07:58 AM (IST)
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पुजारी समेत चार आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र दायर

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली कैंट थाना क्षेत्र में स्थित श्मशान भूमि परिसर में नौ साल की बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या करने के मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने शनिवार को पटियाला हाउस कोर्ट में चारों आरोपितों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर दिया है। भारतीय दंड संहित के तहत हत्या, गैर इरादत्तन हत्या, सामूहिक दुष्कर्म और साक्ष्य नष्ट करने सहित पाक्सो एक्ट के तहत दाखिल किए गए आरोपपत्र में राधेश्याम, सलीम अहमद, लक्ष्मी नारायण और कुलदीप को नामजद किया गया है। राधेश्याम श्मशान भूमि परिसर में स्थित मंदिर का पुजारी था।

400 पन्ने के आरोपपत्र में पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ पर्याप्त फोरेंसिक व वैज्ञानिक सुबूतों को रखा है। आरोपपत्र पर 31 अगस्त को अदालत संज्ञान लेगी। फास्ट ट्रैक कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होगी। इस मामले में गृह मंत्रलय ने दिल्ली पुलिस को एक महीने के भीतर आरोप पत्र दाखिल करने के निर्देश दिये थे।

एक अगस्त की शाम ओल्ड नांगल में नौ साल की बच्ची जब घर के पास स्थित श्मशान भूमि परिसर में पानी लेने गई थी, उसी दौरान उसके साथ वारदात को अंजाम दिया गया था। सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के बाद पुजारी व अन्य आरोपितों ने स्वजन पर दबाव बनाकर शव का जबरन अंतिम संस्कार करवा दिया था। बाद में जब बच्ची की मां ने विरोध जताया तो मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस आयुक्त ने पांच अगस्त को जांच जिला पुलिस से लेकर क्राइम ब्रांच को सौंप दी थी।

पुलिस उपायुक्त (अपराध) मोनिका भारद्वाज की देखरेख में एसीपी संदीप लांबा, एसीपी रिछपाल सिंह, इंस्पेक्टर नीरज, एसआइ आशा व अनुज के साथ विशेष जांच दल का गठन किया गया।

जांच दल ने जुटाए साक्ष्य

जांच के दौरान गवाहों के बयान दर्ज करने के साथ ही वैज्ञानिक, तकनीकी और अन्य साक्ष्य एकत्र कर उनका विश्लेषण किया गया। फोरेंसिक मनोवैज्ञानिक परीक्षण किया गया । रोहिणी स्थित फोरेंसिक साइंस लैब में फोरेंसिक एक्सपर्ट व अन्य से सहायता ली गई। आरोपितों से पूछताछ के दौरान फोरेंसिक साइकोलाजिस्ट की मदद भी ली गई।

राधेश्याम और कुलदीप पर गंभीर आरोप

आरोपपत्र में कहा गया है कि राधेश्याम व कुलदीप ने बच्ची को अपनी हैवानियत का शिकार बनाया था। पकड़े जाने के डर से आरोपितों ने बच्ची की हत्या कर दी। दुष्कर्म के दौरान दोनों ने बच्ची के मुंह को कड़ाई से दबाए रखा था। इससे बच्ची बेहोश हो गई थी। आरोपित सलीम अहमद और लक्ष्मी नारायण ने शव को जलाने में मदद की थी।

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, राधेश्याम का चरित्र ठीक नहीं है। राधेश्याम तीन मोबाइल फोन रखता था। जिसमें एक स्मार्ट फोन भी था। इस फोन में सिम नहीं था। उसे सिर्फ अश्लील वीडियो के लिए इस्तेमाल करता था। वारदात के बाद उसने इस फोन को तोड़कर जलती चिता में फेंक दिया था।