आपदा मोचन बल के जवानों को दिया जाएगा नेताजी सुभाष चंद्र बोस पुरस्कार: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपदा मोचन में लगे जवानों के सम्मान में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम से पुरस्कार शुरू करने की भी घोषणा की।
नई दिल्ली, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को चाणक्यपुरी में नवनिर्मित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक एवं संग्रहालय राष्ट्र को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लोग शांति-सुरक्षा और समृद्धि का जो आनंद ले रहे हैं, वह पुलिस और अर्धसैनिक बलों के कर्मियों के प्रयास से संभव हुआ है। इनके अलावा आज का दिन देश में आपदा प्रबंधन में जुटे उन लोगों को याद करने का भी है, जो प्राकृतिक आपदा अथवा हादसे के वक्त पहुंच कर राहत पहुंचाने का काम करते हैं।
हर वर्ष दिया जाएगा पुरस्कार
प्रधानमंत्री ने आपदा मोचन में लगे जवानों के सम्मान में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम से पुरस्कार शुरू करने की भी घोषणा की। यह पुरस्कार लोगों को जान बचाने में बहादुरी और साहस का प्रदर्शन करने वालों को हर वर्ष दिया जाएगा।
पूर्व की सरकारों पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय पुलिस स्मारक बनने में 70 वर्ष लगने के लिए पूर्व की सरकारों की इच्छाशक्ति पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि यह प्रयास दिल से किया जाता तो यह स्मारक कई वर्ष पहले बन गया होता। उन्होंने कहा कि स्मारक की मूर्तिकला पुलिस बलों की क्षमता, साहस और सेवा भावना का प्रतिनिधित्व करती है। यह सौभाग्य है कि उन्हें राष्ट्र सेवा और समर्पण की अमर गाथा के प्रतीक इस राष्ट्रीय पुलिस स्मारक को देश को समर्पित करने का अवसर मिला है।
बेहतरीन काम कर रहे हैं जवान
मोदी ने कहा कि देश के नक्सल प्रभावित जिलों में जो जवान ड्यूटी पर तैनात हैं वे बेहतरीन काम कर रहे हैं। पूर्वोत्तर में डटे जवानों के शौर्य और बलिदान भी रंग ला रही है। उनके प्रयास से ही देश शांति स्थापना की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने पुलिस बल आधुनिकीकरण योजना (एमपीएफ) का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार प्रौद्योगिकी, आधुनिक संचार प्रणाली और आधुनिक हथियारों के माध्यम से पुलिस बलों का आधुनिकीकरण कर रही है। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स घटना में बचे तीन जीवित सदस्यों को भी सम्मानित किया।
21 अक्टूबर को मनाया जाता है पुलिस स्मारक दिवस
साल 1959 में लद्दाख में चीनी सैनिकों के आत्मघाती दस्ते के हमले में कई जवान शहीद हो गए थे। उनकी याद में ही हर वर्ष 21 अक्टूबर को पुलिस स्मारक दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर उनके साथ केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू और हंसराज अहीर सहित पुलिस और अर्धसैनिक बलों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।