गरीब बच्चों को उपलब्ध कराया जाए मुफ्त लैपटॉप-मोबाइल, हाई कोर्ट में याचिका
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्शन के साथ लैपटॉप एंड्रॉयड फोन और आईपैड देने की मांग वाली याचिका पर कोर्ट ने नोटिस जारी किया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी के बीच ऑन लाइन क्लास में हिस्सा लेने के लिए गरीब बच्चों को मुफ्त लैपटॉप-मोबाइल उपलब्ध कराने की मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। न्यायमूर्ति मनमोहन व न्यायमूर्ति संजीव नरुला की पीठ ने केंद्र व दिल्ली सरकार के साथ ही नगर निगम व 10 गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को नोटिस जारी कर याचिका पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है।
गैर सरकारी संगठन जस्टिस फॉर ऑल की तरफ से दायर जनहित याचिका के अनुसार गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों ने वीडिया कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ऑन लाइन क्लास चलाने का फैसला किया है। इससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 50 हजार छात्रों को फायदा होगा, लेकिन वे न तो लैपटॉप-मोबाइल नहीं खरीद सकते और न ही हाई स्पीड इंटरनेट का खर्च ही वहन कर सकते हैं।
दिल्ली सरकार ने कॉलेजों के लिए जारी किया फंड
उधर, दिल्ली सरकार की तरफ से दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 कॉलेजों के फंड को जारी कर दिया गया है। यह सभी कॉलेज दिल्ली सरकार के सौ फीसद वित्त पोषित कॉलेज हैं। दिल्ली सरकार के उच्च शिक्षा निदेशालय की तरफ से इन सभी कॉलेजों को 7 मई को कुल 18 करोड़ 75 लाख रुपये की राशि वेतन के लिए जारी की गई है। इससे इन सभी कॉलेजों के शिक्षक व कर्मचारियों को राहत मिलेगी।
आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज, अदिति महाविद्यालय, भगिनी निवेदिता कॉलेज, भास्कराचार्य कॉलेज ऑफ एप्लाइड साइंसेज , डॉ बी आर अंबडेकर कॉलेज, दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज, इंदिरा गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ फिजिकल साइंसेज एंड स्पोर्ट्स साइंसेज, केशव महाविद्यालय, महाऋषि वाल्मीकि कॉलेज ऑफ एप्लाइड साइंसेज, महाराज अग्रसेन कॉलेज, शाहिद राजगुरु कॉलेज ऑफ एप्लाइड साइंसेज फॉर वूमेन और शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज , दिल्ली सरकार से सौ फीसद वित्त पोषित कॉलेज हैं। डीयू के शिक्षकों ने उम्मीद जताई है कि इस फंड से कॉलेजों के शिक्षक व कर्मचारियों को राहत मिलेगी। इससे पहले सरकार ने 25 मार्च को इन अब कॉलेजों के लिए 40 करोड़ 75 लाख रुपये जारी किए गए।