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'जेल में केजरीवाल की जान को खतरा', अतीक अहमद और टिल्लू ताजपुरिया का उदाहरण देकर दिल्ली हाईकोर्ट में PIL दायर

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सहित दर्ज सभी आपराधिक मामलों में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को असाधारण अंतरिम जमानत पर रिहा करने की मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। जनहित याचिका में गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया और अतीक अहमद की हिरासत में हत्याओं का उदाहरण देते हुए कहा गया है कि तिहाड़ जेल में केजरीवाल की सुरक्षा खतरे में है।

By Jagran News Edited By: Sonu Suman Published: Thu, 18 Apr 2024 09:28 PM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2024 09:28 PM (IST)
केजरीवाल की जान को खतरा बताकर पीआईएल दायर।

विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जान को जेल में खतरा बताया गया है। इस याचिका में असाधारण अंतरिम जमानत की मांग की गई है क्योंकि तिहाड़ में कट्टर अपराधियों के साथ बंद होने के कारण उनकी सुरक्षा खतरे में बताया गया। बता दें, केजरीवाल दिल्ली शराब घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं।

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याचिका में कहा गया है कि मुख्यमंत्री की जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए, सभी मुद्दों पर तत्काल निर्णय लेने और बड़े स्तर पर जनकल्याण में आदेश पारित करने के लिए केजरीवाल की उनके कार्यालय और घर में उपस्थित रहना आवश्यक है। अधिवक्ता करण पाल सिंह के माध्यम से दायर याचिका पर सोमवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन व न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ द्वारा सुनवाई की जाएगी।

विधि की पढ़ाई करनेवाले छात्र ने दायर की याचिका

विधि की पढ़ाई करने वाले चौथे वर्ष के छात्र ने हम भारत के लोग नाम से दायर की है। याचिकाकर्ता ने कहा कि उन्होंने इस उपाधि का इस्तेमाल सिर्फ इसलिए किया है क्योंकि उन्हें कोई प्रसिद्धि या लाभ नहीं चाहिए। अंतरिम याचिका में केजरीवाल को दैनिक आधार पर कामकाजी घंटों में अपने आधिकारिक सरकारी कार्यालय में उपस्थित होने और सभी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने की अनुमति देने का निर्देश देने की मांग की गई है।

समय पर इलाज न होने पर कैदियों की हुई मौत

साथ ही दिल्ली सरकार के किसी भी स्थान या कार्यालय का निरीक्षण करने के साथ आधिकारिक कर्तव्यों को निभाने के लिए आवश्यक सभी कदम उठाने की अनुमति देने के लिए एक और निर्देश देने की मांग की गई है।

याचिका में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी की जेलों में इतने सारे कैदियों की मौत सिर्फ इसलिए हुई है क्योंकि उन्हें समय पर चिकित्सा सुविधाएं और सेवाएं प्रदान नहीं की गईं।

मुख्यमंत्री होने के नाते स्वास्थ्य उपलब्ध हो

याचिका में कहा गया है कि मुख्यमंत्री होने के नाते यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि केजरीवाल के लिए सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवाएं, चिकित्सा उपकरण और विशेषज्ञ डॉक्टर हर समय उपलब्ध हों। हालांकि, जेल परिसर के सुरक्षा कारणों से न्यायिक हिरासत के तहत ऐसा संभव नहीं है।

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि दुष्कर्म, लूट, हत्या और डकैती के आरोपितों के बीच मुख्यमंत्री की सुरक्षा बहुत खतरे में है।यह भी तर्क दिया कि केजरीवाल या उनके परिवार के सदस्यों या सहयोगियों पर ऐसा आरोप नहीं है कि उन्होंने किसी गवाह को धमकी दी हो।

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