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दिल्ली से सटे गुरुग्राम के आतंकी कनेक्शन से लोग हैरान, खुफिया एजेंसियों पर सवाल

दिन भर एनआइए की रिपोर्ट के आधार पर जेएंडके में आतंकियों को धन मुहैया कराने के आरोपित व्यवसायी जहूर अहमद शाह वटाली की संपत्ति ईडी द्वारा जब्त करने की चर्चा चलती रही।

By Edited By: Published: Wed, 13 Mar 2019 06:03 PM (IST)Updated: Thu, 14 Mar 2019 09:20 AM (IST)
दिल्ली से सटे गुरुग्राम के आतंकी कनेक्शन से लोग हैरान, खुफिया एजेंसियों पर सवाल
दिल्ली से सटे गुरुग्राम के आतंकी कनेक्शन से लोग हैरान, खुफिया एजेंसियों पर सवाल

गुरुग्राम, जेएनएन। दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम के आतंकी कनेक्शन से यहां के लोग हैरान हैं। बुधवार दिन भर चाय की दुकानों, पार्को से लेकर सरकारी कार्यालयों में एनआइए की रिपोर्ट के आधार पर जेएंडके में आतंकियों को धन मुहैया कराने के आरोपित व्यवसायी जहूर अहमद शाह वटाली की संपत्ति ईडी द्वारा अटैच करने की चर्चा चलती रही।

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चर्चा के दौरान हर किसी की जुबान से यही बात निकली कि गुरुग्राम में रह रहे संदिग्धों के खिलाफ गोपनीय स्तर पर अभियान चलाना चाहिए, ताकि आसानी से पहचान हो सके। बताया जाता है कि कुछ समय पहले डीएलएफ फेज दो निवासी जहूर अहमद शाह वटाली को आतंकी फंडिंग के आरोप में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने गिरफ्तार किया था। वह जमानत पर है।

जांच में आतंकी फंडिंग का आरोप साबित होने पर प्रवर्तन निदेशालय ने उसकी डीएलएफ फेज-दो की संपत्ति (मकान नंबर एल-25/4 का भूतल) अटैच कर ली। मकान की पहली व दूसरी मंजिल किसी और के नाम है। सूत्रों के मुताबिक जांच में यह सामने आया है कि वटाली का लश्कर-ए-तैयबा से संबंध है। डीएलएफ फेज-दो की संपत्ति भी उसने आतंकी फंडिंग से ही खरीदी है।

इस बात से शहर के लोग हैरान के साथ ही चिंतित भी हैं, क्योंकि दिल्ली के नजदीक होने की वजह से गुरुग्राम में आतंकियों के सक्रिय होने की आशंका है। बिना पंजीकरण के चल रहे हैं हजारों गेस्ट हाउस गुरुग्राम के विभिन्न इलाकों में हजारों गेस्ट बिना पंजीकरण के चल रहे हैं।

नियम है कि संचालक पूरी जानकारी रखें, लेकिन इसके ऊपर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इससे गुरुग्राम में संदिग्धों का छिपना आसान है। यही नहीं कस्बाई इलाकों में काफी संख्या में बांग्लादेशी रह रहे हैं। उन इलाकों में भी संदिग्ध आसानी से अपना ठिकाना बना सकते हैं।

जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष कुलभूषण भारद्वाज कहते हैं कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गुरुग्राम में मकान खरीदने वालों से लेकर किराये पर रहने वालों की जांच पड़ताल होनी चाहिए। बिना पंजीकरण के हजारों गेस्ट हाउस चल रहे हैं। पहले बिना पंजीकरण के चल रहे गेस्ट हाउस बंद होने चाहिए। साथ ही जो भी पंजीकरण गेस्ट हाउस हैं उनकी प्रतिदिन शाम के दौरान जांच अनिवार्य होनी चाहिए।

राजीव देशवाल (पुलिस उपायुक्त (क्राइम), गुरुग्राम) का कहना है कि संदिग्धों की पहचान को लेकर लगातार अभियान चलाया जा रहा है। क्राइम ब्रांच की टीमें इसके ऊपर विशेष रूप से नजर रख रही हैं। जहां कहीं भी संदिग्ध दिखाई देता है, उससे पूछताछ शुरू कर दी जाती है। लोगों से भी अपील है कि उन्हें जहां कहीं भी कुछ संदिग्ध दिखाई दे, पुलिस को सूचना दें। 


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