Chhath Puja 2021: दिल्ली में रह रहे UP-बिहार के लोगों को बुधवार को मिल सकती है बड़ी खुशखबरी
Chhath Puja 2021 उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में बुधवार को होने वाली दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक में छठ मनाने की अनुमति दिए जाने के संकेत हैं। हालांकि यह अनुमति सशर्त होगी और कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करना भी अनिवार्य होगा।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। सियासी जद्दोजहद के बाद ही सही, लेकिन देश की राजधानी दिल्ली में भी छठ मनाई जा सकेगी, जिससे दिल्ली में रह रहे यूपी और बिहार के लोगों को खुशी होगी। उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में बुधवार को होने वाली दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक में छठ मनाने की अनुमति दिए जाने के संकेत हैं। हालांकि, यह अनुमति सशर्त होगी और कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करना भी अनिवार्य होगा। आठवीं तक के स्कूल खोलने की मंजूरी भी दी जा सकती है।
गौरतलब है कि रामलीला और दुर्गा पूजा की अनुमति मिलने के बाद से ही छठ पर्व मनाने की अनुमति के लिए भी दिल्ली और केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ गया है। तीनों ही राजनीतिक दल छठ के लिए अनुमति दिए जाने की वकालत कर रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस मुख्यमंत्री आवास के पास प्रदर्शन तक कर चुके हैं, जबकि आप के मुखिया मुख्यमंत्री अर¨वद केजरीवाल स्वयं उपराज्यपाल को छठ पर्व मनाने की छूट देने के लिए पत्र लिख चुके हैं। इसी के मद्देनजर बुधवार को डीडीएमए की बैठक बुलाई गई हे।
बुधवार दोपहर साढ़े 12 बजे वीडियो कांफ्रेंस के जरिये होने वाली इस बैठक में अन्य विशेषज्ञों के साथ-साथ मुख्यमंत्री भी उपस्थित रहेंगे। बैठक के बाद केजरीवाल पत्रकार वार्ता भी कर सकते हैं। सूत्र बताते हैं कि छठ मनाने की छूट दी जाएगी, लेकिन यमुना घाटों पर नहीं, बल्कि दिल्ली सरकार द्वारा तैयार किए जाने वाले कुछ कृत्रिम घाटों पर।
लागू किए जा सकते हैं ये नियम
- दिल्ली में बने घाटों पर भी कोरोना से बचाव के सभी नियमों का पालन सुनिश्चित करना होगा। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भी पुख्ता प्रबंध रहेगा।
- इस दौरान मास्क तो अनिवार्य रहेगा ही, सिविल डिफेंस वालंटियर इस बात का भी ध्यान रखेंगे कि घाट पर एक समय में अधिक भीड़ एकत्र न हो सके।
- यह नियम भी लागू किया जा सकता है कि सार्वजनिक रूप से छठ मनाने की अनुमति, उन्हीं को दी जाए जिन्होंने कोरोना रोधी टीका लगवा रखा है।
- वैकल्पिक दिनों में छोटे-छोटे समूहों में आठवीं कक्षा तक के बच्चों को भी स्कूल बुलाने की अनुमति दी जा सकती है। हालांकि बड़ी कक्षाओं की तरह ही इन कक्षाओं के लिए स्कूल प्रबंधन की कोई जोर जबरदस्ती नहीं होगी। माता पिता की इच्छा से ही बच्चों को स्कूल भेजा जा सकेगा।