छठ पूजा की अनुमति न मिलने से दिल्ली में रहने वाले पूर्वांचल व मिथिला के लोग ऐसे करेंगे सरकार का विरोध
छठ पूजा के आयोजन की अनुमति नहीं मिलने से दिल्ली में रहने वाले पूर्वाचल व मिथिला के लोग आहत हैं। ऐसे में छठ पूजा आयोजन समितियों ने रविवार को छठ घाटों पर दीप व कैंडल जलाकर विरोध प्रदर्शन का फैसला लिया है। इस संबंध में उन्होंने दिल्ली सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार की अपील की है
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। छठ पूजा के आयोजन की अनुमति नहीं मिलने से दिल्ली में रहने वाले पूर्वाचल व मिथिला के लोग आहत हैं। ऐसे में छठ पूजा आयोजन समितियों ने रविवार को छठ घाटों पर दीप व कैंडल जलाकर विरोध प्रदर्शन का फैसला लिया है। इस संबंध में उन्होंने दिल्ली सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार की अपील की है तो केंद्र सरकार से भी हस्तक्षेप का आग्रह किया है। अगर पूजा के आयोजन की अनुमति नहीं मिलती है तो आयोजन समिति से जुड़े लोग जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन की भी योजना बना रहे हैं। दिल्ली की छठ पूजा समितियां इसको लेकर एक मंच पर आने लगी है। इस लेकर आइटीओ स्थित हंस भवन में अखिल भारतीय मिथिला संघ की बैठक हुईं।
इसकी अध्यक्षता विजय चंद्र झा ने की। इस बैठक में वक्ताओं ने कहा कि छठ पूजा को नदी के किनारे या सार्वजनिक जगह पर नहीं करने की घोषणा पर सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए। छठ पूजा पूर्वाचल, मिथिलांचल की महान सूर्योपासना का पर्व है। वैसे भी कोरोना संक्रमण की स्थिति पिछले साल की तरह बिल्कुल नहीं है। सीमापुरी स्थित छठ महापर्व आयोजन समिति के संस्थापक सुनील झा ने कहा कि जब बाजार खुल गए हैं और राष्ट्रीय राजधानी में रामलीला व दुर्गापूजा के आयोजन को अनुमति दे दी गई है। फिर छठ को निशाने पर क्यों रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में लाखों की संख्या में पूर्वाचल और मिथिला के लोग रहते हैं, जिनकी सूर्य की उपासना के इस पर्व पर गहरी आस्था है। अनुमति नहीं मिलने से उनकी आस्था को चोट पहुंची है।
ऐसे में इसके लिए भी दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की ओर से जल्द दिशानिर्देश जारी करना चाहिए और नदियों, तालाबों और सार्वजनिक जगहों पर छठ पूजा करने की इजाजत दी जानी चाहिए। बैठक में लोगों ने यह निर्णय भी लिया कि सभी दलों में पूर्वाचल के लोग मिलकर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, विपक्ष के नेताओं और राजनीतिक दलों के प्रमुख से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपेंगे तथा छठ पूजा को मनाने की अनुमति की मांग करेंगे। इस अवसर पर छठ आयोजन समिति के तपन कुमार झा, विद्यानंद ठाकुर, विजय मिश्र, विनीत कुमार झा व राम दयाल महतो सहित लगभग 50 संगठनों से अधिक के प्रतिनिधियों ने अपने विचार व्यक्त किए और सभी ने एक स्वर में कहा कि पूजा होनी चाहिए।