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प्रायोगिक शिक्षा से स्कूलों में बोया जा सकता है देशभक्ति का बीज

छात्रों के मुताबिक देशभक्ति को लोग शिक्षा के साथ-साथ पेशे से भी जोड़कर देखते हैं। 95 फीसद से अधिक लोग मानते हैं कि अगर कोई व्यक्ति पेशे से सैनिक है तो वो बाकियों से ज्यादा देशभक्त है ।

By Prateek KumarEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 06:46 PM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 07:03 PM (IST)
बिरला विद्या निकेतन के छात्रों और प्रधानाचार्या मीनाक्षी कुशवाहा ने देशभक्ति की भावना को लेकर तैयार किया रिसर्च पेपर।

नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। छात्रों को सच्चा राष्ट्रभक्त बनाने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा शुरू किया गया देशभक्ति पाठ्यक्रम कारगर साबित हो सकता है अगर उसे प्रायोगिक शिक्षा और तर्कसंगत भावना का उपयोग कर सिखाया जाए। ये बातें पुष्प विहार स्थित बिरला विद्या निकेतन स्कूल के 10वीं से 12वीं के 29 छात्रों और प्रधानाचार्या मीनाक्षी कुशवाहा द्वारा तैयार रिसर्च पेपर में निकल कर आई हैं।

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स्कूल के छात्रों के मुताबिक उन्होंने दुनिया भर के 2026 छात्रों और शिक्षकों से जब देशभक्ति को लेकर सवाल किया तो 60 फीसद लोगों ने माना कि उनके मन में देशभक्ति की भावना स्कूलों में स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस मनाकर जागृत हुई थी। वहीं, 57.3 फीसद लोगों के मुताबिक युद्ध की घटनाएं, राष्ट्रीय आंदोलनों और स्वतंत्रता सेनानियों से संबंधित कहानियों ने उनमें देशभक्ति की भावना को जन्म दिया है। वहीं, 47.8 फीसद लोगों ने इतिहास की कक्षा से और 36.2 फीसद लोगों ने कहा कि मीडिया के माध्यम से उन्होंने देशभक्ति की भावना को समझा है।

स्कूल की प्रधानाचार्या मीनाक्षी कुशवाहा के मुताबिक आधुनिक युग में बढ़ते अपराध और भ्रष्टाचार के कारण धीरे-धीरे छात्रों में देशभक्ति की भावना घटती जा रही है। इस भावना को बनाए रखने के लिए देशभक्ति पाठ्यक्रम के साथ-साथ अगर स्कूलों में प्रायोगिक शिक्षा और तर्कसंगत भावना का इस्तेमाल कर देशभक्ति का बीच बोया जाए तो ये आगे चलकर वटवृक्ष में बदल सकता है। क्योंकि, ज्यादातर छात्रों में स्कूलों में पढ़ाए गए पाठ से ज्यादा देशभक्ति पर आधारित गतिविधियों से देशभक्ति की भावना जागृत हुई हैं।

ऐसे में प्रायोगिक शिक्षा के तहत स्कूलों में राष्ट्रीय पर्व, स्वच्छता अभियान और सामुदायिक सेवा कार्य और तर्कसंगत भावनात्मक सोच के तहत स्कूलों में जागरूकता अभियान, कहानी सुनाने के सत्र, समावेशी माहौल बना कर पढ़ाई और मतदान की अनिवार्यता को समझने पर कार्यशालाएं आयोजित होनी चाहिए।

नेता या वैज्ञानिक के मुकाबले सैनिक होते हैं ज्यादा राष्ट्रभक्त

छात्रों के मुताबिक जब देशभक्ति को लोग शिक्षा के साथ-साथ पेशे से भी जोड़कर देखते हैं। 95 फीसद से अधिक लोग मानते हैं कि अगर कोई व्यक्ति पेशे से सैनिक है तो वो बाकियों से ज्यादा देशभक्त है। वहीं, 53.8 फीसद लोग शिक्षक को, 51.3 फीसद लोग चिकित्सक को, 50 फीसद लोग वैज्ञानिक को और 16.7 फीसद लोग नेताओं को बाकियों से ज्यादा देशभक्त मानते हैं।

76 फीसद से अधिक लोग राष्ट्र के प्रति निष्ठा को ही समझते हैं देशभक्ति -

राष्ट्र के प्रति निष्ठा - 76.8 %

राष्ट्र की सेवा - 73.9 %

कर्तव्यों का पालन करना - 58.2%

सहिष्णुता की भावना - 24.5%

तरक्की और विकास - 51.41%

त्याग - 33.41 %


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