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हैदराबाद में डॉक्टर के साथ दुष्कर्म व हत्या के खिलाफ दिल्ली में भी फूटा आक्रोश

दूसरे राज्य में घटी इस घटना ने भी दिल्ली वालों को इतनी पीड़ा पहुंचाई कि वह खुद को नहीं रोक पाएं और शनिवार को सड़कों पर उतर आए।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sat, 30 Nov 2019 10:23 PM (IST)Updated: Sat, 30 Nov 2019 10:23 PM (IST)
हैदराबाद में डॉक्टर के साथ दुष्कर्म व हत्या के खिलाफ दिल्ली में भी फूटा आक्रोश

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। वर्ष 2012 में चलती बस में दुष्कर्म कांड की यादें अभी ताजा ही हैं कि हैदराबाद में महिला पशु चिकित्सक के साथ कुछ इसी तरह दुष्कर्म व नृशंस हत्या की घटना ने दिल्ली वालों को झकझोर दिया। दूसरे राज्य में घटी इस घटना ने भी दिल्ली वालों को इतनी पीड़ा पहुंचाई कि वह खुद को नहीं रोक पाएं और शनिवार को सड़कों पर उतर आए।

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एनएसयूआइ ने किया प्रदर्शन

भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआइ) के कार्यकर्ताओं ने जहां संसद मार्ग थाने के नजदीक जमकर विरोध प्रदर्शन किया और तेलंगाना सरकार का पुतला फूंका। वहीं, इस घटना से आहत एक युवती विरोध दर्ज कराने सीधे लोकतंत्र की चौखट संसद भवन के बाहर पहुंच गई। सवाल वही यथावत कि देश की आधी आबादी अब भी क्यों असुरक्षित है? क्यों ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं, क्यों कानून पंगु है? क्यों महिलाओं के साथ क्रुर घटनाएं हो रही हैं?

अनु दुबे ने दर्ज कराया विरोध

एक निजी कंपनी में काम करने वाली अनु दुबे ने संसद भवन के गेट नंबर 2 व 3 पर पहुंचकर विरोध दर्ज कराया। अति संवेदनशील इलाके में एक युवती के प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही दिल्ली पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। क्योंकि, वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म मामले में भी लोग प्रदर्शन करते हुए विजय चौक पहुंच आए थे। तब कई दिनों तक हजारों लोगों ने विजय चौक से लेकर इंडिया गेट तक विरोध प्रदर्शन किया था। ऐसे में एक युवती के संसद भवन के बाहर विरोध-प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही दिल्ली पुलिस के जवान पहुंच आए और युवती को मनाने लगे।

हिरासत में लेकर हुई पूछताछ

जवानों ने उन्हें जंतर-मंतर जाकर विरोध जताने को कहा, लेकिन वह इसके लिए तैयार नहीं थीं। तब हिरासत में लेकर उन्हें संसद मार्ग थाना लाया गया और पूछताछ की गई। कुछ घंटे बाद उन्हें छोड़ दिया गया। हालांकि, युवती द्वारा दिल्ली पुलिस के महिला जवानों पर बदसलूकी का आरोप लगाने से अलग विवाद गहरा गया। यह खबर जैसे ही टीवी पर चली वैसे ही युवती के घर वाले अवाक रह गए। उनका छोटा भाई संसद मार्ग थाना पहुंच आया। हालांकि, उसने किसी से भी बातचीत नहीं की।

पुलिसवालों पर कार्रवाई की मांग

युवती के प्रदर्शन और उसके साथ बदसलूकी की जानकारी मिलने पर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद भी संसद मार्ग थाना आ गई। उन्होंने आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए दिल्ली पुलिस के उच्चाधिकारियों को ज्ञापन सौंपा। इसके साथ ही कुछ और भी लोग वहां पहुंच आए और महिला सुरक्षा को लेकर आवाज उठाने लगे।

हो रही जांच

पुलिस युवती से बदसलूकी के मामले की जांच कर रही है। इस बारे में दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता ने सफाई देते हुए कहा कि संसद भवन संवेदनशील इलाका है, उनसे कहा गया कि यहां धरने की इजाजत नही है। उनको समझाया गया कि आपको प्रदर्शन करना है तो जंतर मंतर पर करें, पर वह नहीं मानी, इसलिए महिला पुलिस की मदद से उनको वहां से हटाया गया। थाना लाकर पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। थाने में बदसुलूकी के जो भी आरोप हैं उसकी जांच कराई जा रही है।

अब घर से बाहर निकलने में लगता है डर...

अनु दुबे मूल रूप से राजस्थान की रहने वाली हैं। वह शनिवार अलसुबह घर वालों को बिना बताए संसद भवन पहुंच गई थीं। वह अपने हाथ में न्याय व महिला सुरक्षा की मांग को लेकर तख्ती लिए हुए थीं। खौफजदां चेहरे पर आंसू थे मानो किसी अपने को खो दिया हो। उन्होंने कहा कि अब तो घर से बाहर निकलने में भी डर लगता है। इस समाज में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। युवती जब हिरासत से बाहर आई तब भी आंखों में आंसू और वहीं सवाल मौजूं थे।

युवती को मेडिकल के लिए आरएमएल भेजा

थाने के बाहर बढ़ती हुई भीड़ को देखते हुए पुलिस ने युवती द्वारा महिला पुलिसकर्मियों द्वारा बदसलूकी के आरोप लगाने के बाद थाने के पिछले गेट से युवती को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए भेजा।

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