महाठग के चक्कर में फंसे विदेशी नागरिक, 37 सौ करोड़ रुपये की ठगी
पुलिस यह पता लगा रही है कि कंपनी में नाइजीरिया से कितने लोग कंपनी में निवेश किये थे और इसके अलावा अन्य कौन-कौन से देश के लोगों ने कंपनी में निवेश किया है।
नोएडा [ जेएनएन ] । सेक्टर 63 स्थित कंपनी द्वारा सोशल ट्रेडिंग कर मोटी कमाई करने के लुभावने ऑफर देकर लाखों लोगों से 37 सौ करोड़ रुपये की ठगी में विदेशी नागरिक भी शिकार हुए हैं।
फर्जीवाड़े के पर्दाफाश के बाद भारतीय निवेशकों के अलावा नाइजीरिया से भी निवेशक ने एसटीएफ से संपर्क किया है। शुक्रवार को एक दर्जन से अधिक लोगों ने एसटीएफ से संपर्क कर अपने साथ हुए फर्जीवाड़े की जानकारी दी।
एसटीएफ पश्चिमी यूपी के एएसपी राजीव नारायण मिश्र ने कहा कि शुक्रवार को एक नाइजीरियन नागरिक ने एसटीएफ को फोन कर फर्जीवाड़े के संबंध में जानकारी दी है।
उसने वहां और भी निवेशक होने की भी जानकारी एसटीएफ को दी। एएसपी ने बताया कि अभी कंपनी से मिले सभी डाटा का स्केनिंग का काम साइबर एक्सपर्ट कर रहे हैं। इसके बाद डाटा विश्लेषण का काम होगा।
जिससे पता लग सकेगा कि कंपनी में नाइजीरिया से कितने लोग कंपनी में निवेश किये थे और इसके अलावा अन्य कौन-कौन से देश के लोगों ने कंपनी में निवेश किया है।
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उधर, एसटीएफ के पर्दाफाश की खबर मीडिया में आने के बाद शुक्रवार को जयपुर राजस्थान के अलावा दिल्ली एनसीआर से लोगों ने एसटीएफ से संपर्क कर फर्जीवाड़े की सूचना दी।
STF के कार्यालय में आईटी अधिकारियों ने की पूछताछ
इस गैंग के पर्दाफाश के बाद ही एसटीएफ ने इसकी जानकारी आयकर विभाग, डीआरआई, मिनिस्ट्री ऑफ कार्पोरेट अफेयर सहित अन्य जांच एजेंसियों को दी थी।
आयकर विभाग की टीम ने पकड़े गए आरोपियों से सुरजपुर स्थित एसटीएफ कार्यालय में पूछताछ की। एसएसपी एसटीएफ अमित पाठक ने बताया कि आयकर विभाग की टीम के अलावा कार्पोरेट अफेयर मंत्रालय की सीरियस फ्रॉड इनवेंस्टिगेशन टीम जांच के लिए पहुंची है।
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इसके अलावा अन्य एजेंसियों को रिपोर्ट देने के लिए पूरे डाटा को एकत्रित किया जा रहा है। इसके लिए साइबर एक्सपर्ट और फॉरेंसिक लैब की टीम काम कर रही है। उधर, आयकर की टीम बैंक खाते की पूरी चेन की पड़ताल कर रही है कि पैसे कहा जमा होकर कहा तक पहुंचे हैं।
आरोपियों को पुलिस रिमांड पर लेगी एसटीएफ
बुधवार को सेक्टर 63 स्थित एब्लेज इंफो सॉल्यूशन कंपनी के निदेशक अनुभव मित्तल, सीईओ श्रीधर प्रसाद और टैक्निकल हैड महेश दयाल को एसटीएफ ने 37 सौ करोड़ के फर्जीवाड़े के आरोप में गिरफ्तार किया था।
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एसटीएफ के एएसपी राजीव नारायण मिश्र ने बताया कि तीनों आरोपियों को पूछताछ के लिए फिर से पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिया जाएगा। जिससे पूछताछ में फर्जीवाड़े के धंधे में संलिप्त अन्य लोगों के नाम भी सामने आ सकेंगे।
सुरक्षा को लेकर कंपनी के बाहर भारी पुलिस बल तैनात
सेक्टर 63 स्थित एब्लेज कंपनी का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद शुक्रवार को दिल्ली, पानीपत, सोनीपत, गुडग़ांव, गाजियाबाद व नोएडा से ग्राहक सेक्टर 63 स्थित कंपनी के दफ्तर पहुंचे थे।
यह लोग कंपनी की वास्तवित स्थित को जानने और अपने पैसे कैसे निकलेंगे इसकी जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि इसकी ठोस जानकारी देने के लिए कंपनी के तरफ से कोई मौजूद नहीं था।
कंपनी के बाहर सुरक्षा के लिए भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया। उधर, दोपहर के समय अद्र्ध सैनिक बल के जवानों ने भी कंपनी के आस-पास सहित पूरे सेक्टर में फ्लैग मार्च किया।
एसटीएफ को ई-मेल से करें शिकायत
37 सौ करोड़ के फर्जीवाड़े मामले में लाखों की संख्या में लोगों से ठगी हुई है। एसटीएफ के एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि शुक्रवार को नोएडा के अलावा बुलंदशहर, इंदिरापुरम गाजियाबाद, हरियाणा, हैदराबाद सहित अन्य कई जगहों पर पीडि़त पुलिस के पास शिकायत के लिए पहुंचे थे। इंदिरापुरम में एक रिपोर्ट भी दर्ज हुई है।
एसएसपी ने कहा कि फर्जीवाड़े का शिकार हुए लोग सीधे यूपी एसटीएफ से ई-मेल कर शिकायत कर सकते हैं। उन शिकायत को भी जांच में शामिल कर लिया जाएगा। जांच के बाद पीडि़त लोगों के मोबाइल नंबर का डाटा एकत्रित कर आगे केस के जांच के संबंध में बल्क एसएमएस कर पीडि़तों को एसटीएफ जानकारी भी देगी।
आरोपी का ऑडियो मैसेज हुआ वायरल
एसएसपी एसटीएफ अमित पाठक ने बताया कि आरोपी अनुभव मित्तल का एक वीडियो मैसेज वायरल हुआ है। जिसमें वह कुछ लोगों का नाम लेते हुए कहते हुए सुनाई दे रहा है कि चिंता करने की कोई बात नहीं है, जल्द ही वह छूटकर बाहर आ जाएगा और सबकुछ ठिक हो जाएगा।
इसके अलावा भी उसने कई बाते कहीं है। एसएसपी ने बताया कि वीडियों की जांच होगी और उसे भी जांच का हिस्सा बनाया जाएगा। हालांकि सबसे बड़ा सवाल है कि गिरफ्तारी के बाद इस प्रकार का वीडियो कैसे बना।
ऐसे हुआ था फर्जीवाड़ा
एसटीएफ के अनुसार सेक्टर 63 के एफ ब्लाक में स्थित एब्लेज इंफो सॉल्यूशन नाम की कंपनी ने अगस्त 2015 में सोशल टे्रड डॉट बिज नाम से ऑन लाइन पोर्टल बनाया।
पोर्टल से जुडऩे के लिए 5750 से 57 हजार 500 रुपये तक की चार स्कीम निर्धारित की। ग्राहकों को भरोसा दिलवाया गया कि आईडी लेने के बाद लॉग इन कर ऑन लाइन पोर्टल पर आकर पेज को लाइक करने पर हर लाइक पर पांच रुपये मिलेंगे। इस जाल में फंस कर लोग कंपनी के खाते में पैसा जमा कर कंपनी की आईडी लेनी शुरू कर दी थी।
काफी संख्या में निवेशक को लाइक के पैसे मिले, लेकिन एसटीएफ का दावा है कि भारी संख्या में निवेशक को पैसे नहीं मिलते थे। एसटीएफ ने तीन लोगों को इस मामले में गिरफ्तार कर साढ़े छह लाख लोगों से 37 सौ करोड़ के धोखाधड़ी के पर्दाफाश का दावा किया। कंपनी के खाते में पांच सौ करोड़ से अधिक रूपये एसटीएफ ने फ्रीज भी कराया है।