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दूसरे के पेटीएम से करते थे खरीदारी, फैला रखा था ठगी का जाल, तीन गिरफ्तार

पुलिस ने निगरानी शुरू की। जिस समय डिलीवरी एजेंट सामान लेकर पहुंचा, तो सामान लेने वाले इस्लामुद्दीन उर्फ मुस्तकीम को पुलिस ने सामान के साथ गिरफ्तार कर लिया।

By Edited By: Published: Mon, 05 Nov 2018 09:24 PM (IST)Updated: Tue, 06 Nov 2018 03:23 PM (IST)
दूसरे के पेटीएम से करते थे खरीदारी, फैला रखा था ठगी का जाल, तीन गिरफ्तार
दूसरे के पेटीएम से करते थे खरीदारी, फैला रखा था ठगी का जाल, तीन गिरफ्तार

नई दिल्ली, जेएनएन। जिम की सदस्यता लेने और हार्डवेयर की दुकान से सामान खरीदने का झांसा देकर जिम संचालक और हार्डवेयर दुकानदारों को ठगने में न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाना पुलिस ने एक नाबालिग समेत तीन लोगों को पकड़ा है। उनसे सात मोबाइल फोन, आठ ट्रॉली बैग सहित काफी सामान बरामद किया गया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान उत्तर प्रदेश के मथुरा के रहने वाले वसीम उर्फ अंसार और इस्लामुद्दीन उर्फ मुस्तकीम के रूप में हुई है।

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खाते से कट गए पैसे 
डीसीपी चिन्यम बिश्वाल ने बताया कि भारत नगर में हार्डवेयर के दुकान संचालक विशेष अग्रवाल ने शिकायत दी थी कि उनके पेटीएम अकाउंट से दो बार ट्रांजेक्शन हुआ। जिसने ट्रांजेक्शन की है उसने दुकान से सामान खरीदने और पेटीएम से भुगतान करने की बात कही थी। उन्होंने फोन पर आए ओटीपी के बारे में पूछा, ओटीपी बताने के बाद खाते में पैसे आने के बजाय उनके खाते से पैसे कट गए।

की गई थी ऑनलाइन शॉपिंग
एसएचओ राजेश कुमार मिश्रा को जांच में पता लगा कि जो ट्रांजेक्शन हुए हैं उनके जरिये ऑनलाइन शॉपिंग की गई है। मोबाइल कंपनी से बात करने पर पता लगा कि कुछ सामान मेवात के तावडू में पेट्रोल पंप के पास से आर्डर किया गया है। पुलिस ने पेट्रोल पंप के पास निगरानी शुरू की। जिस समय डिलीवरी एजेंट सामान लेकर पहुंचा, तो सामान लेने वाले इस्लामुद्दीन उर्फ मुस्तकीम को पुलिस ने सामान के साथ गिरफ्तार कर लिया।

कबूल किया गुनाह 
पूछताछ में उसने बताया कि वह और एक नाबालिग वसीम उर्फ अंसार के लिए काम करते हैं। इस्लामुद्दीन की निशानदेही पर पुलिस ने वसीम को गिरफ्तार करने के साथ नाबालिग को भी पकड़ लिया। पूछताछ में वसीम ने बताया कि वह गूगल से हार्डवेयर दुकानदार और जिम संचालकों के नंबर खोजता था। इसके बाद वह फोन पर जिम संचालक से सदस्यता लेने की बात करता था और हार्डवेयर दुकानदार से सामान खरीदने की बात करता था। इसके बाद पैसे ट्रांसफर करने का झांसा देकर वह पेटीएम के अकाउंट की डिटेल लेता था। उस डिटेल के जरिये ऑनलाइन खरीदारी करता था।

ऐसे लगाते थे चूना 
जिस समय ओटीपी मांगा जाता, तो वह जिम संचालक या हार्डवेयर दुकानदार, जिसकी डिटेल का प्रयोग खरीदारी के लिए किया गया है, उसके पास फोन करता और सामान खरीदने व सदस्यता लेने के लिए भुगतान करने के लिए उनके मोबाइल पर आए ओटीपी की जानकारी लेता था। ओटीपी मिलते ही वह अपने लिए उनके पेटीएम के जरिए खरीदारी कर लेता था।


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