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Navratri 2022: नवरात्रि के दूसरे दिन- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना, इन बातों का रखें विशेष ध्यान

Navratri 2022 मां के इस रूप की उपासना से तप त्याग वैराग्य आदि की वृद्धि होती है। तब नारद जी के उपदेश से इन्होंने भगवान शंकर को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी।

By JagranEdited By: Pradeep Kumar ChauhanPublished: Tue, 27 Sep 2022 06:05 AM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2022 06:08 AM (IST)
Navratri 2022: इसके दाहिने हाथ में जप की माला और बाए हाथ में कमण्डल रहता है।

 नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। Navratri 2022: शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां दूर्गा के दूसरे स्वरूप यानी मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना होती है। पंडित के मुताबिक मां दुर्गा का दूसरा स्वरूप भक्तों और सिद्धों को विशेष फल देने वाला होता है। ब्रह्मचारिणी देवी का स्वरूप पूर्ण ज्योतिर्मय एवं अत्यंत भव्य है। इसके दाहिने हाथ में जप की माला और बाए हाथ में कमण्डल रहता है।

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मां के इस रूप की उपासना से तप, त्याग, वैराग्य आदि की वृद्धि होती है। एक पौराणिक कथा के मुताबिक मां हिमालय के घर में पुत्री के रूप में जन्मी थी। तब नारद जी के उपदेश से इन्होंने भगवान शंकर को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी।

इसी दुष्कर तपस्या के कारण इन्हें तपश्चारिणी अर्थात ब्रह्मचारिणी नाम से अभिहित किया गया है। वहीं, बुधवार को नवरात्र का तीसरा दिन है और मां दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा अर्चना होगी। पंडित ने बताया कि मां दुर्गा की तीसरी शक्ति का नाम चंद्रघंटा है। मां का यह स्वरूप भी भक्तों के लिए विशेष फलदायी होता है। 

वहीं, नवरात्र के पहले दिन दिल्ली-एनसीआर के तमाम मंदिरों में पूजा अर्चना के लिए भक्तों की भीड़ रही। बड़े मंदिरों में सुबह चार बजे से ही दर्शन के लिए लाइन लगी रही। मंदिरों में हवन पूजन, अनुष्ठान आदि कार्यक्रम हुए। भक्तों ने घर में कलश स्थापना मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना कर व्रत रखा।

नवरात्र के दूसरे दिन श्रद्धालु मां ब्रह्मचारिणी को प्रसन्न करने के लिए पूजा व व्रत करेंगे। प्राचीन बाला त्रिपुर सुंदरी चतुर्भुजी देवी मंदिर दिल्ली गेट में भी नवरात्र महोत्सव का शुभारंभ हो गया। प्राचीन श्री बाला त्रिपुर सुंदरी चतुर्भुजी देवी मंदिर दिल्ली गेट के श्रीमहंत गिरिशा नंद गिरी मां भगवती की विधि-विधान से पूजा अर्चना व आरती की।

मुख्य आचार्य राम मनोहर अग्निहोत्री एवं 11 विद्वान आचार्यों द्वारा एवं आचार्य नित्यानंद ने सुबह और शाम अनुष्ठान एवं यज्ञ किया। अनुष्ठान पूरे नवरात्र जारी रहेगा। देवी मंदिर में तीन अक्टूबर को भव्य पंखा शोभायात्रा एवं चार अक्टूबर को भंडारे के साथ नवरात्र महोत्सव का समापन होगा। श्री दूधेश्वरनाथ मंदिर में आचार्य लक्ष्मीकांत पाढी एवं आचार्य अमित शर्मा ने मंदिर परिसर में नवरात्रि का अनुष्ठान किया जाएगा।

शिव शक्तिधाम डासना में भी सुबह मां भगवती पूजा व हवन किया गया। पूजा अर्चना के लिए मंदिर में भक्तों की भी भीड़ रही। गोविंदपुरम, शास्त्री नगर, विजय नगर, नेहरू नगर, अशोक नगर, घंटाघर, राजनगर, पटेल नगर आदि जगह मंदिर में भक्तों ने पूजा अर्चना की।

मां दुर्गा की मूर्तियों को दे रहे नया आकार

वहीं राजधानी दिल्ली और एनसीआर में दूर्गा पूजा महोत्सव को लेकर भी तैयारी तेज हैं। जीटी रोड पर दुर्गा पूजा के लिए कलाकार मां की दुर्गा की मूर्तियों को नया आकार देने में लगे हैं। जगह-जगह कलाकार दुर्गा पूजा के लिए मां की प्रतिमाओं का डिजायन तैयार कर रहे हैं।


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