Delhi: सरकारी स्कूलों के 15 हजार गेस्ट टीचरों को रेगुलर करने में फिर होगी देरी, अधिकारियों ने खो दी फाइल
राजधानी के सरकारी स्कूलों में कार्यरत 15 हजार अतिथि शिक्षकों की नियमित करने की फाइल अधिकारियों ने खो दी है। दिल्ली सरकार ने वर्ष 2017 में दिल्ली विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र आयोजित कर अतिथि शिक्षकों को नियमितिकरण करने का बिल पेश किया था।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी के सरकारी स्कूलों में कार्यरत 15 हजार अतिथि शिक्षकों की नियमित करने की फाइल अधिकारियों ने खो दी है। दिल्ली सरकार ने वर्ष 2017 में दिल्ली विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र आयोजित कर अतिथि शिक्षकों को नियमितिकरण करने का बिल पेश किया था।
बिल पेश करने के दौरान दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस बिल से अतिथि शिक्षकों के साथ-साथ लाखों छात्र-छात्राओं को भी फायदा पहुंचेगा। इस बिल के तहत कुल 17 हजार अतिथि शिक्षकों में से 15 हजार अतिथि शिक्षक विधेयक के प्रावधानों के अनुसार स्थायी होने हैं। ये वो शिक्षक हैं जो केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा को पास कर चुके हैं। वहीं बचे दो हजार अतिथि शिक्षक के तौर ही काम करते रहेंगे।
शिक्षकों को नियमित होने में लगेगा समय
लेकिन अब ये फाइल खो जाने से अतिथि शिक्षकों को नियमित करने की प्रक्रिया में एक बार फिर देरी हो जाएगी। शिक्षा निदेशालय के एक अधिकारी के मुताबिक फाइल लंबे समय से शिक्षा निदेशालय में ही थी, लेकिन अब जब शिक्षकों के नियमितिकरण को लेकर फाइल को खोजा गया तो वो गायब मिली।
कर्मचारियों को रिकॉर्ड चेक करने का आदेश
वहीं, शिक्षा विभाग के ई-पांच ब्रांच के उप शिक्षा निदेशक योगेश पाल सिंह ने फाइल सभी जिले और जोन के उप शिक्षा निदेशकों को आदेश दिया है कि वो अपने कर्मचारियों को रिकॉर्ड चेक करने को कहें, अगर रिकार्ड में अतिथि शिक्षकों के नियमितिकरण की फाइल मिलती है तो उसे निदेशालय की तिमारपुर स्थित ई-पांच ब्रांच में जमा करने को कहा है।
गेस्ट टीचर कर रहे हैं प्रदर्शन
अतिथि शिक्षक बीते 10 वर्षों से नियमितीकरण के लिए दिल्ली सरकार के सामने धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार ने आठ वर्ष पहले अतिथि शिक्षकों को नियमित करने का वादा किया था। 2017 में नियमित करने का बिल विधानसभा में पास भी हुआ था लेकिन सरकार आजतक एक भी अतिथि शिक्षक नियमित नही कर सकी।
अब छह वर्ष बाद सरकार को अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण बिल की याद आई तो शिक्षा विभाग ने उस बिल की फाइल ही गायब कर दी है। शिक्षा विभाग इतने महत्वपूर्ण मामले को लेकर असंवेदनशील कैसे हो सकता है। एक तरफ हजारों अतिथि शिक्षक नियमितीकरण का इंतजार कर रहे हैं, उनमें से कई तो अपनी नौकरी खो चुके हैं।
ऐसा प्रतीत होता है कि नियमितीकरण की महत्वपूर्ण फाइल जानबूझकर गायब करी गई हैं जिससे ये अतिथि शिक्षकों को नियमित करने का मामला उलझा रहे। शिक्षामंत्री और उपराज्यपाल से निवेदन है कि इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए और दोषियों पर विभागीय कार्रवाई होनी चाहिए। - शोएब राणा, महासचिव, ऑल इंडिया गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन