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दिल्ली सरकार की कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर आपत्तियां आनी शुरू

यमुना के साथ-साथ बनने वाले इस कॉरिडोर का विरोध करते हुए यमुना जिये अभियान संगठन ने दिल्ली सरकार, लोक निर्माण विभाग और केंद्र सरकार को पत्र लिखा है।

By Edited By: Published: Sun, 03 Jun 2018 08:54 PM (IST)Updated: Mon, 04 Jun 2018 10:22 AM (IST)
दिल्ली सरकार की कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर आपत्तियां आनी शुरू

नई दिल्ली (वीके शुक्ला)। दिल्ली सरकार की सिग्नेचर ब्रिज से लेकर डीएनडी फ्लाईवे तक बनने वाले एलिवेटेड कॉरिडोर परियोजना पर आपत्तियां आनी शुरू हो गई हैं। यमुना के साथ-साथ बनने वाले इस कॉरिडोर का विरोध करते हुए यमुना जिये अभियान संगठन ने दिल्ली सरकार, लोक निर्माण विभाग और केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। संगठन ने मांग की है कि इस परियोजना को यमुना के साथ-साथ न गुजार कर रिंग रोड के साथ-साथ गुजारा जाए। संगठन के संयोजक मनोज मिश्रा ने इस परियोजना को लेकर मुद्दा उठाया है।

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उन्होंने दिल्ली सरकार से कहा है कि यमुना के साथ बनने वाले इस कॉरिडोर की परियोजना अति संवेदनशील है। इसलिए इसके रूट को पब्लिक डोमेन में डाला जाए ताकि लोग सुझाव दे सकें। उन्होंने कहा है कि यमुना में किसी भी निर्माण को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की अनुमति नहीं है। इसलिए बताया जाए कि क्या एनजीटी से अनुमति ली गई है।

दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा है कि जब यमुना के नजदीक कॉरिडोर बनेगा तो सभी एजेंसियों से अनुमति लेकर ही बनेगा। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण परियोजना के प्रस्तावित रूट की लागत काफी कम होगी। इसको लेकर सभी संबंधित एजेंसियों से अनुमति के लिए पत्र लिखे गए हैं। साथ ही परियोजना सलाहकार की नियुक्ति के लिए टेंडर आमंत्रित किए गए हैं। दिल्ली सरकार के अधिकारी ने बताया कि इस परियोजना के लिए दिल्ली में यमुना के पूरे बाढ़ क्षेत्र का अध्ययन किया जाएगा। इसमें पिछले सौ साल के दौरान आई बड़ी बाढ़ और यमुना के बदले स्वरूप को शामिल किया जाएगा।

बता दें कि रिंग रोड पर बढ़ रहे वाहनों के दबाव को देखते हुए दिल्ली सरकार ने यमुना पर बन रहे सिग्नेचर ब्रिज से निजामुद्दीन स्टेशन (सराय काले खां) से होते हुए डीएनडी तक तक एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने का फैसला लिया है।

पीडब्ल्यूडी विभाग को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। इस कॉरिडोर की लंबाई 12 किलोमीटर होगी। इस कॉरिडोर के दो लिंक रोड आइटीओ और राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-9 के पास उतारे व जोड़ जाएंगे। इस पर लालबत्ती नहीें होगी और इसे बारापुला से भी जोड़ा जाएगा। इससे लोगों को सिग्नेचर ब्रिज से एम्स तथा नोएडा के लिए सिग्नल फ्री कॉरिडोर मिल सकेगा।


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