Lockdown in Delhi: कर्फ्यू के कारण टीकाकरण कराने वाले लोगों की संख्या घटी
पश्चिमी जिले के अंतर्गत चारों सरकारी अस्पतालों में रात के समय सवा सौ से अधिक लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है। ऐसे में रात के समय ये सुविधा जारी रखने का कोई खास लाभ स्वास्थ्य विभाग का नहीं मिल पा रहा है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पहले सप्ताहांत कर्फ्यू और अब पूर्ण कर्फ्यू ने मजबूती से जारी टीका अभियान को कमजोर कर दिया है। आलम यह है कि केंद्रों पर टीकाकरण कराने वाले लोगों की संख्या में कमी दर्ज की जा रही है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग फिलहाल काफी चिंतित है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के संकट को कम करने के लिए जरूरी है कि 60 से 70 फीसद लोगों का टीकाकरण हो। जिससे लोगों में मजबूत प्रतिरोधक क्षमता का विकास हो, ताकि वे वायरस को मात दे सके।
पश्चिमी जिले में फिलहाल 90 केंद्रों पर 112 साइटों पर टीकाकरण अभियान चल रहा है। पर शनिवार काे सप्ताहांत कर्फ्यू के बाद से केंद्रों पर लोगों की संख्या कम हो गई है। जहां जिले में नियमित रूप से 12 से 13 हजार लाेगों काे टीका लगाया जा रहा था, वह संख्या अब घटकर करीब सात हजार पहुंच गई है। हालांकि गली-मोहल्ले में स्थित कुछ डिस्पेंसरी व जच्चा-बच्चा केंद्र ऐसे भी है जहां टीकाकरण कराने वाले लोगों की लंबी कतार देखने को मिलती है। अधिक से अधिक टीके का लाभ उठा सके, इसके लिए सरकार के निर्देश के बाद से अस्पतालों में 24 घंटे टीका केंद्र खोले जा रहे है। पर रात के समय टीकाकरण के लिए आगे वाले लोगों की संख्या काफी सीमित है।
जानकारी के मुताबिक पश्चिमी जिले के अंतर्गत चारों सरकारी अस्पतालों में रात के समय सवा सौ से अधिक लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है। ऐसे में रात के समय ये सुविधा जारी रखने का कोई खास लाभ स्वास्थ्य विभाग का नहीं मिल पा रहा है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि उनके पास टीके के पर्याप्त डोज है और सभी केंद्रों पर पर्याप्त स्वास्थ्य कर्मचारी है। अब लोगों को आगे आने की जरूरत है, ताकि कोरोना संक्रमण के कारण बढ़ते मृत्युदर के आंकड़े पर विराम लगाया जा सके। बुधवार को रामनवमी की सरकारी छुट्टी होने के बावजूद सभी टीका केंद्र खुले रहेंगे।
वहीं लोगों का कहना है कि वे टीकाकरण कराना चाहते हैं, पर कर्फ्यू के कारण वे घर से बिना कर्फ्यू पास के नहीं निकल पा रहे है। जगह-जगह पुलिस गश्त व बेरिकेडिंग है। इसके अलावा कोरोना संक्रमण का डर लोगों में इतना अधिक है कि वे केंद्र पर भीड़भाड़ भरे माहौल के बीच जाने से लोग परहेज कर रहे हैं।